जयसिंहपुर : कांटे का मुकाबला अपेक्षित, क्या वापसी करेंगे गोमा ?
2008 में परिसीमन बदलने के बाद अस्तित्व में आया जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2012 में यहां कांग्रेस नेता यादविंदर गोमा विधायक बने तो, 2017 में भाजपा नेता रविंद्र धीमान ने गोमा को 10 हजार से अधिक मतों से हराया। इस बार यहां कांग्रेस ने यादविंदर गोमा को ही मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा की ओर से रविंदर धीमान मैदान में है। दोनों ही प्रत्याशियों ने इस चुनाव में एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया है और यहां मुकाबला टक्कर का दिखाई दे रहा है। 2017 के चुनाव में रविंदर धीमान यहां करीब 10,000 मतों से जीते थे, मगर इस बार जिस भी प्रत्याशी की जीत होगी अंतर बहुत कम रहने की संभावना है।
शुरूआती दौर में यहाँ सीटिंग विधायक रविंद्र धीमान की राह थोड़ी आसान दिख रही थी। दरअसल कांग्रेस में टिकट के दो दावेदार थे, गोमा और सुशील कौल। इसके चलते कांग्रेस के टिकट आवंटन में काफी देर हुई। पर आखिरकार कांग्रेस ने गोमा पर ही भरोसा जताया। पर टिकट मिलने के बाद गोमा का प्रचार काफी आक्रामक रहा। इसके अलावा ओपीएस और महिलाओं को पंद्रह सौ रुपये देने के कांग्रेस के वादों का भी यहाँ जमीनी असर दिखा। नतीजन अब कांग्रेस यहाँ जीत के दावे कर रही है। उधर, कांग्रेस से मौका न मिलने के बाद सुशील कौल ने राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी का दामन थामा और चुनाव लड़ा। अब कौल कितने वोट ले जाते है और किसको कितना नुक्सान पहुंचाते है, इस पर भी सबकी निगाह है। बहरहाल नतीजा आठ तारीख को आएगा और यहाँ कांटे का मुकाबला अपेक्षित है।