ओक ओवर पहुंचने की दौड़ में भी शामिल है ठाकुर साहब
कभी कबड्डी के मैदान में विरोधियों को पटकनी देने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर सियासत के मैदान के भी मंजे हुए खिलाड़ी है। इस बार ठाकुर अपनी परंपरागत सीट श्री नैनादेवी से नौवीं बार मैदान में है और छठी जीत दर्ज करने को लेकर आश्वस्त दिख रहे है। रामलाल ठाकुर की निगाहें तो विधानसभा पर टिकी है लेकिन उनका निशाना ओक ओवर पर भी है। दरअसल रामलाल ठाकुर का नाम कांग्रेस से सीएम पद के दावेदारों में शुमार है। ऐसे में जाहिर है इस बार नैनादेवी निर्वाचन क्षेत्र सूबे की हॉट सीटों में शुमार है।
इस सीट के अतीत पर निगाह डाले तो यहां रामलाल ठाकुर का वर्चस्व स्पष्ट दिखता है। 2008 के परिसीमन से पहले इस सीट को कोट कहलूर के नाम से जाना जाता था और फिर इसका नाम श्री नैनादेवी हो गया। रामलाल ठाकुर 1985 में पहली बार यहां से मैदान में उतरे और विधानसभा पहुंचे। पर 1990 में सीपीआई नेता केके कौशल ने उन्हें हरा दिया। उसके बाद रामलाल ठाकुर 1993, 1998 और 2003 में लगातार तीन बार जीते। इस दौरान वह कानून, खेल व अन्य विभागों के मंत्री भी रहे। उन्होंने स्वास्थ्य, उद्योग व वन विभाग भी संभाला। पर साल 2007 और 2012 में कांग्रेस के इस मजबूत किले में भाजपा ने सेंध लगाई और रणधीर शर्मा यहां से दो बार लगातार विधायक रहे। इसके बाद साल 2017 में रामलाल ठाकुर ने यहां से फिर चुनाव जीत कर वापसी की।
मौजूदा स्थिति की बात करें तो श्री नैना देवी सीट पर एक बार फिर राम लाल ठाकुर और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रणधीर शर्मा आमने सामने है। इस बार भी यहाँ करीबी मुकाबला संभव है। रामलाल ठाकुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और प्रदेश में यदि कांग्रेस सरकार बनती है तो ठाकुर सीएम पद के दावेदारों में से एक होंगे। यदि सीएम पद की दौड़ में पिछड़ भी गए तो भी ठाकुर को अहम जिम्मा मिलना लगभग तय है। जाहिर है मतदाता भी इस बात को समझता है और सम्भवतः इसका लाभ ठाकुर को मिला हो। इसके अलावा ओपीएस और महिला सम्मान राशि जैसे कांग्रेस के वादे भी लाभदायक सिद्ध हो सकते है। ऐसे में रामलाल ठाकुर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे है। उधर भाजपा भी जीत का दावा कर रही है। बहरहाल नतीजों के लिए आठ दिसम्बर का इन्तजार करना होगा।