किन्नौर: अचानक बर्फबारी के कारण सेब से लदे बगीचों में तबाही, शीत लहर का प्रकोप भी बढ़ा

जनजातीय जिला किन्नौर में लगातार दो दिन तक बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहा। जिसके कारण जिले की पहाड़ियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है और वही कुछ गांव में भी इस वर्ष की पहली बर्फबारी ने दस्तक दी है। वही दूसरी तरफ बारिश व बर्फबारी बागवानों के लिए आफत बनकर आई है। अचानक आई बर्फबारी के कारण सेब से लदे बगीचों में तबाही मचा दी है व सेब सहित टहनियों को भी क्षति पहुंची है। जबकि अभी भी किन्नौर में 30 प्रतिशत के करीब सेब का सीजन बाकी है। जिला किन्नौर में सेब यहां के लोगों की नकदी फसल है तथा अधिकांश लोग इसी पर निर्भर है। ऐसे में नेसंग, नाको, रिब्बा, कुनु, ठंगी, रोपा, हांगो, आसरंग, रकछम, सांगला कंडे, चांसु व यांगपा के मुसरंग आदि स्थानों पर बर्फबारी से बागवानों को आर्थिक नुकसान भी हुआ है। लगातार दो दिन तक हुई बारिश के कारण जगह -जगह सड़क मार्ग भी अवरुद्ध हुए हैं जिसके कारण यातायात भी बाधित हुई है।
जिला के पांगी/पुरबनी झूला के समीप, नेसंग झूला के समीप, भगत नाला सहित मलिंग नाला के पास राष्ट्रीय राज मार्ग अवरूद्ध है जिसे बहाल करने के लिए बीआरओ की टीम युद्धस्तर पर जुड़ी हुई है तथा दोपहर तक सड़क मार्ग बहाल करने की बात कही जा रही है। हालांकि मौसम खुलने के बाद जिले के लोगों ने राहत की सांस ली है। परन्तु शीत लहर का प्रकोप जारी है व लोगों ने गर्म वस्त्र धारण कर ली है। पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने पर मौसम विभाग की ओर से भी जिला के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया गया था। वही एहतियात के तौर पर उपायुक्त किन्नौर ने भी लोगों को नदी नालों, ऊँचाई वाले क्षेत्रों व अनावश्यक यात्रा करने से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई थी।