कुल्लू : मलाणा गांव अब आपदा के 1 महीने बाद सोलर लाइट से होगा रोशन

जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा गांव में बादल फटने के बाद से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। करीब 1 महीने पहले गांव में बादल फटा था, लेकिन उससे मची तबाही अभी भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। गांव की सड़क टूट चुकी है, पुल बाढ़ में बह गया है. मलाणा पंचायत का संपर्क टूट चुका है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि झूला पुल के जरिए लोगों को राशन भेजा जा रहा है, लेकिन करीब 26 दिन बीतने के बाद भी गांव अंधेरे में डूबा हुआ है और बिजली व्यवस्था अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। ऐसे में अब एक निजी संस्था द्वारा मलाणा में रोशनी के लिए सोलर लाइट उपलब्ध करवाई गई है। संस्था द्वारा 250 सोलर लाइट गांव की ओर भेजी गई है और सोलर लाइट के जरिए अब पूरा गांव जगमगाएगा। मलाणा गांव के लोगों के लिए मेक माय ट्रिप नाम की संस्था ने सोलर लाइट उपलब्ध करवाई हैं और अब ये सोलर लाइट गांव के लिए भेज दी गई है। लिहाजा, एक दो दिनों के भीतर गांव फिर से रोशनी से जगमगाएगा।
गौरतलब है कि 1 अगस्त को मलाणा नाला में बादल फटा था, जिस कारण क्षेत्र में तबाही मच गई थी और बिजली की लाइनों के साथ-साथ मलाणा-वन और दो प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा था। ऐसे में मलाणा गांव पूरी तरह से अंधेरे में डूबा है। हालांकि बिजली बोर्ड ने बिजली बहाल करने का काम जारी रखा है, लेकिन अभी तक गांव के लिए बिजली बहाल नहीं हो पाई है। कुल्लू प्रशासन द्वारा साढ़े तीन टन राशन पीडीएस के जरिए भी गांव के लोगों को मुहैया करवाया जा रहा है। ये राशन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने गांव तक पहुंचा दिया है। जो गांव में खुली सोसायटी के तहत लोगों में बांटा जाएगा। इस राशन को गांव तक पहुंचाने के लिए 52 नेपाली मजदूर लगाए गए। प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए खाद्य वस्तुएं ले जाने का काम जारी रखा है। अब गांव तक प्रशासन ने 9 टन राशन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अब तक करीब 8 टन राशन गांव तक पहुंचा दिया गया है, जबकि एक टन राशन अभी पहुंचाना बाकी है। गौरतलब है कि मलाणा नाले में आई बाढ़ से क्षेत्र में सड़क को भारी नुकसान पहुंचा है। पीडब्ल्यूडी द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां सड़क बनाने में करीब 6 महीने तक का समय लग जाएगा। लिहाजा, तब तक के लिए क्षेत्र में खाने-पीने की चीजें स्टोर करने की जरूरत है, जिसके लिए प्रशासन और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग लगातार कोशिश कर रहा है।