जिला कुल्लू में नशा तस्करों पर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में पुलिस की टीम ने 107 ग्राम हेरोइन के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हेरोइन को अपने कब्जे में ले लिया है और अब आरोपियों को अदालत में पेश करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं, आरोपियों से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है कि और कौन-कौन लोग इनके साथ शामिल हैं और कहां से वो ये नशा लेकर आए थे। एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर शाड़ाबाई में खेम राज के रिहायशी मकान की नियमानुसार चैकिंग की, तो इस दौरान घर से 107 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। वहीं, पुलिस ने खेम राज (उम्र 34 साल) निवासी भुंतर, प्रवेश कुमार (उम्र 32 साल) निवासी लुधियाना और भोला दत्त (उम्र 42 साल) निवासी भुंतर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। तीनों आरोपियों के कब्जे में बड़ी मात्रा में हेरोइन बरामद की है। तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना भुंतर में धारा 21, 29 मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले में पुलिस की जांच जारी है।
जिला मंडी में चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर औट के खोती नाला के पास एक 18 टायर वाला ट्रक बीती रात पलट गया। इस ट्रक पर हेवी मशीनरी लदी हुई थी। ट्रक पलटने के कारण चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे खोती नाला से आगे बड़ी गाड़ियों के लिए बंद हो गया है। घटना वीरवार रात करीब 9:00 की है। वहीं, हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और आगामी कार्रवाई शुरू की। गनीमत रही की हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर 18 टायर का एक ट्रक हेवी मशीनरी लेकर गुजर रहा था। तभी खोती नाला के पास ये ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट जाता है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये ट्रक मशीनरी लेकर कहां जा रहा था। इस ट्रक के सड़क पर पलटने से नेशनल हाईवे पर बड़ी गाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई है, जबकि छोटी गाड़ियों को एक तरफा ट्रैफिक रोक-रोक कर भेजा जा रहा है। मंडी से कुल्लू की ओर आने वाली सभी भारी गाड़ियों को पंडोह के आर्मी ट्रांजिट कैंप व मंडी के बिंद्रवणी में रोका जा रहा है। वहीं, मनाली से मंडी की ओर आने वाले भारी वाहनों को औट से पीछे रोक दिया गया है।
हिमाचल में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए सुक्खू सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए स्टडी लीव के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। स्टडी लीव पर जाने वाले अधिकारी-कर्मचारी को पूरा नहीं, अब सिर्फ 40 फीसदी वेतन ही मिलेगा। वहीं, 24 महीने तक के अध्ययन अवकाश के लिए प्रशासनिक की जगह अब वित्त विभाग अनुमति देगा। प्रशासनिक विभाग से शक्तियां वापस ले ली गई हैं। इसके लिए केंद्रीय सिविल सेवाएं अवकाश नियम -1972 को बदला गया है। नए नियम को केंद्रीय सिविल सेवाएं अवकाश हिमाचल प्रदेश नियम -2024 नाम दिया गया है। वर्ष 1986 से लेकर प्रशासनिक विभाग ही 24 महीने तक की स्टडी लीव के लिए अनुमति देता आया है। अब वित्त विभाग ही तय करेगा कि किसी विभाग के अधिकारी या कर्मचारी को अवकाश पर भेजना है या नहीं। हर साल बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी स्टडी लीव पर जाते हैं। अध्ययन अवकाश के दौरान उन्हें सरकार की ओर से पूरा वेतन दिया जाता है। स्टडी लीव पर अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों के रहने से जहां विभागों में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होता रहा है, वहीं सरकारी कोष को भी बड़ा नुकसान होता रहा है। अब देश या देश से बाहर ली गई अध्ययन छुट्टी के दौरान सरकारी कर्मचारी-अधिकारी को 40 प्रतिशत वेतन मिलेगा। इसके अलावा महंगाई भत्ता और मकान किराया भी मिलेगा। अवकाश वेतन का भुगतान सरकारी कर्मचारी की ओर से यह प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद होगा कि वह किसी अंशकालिक रोजगार के संबंध में किसी भी छात्रवृत्ति, वजीफे या पारिश्रमिक की प्राप्ति नहीं कर रहा है।
पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा लोक सेवा आयोग करवाएगा | आज सुक्खू कैबिनेट में इसको लेकर मजूरी दी गई है| हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। करीब पांच घंटे चली मंत्रिमंडल की बैठक में 36 एजेंडों पर विस्तृत चर्चा हुई| पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा लोक सेवा आयोग के माध्यम से करने के निर्णय को भी मंजूरी दी है| ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व सरकार द्धारा फ्री पानी का निर्णय खत्म वित्तीय संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने आज़ बिजली के बाद अब पानी की रियायत को भी खत्म कर दिया है। शिमला सचिवालय में हुई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व सरकार द्धारा फ्री पानी देने के निर्णय को खत्म करते हुए पानी के कनेक्शन पर 100 रुपए महीना फिक्स तय किया है। इसके पीछे जल शक्ति विभाग में घाटे का हवाला दिया गया है। जबकि 50 हजार से कम आय वाले लोगों, विकलांगो, एकल महिला को मुफ्त पानी मिलता रहेगा। आपदा प्रभावित 89 परिवारों का सारा खर्चा तीन महीने तक उठाएगी सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में हुए बादल फटने में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। दुखी परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए आपदा प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें क्रमशः 10,000 और 5,000 रुपये प्रति माह किराए पर देने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा 1 अगस्त, 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी री-फिल, बर्तन और बिस्तर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, बादल फटने से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय राहत वितरित की जाएगी एचआरटीसी की बसों में पुलिस जवानों को सरकारी कार्य के लिए ही मिलेगी मुफ्त सेवा वहीं एचआरटीसी की बसों में पुलिस जवानों को केवल सरकारी कार्य के लिए मुफ्त सेवा मिलेगी अन्यथा उसको सेवा का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा कैबिनेट ने आबकारी एवम काराधान विभाग दो विंग में विभाजित करने को मंजूरी दी है। जिसमें एक विंग जीएसटी और दूसरा काराधन विभाग होगा।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के प्रवेशद्वार भुंतर में देह व्यापार का भंडाफोड़ हुआ है। एक होटल में देह व्यापार का धंधा चल रहा था। पुलिस ने जब यहां देर रात दबिश दी तो दो कमरों से महिलाओं को रेस्क्यू किया। देह व्यापार के इस धंधे को दो नेपाली महिलाएं अंजाम दे रही थीं। पुलिस ने कुल 8 लड़कियों को यहां से पकड़ने के बाद उनका कुल्लू अस्पताल में मेडिकल करवाया है। एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने कहा कि महिला थाना कुल्लू में मामला दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों पर आज मौसम विभाग ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया हैं। शिमला शहर में भारी बारिश से पेड़ गिरने से गाडिय़ों को नुकसान पहुंचा है। कई इलाकों में भूस्खलन का खतरा मंडरा गया है। सांगटी, कृष्णानगर व संजौली में बहुमंजिला भवन खतरे की जद में हैं। वहीं, जोगिंद्रनगर उपमंडल में बुधवार को भारी बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। भूस्खलन के कारण सियुरी से छपरोट सडक़ बंद हो गई है। मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई है। करसोग उपमंडल में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। कई मार्गों पर आवाजाही ठप है। खराब मौसम के कारण विभिन्न स्थानों पर उत्पन्न स्थितियों और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत उपमंडल के सभी सरकारी और गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुरुवार को एक दिन की छुट्टी घोषित की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में दस अगस्त तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आठ और नौ तथा 11 से 13 अगस्त के लिए यलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश भर में बीते 24 घंटे के दौरान हुई बारिश में 748 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इनमें पीडब्ल्यूडी को 312 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज हुआ है।
** मंडी-कुल्लू-शिमला में बाढ़ में बहे लोगों की तलाश में सर्च आपरेशन जारी बादल फटने की घटना के सात दिन बाद शिमला के सुन्नी में दो शव बरामद हुए हैं। अब तक तीनों जिलों में 21 शव बरामद किए जा चुके हैं। बुधवार को शिमला में मिले दोनों शव महिलाओं के हैं और दोनों की पहचान रितिका और रचना के रूप में हुई है। यह दोनों शव सुन्नी डैम से बरामद किए गए हैं। शिमला में अब तक बरामद शवों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि इनमें से अब तक चार की ही पहचान हो सकी है। अन्य बरामद शवों को पहचान के लिए आईजीएमसी शिमला में रखा गया है, जबकि परिजनों के डीएनए सैंपल लैब में भेजे गए हैं। इसके अलावा शिमला में ही बरामद दो शवों का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। रेस्क्यू अभियान में मिले शवों को शिनाख्त के बाद परिजनों को सौंप दिया था। इनकी पहचान रचना उम्र 23 वर्ष गांव सूगा नजदीक सरपारा और दूसरे शव की पहना प्रीतिका पुत्री राजकुमार पांडे झारखंड निवासी के तौर पर हुई थी। उधर, कुल्लू और मंडी में बुधवार को चलाए गए सर्च अभियान के दौरान कोई भी शव नहीं मिल पाया है। यहां सर्च अभियान को जारी रखने का फैसला किया गया है। मंडी में अब भी एक और कुल्लू में दस लोग लापता हैं। कुल्लू के तीन लोग शिमला की तरफ बहे हैं। इनकी पहचान के लिए परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। समेज त्रासदी को लेकर चल रहे सर्च अभियान में अभी तक दस शवों को बरामद किया जा चुका है। सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है। सर्च आपरेशन के दौरान बरामद शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद आईजीएमसी शिमला के शव गृह में रखा जा रहा है। जिन शवों की पहचान नहीं हो पा रही है उनके डीएनए मैच किए जा रहें। शिमला में मंगलवार को मिले एक युवक के शव को लेकर दोबारा संशय बन गया है। इस शव को पहले कांगड़ा के युवक का बताया जा रहा था। हालांकि युवक के अभिभावकों ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया है। इसके बाद युवक का शव परिजनों को नहीं सौंपा है। हालांकि पहचान के लिए युवक के परिजनों का डीएनए सैंपल लिया गया है। इसके मिलान के बाद ही पहचान हो पाएगी। गौरतलब है कि शिमला से 33 लोग लापता हो गए थे। इनमें से ज्यादातर बेहद खराब हालत में बरामद हो रहे हैं। इन शवों को पहचानने के लिए डीएनए की मदद ली जा रही है। अब गुरुवार को नौंवे दिन भी शिमला, मंडी और कुल्लू से लापता लोगों की तलाश की जाएगी।
**दिखाने होंगे ये ज़रूरी दस्तावेज, तभी होगा बदलाव ! अब आधार कार्ड में जन्मतिथि और नाम बदलवाना आसान नहीं रहा। अब पहले की तरह आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ या नाम नहीं बदला जाएगा। अब UIDAI यानी यूनीक आईडेंटिटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अब नियमो में कई बलाव किए है। अब आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ चेंज करवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र और हाई स्कूल की मार्कशीट दिखाना ज़रूरी हो गया है। बिना जन्म प्रमाणपत्र के आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ और नाम में कोई भी बदलाव नहीं किए जा सकेंगे। इसके साथ ही जन्मतिथि में बदलाव करने के लिए एक व नाम में कोई बदलाव करने के लिए सिर्फ दो बार ही मौका दिया जाएगा। वही हाईस्कूल पास न करने वाली महिलाएं व पुरुषों के लिए जन्म प्रमाण पत्र दिखाना जरूरी है तभी आपके आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ और नाम में बदलाव किया जा सकेगा।
जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बीते दिनों तीन सैलानी को रेस्क्यू करने गई टीम में शामिल एक होमगार्ड का जवान गिरने से घायल हो गया। ऐसे में रेस्क्यू टीम फिर से होमगार्ड के जवान को रेस्क्यू करने के लिए घटनास्थल पर गई और स्थानीय लोगों की मदद से अब होमगार्ड जवान को रेस्क्यू कर लिया गया है। होमगार्ड का अस्पताल इलाज किया जा रहा है और उसकी हालत अब स्थिर है। कुल्लू होमगार्ड के कमांडेंट निश्चित सिंह नेगी ने बताया, बीते दिनों मणिकर्ण घाटी के कायलूधार में तीन सैलानी फंस गए थे और होमगार्ड व रेस्क्यू टीम तीनों सैलानियों को रेस्क्यू करने के लिए गई। इस दौरान टीम में शामिल एक होमगार्ड का जवान गिरने से घायल हो गया। होमगार्ड को रेस्क्यू करने के लिए फिर से एक रेस्क्यू टीम भेजी गई और स्थानीय लोगों की मदद से उसे रेस्क्यू भी कर लिया गया। वहीं, होमगार्ड के घायल जवान को स्ट्रेचर पर लिटाकर रेस्क्यू टीम द्वारा मुख्य सड़क तक लाया गया। करीब 10 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद होमगार्ड जवान को मंगलवार रात 12 बजे के बाद सड़क तक पहुंचाया और उसके बाद उसे उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू लाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। कुल्लू होमगार्ड के कमांडेंट निश्चित सिंह नेगी ने बताया, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान होमगार्ड का जवान गिर गया था और उसकी पीठ में चोट आई थी। उसके बाद घटनास्थल के लिए एनडीआरएफ, होमगार्ड और स्थानीय युवाओं को रेस्क्यू के लिए भेजा गया था। अब घायल जवान की हालत बेहतर है। गौरतलब है कि कुल्लू जिले के तहत मणिकर्ण घाटी के मलाणा में बीती 31 जुलाई की रात को बादल फटा था, जिसके चलते नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया था और रास्ते भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिसके चलते कई सैलानी मणिकर्ण की घाटियों में फंस गए थे, जिन्हें बचाव दल द्वारा सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में होगी। इस बैठक में कई अहम फैसले होंगे। विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने की कैबिनेट में मंजूरी मिल सकती है। इसमें मानसून के दौरान बादल फटने से हुई घटनाओं के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों से संबंधित चर्चा भी हो सकती है। आपदा में हुए नुकसान को लेकर राहत पैकेज पर सरकार निर्णय ले सकती है।पिछले साल आई आपदा के बाद एक तय अवधि के लिए सरकार ने अपने स्तर पर विशेष पैकेज दिया था। इस बार भी पीड़ितों को आवास सुविधा देने जैसे निर्णय हो सकते हैं। इसके अलावा हिमकेयर योजना में पाई गई अनियमितताओं पर चर्चा और स्वास्थ्य विभाग में ऐसी योजनाओं में विभिन्न सुधारों के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट भी राज्य कैबिनेट की बैठक में रखी जा सकती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा में सुधार वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर सात से 83 प्रतिशत पहुंच गई है। प्रदेश के अस्तित्व में आने के समय लगभग 300 शिक्षण संस्थान थे, जो आज बढ़कर 16 हजार से ज्यादा हो गए हैं। सरकार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसको लेकर शिक्षा विभाग में 7,000 खाली पद भरे जा रहे हैं। राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में मंगलवार को अमर उजाला के मेधावी छात्र सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में आधारभूत ढांचा मजबूत किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिले। इसके लिए शिक्षा में क्लस्टर सिस्टम लागू किया है। इससे स्कूलों की तस्वीर बदल रही है। बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ी है। संसाधनों का उचित उपयोग हो रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा के लिए प्रयास कर रही है। वर्तमान सरकार ने अध्यापकों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रमण कराया है। विदेशों की अच्छी शिक्षा प्रणाली समझकर प्रदेश में लागू करने के प्रयास हो रहे हैं। शिक्षा ढांचा मजबूत करने के लिए विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 99 स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। पांच और पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल मर्ज कर रहे हैं। दो से तीन किलोमीटर के दायरे में स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को आधी रात में आई त्रासदी को 5 दिन बीत गए हैं। मगर इस तबाही में लापता हुई जिंदगियों की तलाश अभी भी जारी है। मंडी के तेरंग से लेकर रामपुर के समेज तक, आज 6ठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। समेज गांव में 5 दिन बीत जाने के बाद भी लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है। समेज में लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं, ताकि शव मिलने पर उसकी पहचान की जा सके। वहीं, मंडी के तेरंग में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यहां लापता 10 लोगों में से 8 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि बाकि 2 की तलाश जारी है। मंडी के चौहार घाटी राजबन गांव में सर्च ऑपरेशन के छठे दिन 9वां शव बरामद हुआ है। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को पद्धर उपमंडल के इस इलाके में बादल फटने के बाद तबाही मच गई थी, जिसमें 10 लोग लापता हो गए थे। मंगलवार को 46 साल की खुडी देवी का शव बरामद हुआ है जबकि 30 वर्षीय हरदेव की तलाश जारी है। सर्च ऑपरेशन में एनडीआरएफ से लेकर एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के 100 जवान लगे हुए हैं। सर्च ऑपरेशन के लिए मशीन भी पहुंच गई है। कुल्लू, रामपुर और मंडी में बादल फटने और फ्लैश फ्लड के बाद मची तबाही के बाद ऑपरेशन लगातार जारी है। छठे दिन भी राहत और बचाव टीमें तीनों स्थानों पर लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। मानसून के सीजन में हिमाचल में बारिश हर साल तबाही मचाती है जिसमें जान और माल का काफी नुकसान होता है। हिमाचल प्रदेश में 27 जून से शुरू हुए मानसून में अब तक 37 बादल फटने या फिर फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई हैं जबकि 46 लोग लापता हैं। ये सभी लोग 31 जुलाई की रात और एक अगस्त की सुबह कुल्लू, मंडी और शिमला के रामपुर में बादल फटने के बाद से लापता हैं। अब तक के मानसून सीजन में 83 मकान, 14 दुकान और 23 गौशालाएं तबाह हो गई हैं। वहीं 38 घरों को नुकसान पहुंचा है और 56 मवेशियों की भी मौत हुई है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक इस बार के मानसून सीजन में 18 लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं।
कुल्लू: पर्यटन नगरी मनाली के पलचान में अब जल्द बाईपास सड़क बनेगी। केंद्र सरकार ने भी पलचान बाईपास मार्ग को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। इस सड़क के बनने से पर्यटकों की रोहतांग पास और अटल टनल होते हुए लाहौल-लेह जाने की राह आसान हो जाएगी। सात किलोमीटर लंबे इस बाईपास मार्ग पर 88.53 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अनुसार यह मार्ग नेहरूकुंड से पलचान तक सड़क को बाईपास करेगा और सोलंगनाला के पास तक यह सड़क बनाई जाएगी। इस बाईपास सड़क में 3 ब्रिज बनाने की योजना भी है। इस बाईपास के बनने से नेहरूकुंड से लेकर पलचान तक लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी और पर्यटक भी अटल टनल से होते हुए लाहौल घाटी तक आसानी से आ-जा सकेंगे, क्योंकि नेहरूकुड से लेकर पलचान तक रोहतांग पास और अटल टनल की तरफ जाने वाले सैलानियों को एक ही सड़क से जाना पड़ता है। इसके कारण उन्हें कई घंटों तक जाम का सामना करना पड़ता है। अब बाईपास सड़क बन जाने के बाद पर्यटकों को टनल, लाहौल और लेह-लद्दाख जाने में परेशानी नहीं होगी। इस बाईपास पर पहला ब्रिज नेहरूकुंड में ब्यास नदी पर बनेगा और उसके बाद सोलंग सोलंगनाला के पास 2 ब्रिज बनेंगे। इन 2 पुलों में एक पिछले दिनों तबाही मचाने वाले अंजनी नाले पर भी बनाने की योजना है। ऐसे में अब इस बाईपास सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है। इस पलचान बाईपास सड़क का निर्माण बीआरओ (सड़क सीमा संगठन) करेगा। डीएफओ कुल्लू एंजल चौहान ने बताया कि, 'डबललेन बईपास सड़क निर्माण के लिए करीब 15 हैक्टेयर भूमि का उपयोग किया जा रहा है,जिसमे 8 हैक्टेयर से अधिक निजी और 6.48 हैक्टेयर सरकारी भूमि जद में आएगी। इस भूमि का अधिग्रहण कर लोगों को इसका मुआवजा देने का कार्य आरंभ किया जा चुका है, जबकि इस सड़क के निर्माण के लिए वन विभाग को दिए जाने वाले 1 करोड़ 40 लाख रुपए, एनपीवी और सीए देने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सोलंगनाला और अटल टनल की तरफ जाने के लिए बाईपास बनाने की फाइनल अप्रूवल आनी है। वन विभाग ने इसकी सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अंतिम मंजूरी आने के बाद बाईपास सड़क निर्माण की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
**पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी भेजा समेज त्रासदी के बाद से चल रहे सर्च ऑपरेशन के छठे दिन आज सुबह सुन्नी डैम के करीब डोगरी में एक शव बरामद हुआ है। यह शव पुरुष का है। यह जानकारी अतिरित उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि पुरुष का शव सही हालात में है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सी एच सी सुन्नी के लिए भेज दिया गया है। कुल्लू प्रशासन को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा सर्च ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ है। अभी तक छह शव सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद किए जा चुके है।
जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में डैम के क्षतिग्रस्त होने से सड़कों को खासा नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते यहां पर 25 से ज्यादा सैलानी फंस गए थे। ऐसे में अब सैलानियों को रसोल की पहाड़ियों से होते हुए रेस्क्यू किया गया है। मलाणा में सैलानियों को स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीम की मदद से रसोल की पहाड़ियों से अब जरी लाया गया है। सोमवार सुबह से ही सभी सैलानियों को मलाणा से निकालकर जरी पहुंचाया गया। बता दें कि रविवार को सैलानियों ने जिला प्रशासन से उन्हें मलाणा से बाहर निकालने का आग्रह किया था। मलाणा पंचायत के उप प्रधान राम जी ठाकुर ने बाताया, मलाणा में 25 से ज्यादा सैलानी फंसे हुए थे। ऐसे में अब प्रशासन द्वारा ये फैसला लिया गया कि इन सैलानियों को रसोल के रास्ते बाहर निकाला जाए, क्योंकि मलाणा के रास्ते क्षतिग्रस्त हैं। इसके लिए प्रशासन की ओर से रेस्क्यू टीम भेजी गई और स्थानीय लोगों ने भी इसमें काफी मदद की है। अब प्रशासन से ये आग्रह है कि वे यहां पर जल्द से जल्द सड़क को ठीक करें और मलाणा गावं की ओर जाने वाले पुल का भी निर्माण करें, ताकि लोगों को आवागमन में आसानी हो सके। एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने बताया, "सैलानियों को रसोल के रास्ते से बाहर निकाला गया और सभी सैलानी सुरक्षित हैं। मलाणा गांव को जोड़ने के लिए सड़क और पुल का कार्य भी जल्द किया जाएगा। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को मलाणा में बादल फटा था, जिसके कारण मलाणा डैम क्षतिग्रस्त हो गया और पार्वती नदी में भी बाढ़ आ गई, जिससे मलाणा के पुल समेत वहां की सड़कों को खासा नुकसान पहुंचा और मलाणा का सबसे संपर्क टूट गया। इस दौरान 25 से ज्यााद सैलानी मलाणा में फंस गए थे, जिन्हें अब प्रशासन ने रसोल की पहाड़ियों के रास्ते जरी पहुंचा दिया है और वहां से उन्हें अपने-अपने घरों के लिए रवाना कर दिया है। वहीं, अस्थाई तौर पर मलाणा में भी ग्रामीणों ने लकड़ी के पुल का निर्माण किया है, ताकि लोगों को मलाणा से बाहर आने-जाने में परेशानी न हो।
हिमाचल प्रदेश में कई दिनों की भारी बारिश के कारण जल प्रलय की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश में जगह-जगह अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग और 87 अन्य सड़कें बंद हो गई हैं। हिमाचल पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के चलते चंद्रभाग नदी का जल स्तर बढ़ गया है। लाहौल और स्पीति जिले में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आ गई और जिंग जिंगबार के पास मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर पानी और मलबा आ गया। वहीं, अगले तीन दिन मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है और मौसम विभाग ने सात और आठ अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, उत्तराखंड में केदारनाथ धाम और उसके रास्ते में फंसे लोगों को मौसम साफ होने के बाद सुरक्षित निकालने के काम में तेजी आई है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के चलते चंद्रभाग नदी का जल स्तर बढ़ गया है। लाहौल और स्पीति जिले में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आ गई और जिंग जिंगबार के पास मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर पानी और मलबा आ गया। इसके चलते दारचा और सरचू पुलिस चेक पोस्ट पर अगले आदेश तक यातायात रोक दिया गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) राजमार्ग से मलबा हटाने में जुटा है। मौसम विभाग ने पूर प्रदेश, विशेषतौर पर कांगड़ा, हमीरपुर और चांबा जिलों में भारी बारिश के चेतावनी दी है और खराब मौसम को लेकर दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य के अन्य भागों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1,401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584, भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया। पांच दिन में 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है।
मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों से मुलाकात करने के लिए आ रही हैं| वे मंगलवार को आपदा प्रभावितों के साथ मुलाकात करेंगी| उनका सुबह नौ बजे जिला शिमला और जिला कल्लू के सीमावर्ती गांव समेज में जाकर आपदा प्रभावितों से मुलाकात करने की योजना है| वे यहां समेज गांव में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगी और पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात करेंगी| इसके बाद में रामपुर से कुल्लू के बागीपुल के लिए रवाना होंगी| बागीपुल में दोपहर 12:30 बजे आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगी और लोगों से मुलाकात भी करेंगी| सके बाद दोपहर 1:40 पर वे निरमंड पहुंचेंगी| आज शाम सात बजे रामपुर आएंगी कंगना रनौत कंगना रनौत के हिमाचल दौरे पर उनके साथ आने के विधायक लोकेंद्र कुमार, रामपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी रहे कौल नेगी, रामपुर बीजेपी मंडल अध्यक्ष कुलवीर खूंद और आनी मंडल अध्यक्ष योगेश भार्गव मौजूद रहेंगे| मंडी की संसद कंगना रनौत सोमवार शाम 7 बजे ही रामपुर पहुंच जाएंगी और उनका ठहराव एसजीवीएन गेस्ट हाउस में होगा|
शिमला: प्रदेश में फिलहाल मानसून सामान्य चल रहा है आने वाले 7 और 8 अगस्त को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के तीन जिला चंबा, कांगड़ा और मंडी में कुछ चुनिंदा इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. वहीं बीते 24 घंटों में प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून सामान्य रहा है| बीते 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य बारिश रिकार्ड की गई है | इस दौरान बारिश का प्रभाव प्रदेश के उत्तर क्षेत्र में अधिक देखने को मिला है. खास तौर पर लाहौल स्पीति, किन्नौर और कल्लू ज़िला के ऊंचाई वाले इलाकों में अधिक बारिश दर्ज की गई है| उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में भी प्रदेश कि ज्यादातर हिस्सों में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. मगर 7 और 8 अगस्त की रात प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है| इस दौरान जिला चंबा, कांगड़ा और मंडी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है|
शिमला: सुन्नी के डैम क्षेत्र में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार सुबह एक शव बरामद किया गया है। सुबह सात बजे स्थानीय लोगों को डैम के एक किनारे पर एक शव दिखाई था। इसकी सूचना सर्च ऑपरेशन में लगी टीम को दी गई। इसके बाद टीम ने शव को पानी से बाहर निकाला। शव एक महिला का है, जिसकी उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। महिला की एक टांग शरीर के हिस्से के साथ नहीं थी। इसके साथ ही सिर का ऊपरी हिस्सा भी नहीं है। चेहरे पर काफी चोटें लगी हैं। महिला के कानों में टॉप्स है। रेस्क्यू टीम ने शव को सीएचसी सुन्नी में पोस्टमाटर्म के लिए भेज दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि एक शव सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में बरामद हुआ है। अभी इसकी पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया से यह शव हाल ही का लगता है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। शव की पहचान का काम तीव्र गति से चला हुआ है। इसके साथ ही कुल्लू प्रशासन को भी शव की पहचान के लिए सूचित कर दिया गया है। गौरतलब है कि रामपुर में 31 जुलाई को बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हैं उनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। बता दें कि समेज गांव में बादल फटने की घटना के बाद कुछ लोगों सतलुज नदी में बहने की संभावना है। ऐसे में इनकी तलाश के लिए समेज से करीब 120 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है, क्योंकि बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर से पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 15 अगस्त को देहरा में राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उनके अलावा जिलास्तरीय कार्यक्रमों में भी मंत्रियों की ड्यूटी तय की गई है। जिला स्तरीय कार्यक्रमों में राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया सोलन, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री शिमला, कर्नल धनीराम शांडिल हमीरपुर, चंद्र कुमार ऊना, हर्षवर्धन चौहान लाहौल स्पीति के केलांग, जगत सिंह नेगी किन्नौर के रिकांगपिओ, रोहित ठाकुर चंबा, अनिरुद्ध सिंह नाहन, विक्रमादित्य सिंह कुल्लू, राजेश धर्माणी मंडी और यादविंद्र गोमा बिलासपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उधर, उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि 15 अगस्त को सुबह 11 बजे देहरा के शहीद भुवनेश डोगरा स्टेडियम में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत होगी। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल और किशोरी लाल भी समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह के लिए पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, भाषा विभाग, नगर परिषद देहरा सहित अन्य सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी भूमिका से अवगत करवा दिया गया है। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर देहरा में एसडीएम शिल्पी बेक्टा की अध्यक्षता में बैठक हुई। उपमंडल स्तर के अधिकारियों और नगर परिषद के प्रतिनिधियों के साथ हुई इस बैठक में एसडीएम ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के लिए सबको जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि देहरा में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए परेड का पूर्वाभ्यास 12, 13, 14 अगस्त को किया जाएगा।
जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत ढोल के दुराना गांव के शुभम धीमान 26 साल की उम्र में शहीद हो गए हैं। शुभम धीमान पुत्र स्वर्गीय रूमाल सिंह जो कि 14 डोगरा रेजीमेंट में थे व वर्तमान में लेह में अपनी सेवाएं दे रहे थे वह शुक्रवार शाम को लेह में अपनी ड्यूटी करते हुए गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए। शुभम धीमान अभी अविवाहित थे। वह अपने पीछे माता संतोष देवी उम्र 53 साल और बड़ा भाई पंकज कुमार को छोड़ गए हैं। शुभम धीमान का बड़ा भाई पंकज धीमान लखनऊ में प्राईवेट नौकरी करता है। शुभम धीमान के पिता भी आर्मी से रिटार्यड हुए थे व डेढ़ साल पहले ही उनका देहांत हुआ है। इस परिवार के ज्यादातर सदस्य आर्मी की पृष्ठभूमि से संबंधित रहे हैं। शुभम धीमान डेढ़ महिना पहले ही छुट्टी काट कर गया था। उसके चाचा कैप्टन सतीश धीमान व दूसरे चाचा सूबेदार मेजर रिटायर्ड जोगिंद्र धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कल रात को सेना की तरफ से दुर्घटना के बारे जानकारी दी थी, लेकिन शनिवार सुबह बेटे के शहीद होने की सूचना दी गई। सेना की तरफ से बताया है कि पार्थिव शरीर रविवार को दोपहर 2 बजे तक गांव में पहुंच जाएगा। वहीं, पंचायत प्रधान शालू, मेजर पीसी आजाद, उपप्रधान साधू राम राणा, कैप्टन दूनी सिंह, सूबेदार मेजर अवतार सिंह पठानिया, रक्षपाल शास्त्री, कैप्टन पवन सिंह, कैप्टन हरवंस सिंह राणा, कैप्टन जगदीश राणा, कैप्टन बलदेव सिंह राणा सहित दुराना गांव के लोगों ने छोटी उम्र में वीर जवान शुभम के इस तरह से जाने पर गहरा दुख प्रकट किया।
रामपुर: शिमला जिले के उपमंडल रामपुर में समेज त्रासदी के तीसरे दिन सर्च ऑपरेशन खत्म होने के बाद देर रात को डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बड़ी समीक्षा बैठक बुलाई। ये बैठक मोनाल कॉन्फ्रेंस हॉल एसजेवीएनएल रामपुर में आयोजित की गई, जिसमें ये फैसला लिया गया कि रविवार यानी आज से समेज में सर्च ऑपरेशन के लिए 6 एलएनटी मशीनों की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही तैनात रेस्क्यू टीम में भी वृद्धि की जाएगी। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को प्रभावित सभी सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग को सभी प्रभावित पेयजल आपूर्ति की लाइनें जल्द बिछाने के निर्देश दिए हैं। विद्युत विभाग को तीन दिनों में प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग को 37 प्रभावित परिवारों को एक महीने का मुफ्त राशन मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग को टीडी नियमों के मुताबिक प्रभावितों को लकड़ी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। डीसी शिमला ने बताया कि समेज में सर्च ऑपरेशन के दौरान एक मेडिकल टीम नियुक्ति की जाएगी। रविवार से रेस्क्यू और मेडिकल टीम सुबह से लेकर शाम तक घटनास्थल पर ही सक्रिय रहेगी। बैठक के दौरान अभी तक के सर्च ऑपरेशन और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बैठक को संबोधित किया। इस दौरान आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, सीआईएसएफ, अग्निशमन के अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान जमीनी स्तर पर आ रही चुनौतियों के बारे में चर्चा की। बैठक में सर्च ऑपरेशन को लेकर आगामी रणनीति भी तैयार की गई। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को रामपुर में भारी बारिश हुई और समेज गांव की पहाड़ियों में बादल फट गया। जिसके चलते गांव के साथ बहते नाले में बाढ़ आ गई। बादल फटने के चलते फ्लैश फ्लड आया, जिसमें भारी मात्रा में मलबा और बड़ी-बड़ी चट्टानें थी। लोग घरों में सो रहे थे जब ये सैलाब आया और सबको बहा ले गया। 1 अगस्त की सुबह तक समेज गांव का अस्तित्व ही मिट गया। जहां कभी एक भरा-पूरा गांव हुआ करता था, अब वहां हर ओर सिर्फ मलबा ही मलबा है। इस त्रासदी में 36 लोग लापता हैं, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। आज समेज में रेस्क्यू ऑपरेशन का चौथा दिन है, लेकिन किसी का कोई नामोनिशान नहीं है।
जिला कुल्लू में पुलिस की नशा तस्करों पर कार्रवाई लगातार जारी है। इसी के तहत पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते प्रीणी में पुलिस की टीम ने दो आरोपियों के कब्जे से 882 ग्राम चरस बरामद की है। पुलिस ने चरस को अपने कब्जे में ले लिया और अब दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं, दोनों आरोपियों से इस बात की पूछताछ की जा रही है कि आखिर वो कहां से यह चरस लेकर आए थे और आगे किसे बचने के लिए जा रहे थे। एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि कुल्लू की एंटी नारकोटिक्स ट्रैफिक फोर्स की टीम ने प्रीणी नाला पुल पास पुराना ग्रीन टैक्स बैरियर में नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान एक गाड़ी (नंबर HP 01K 9279) को रूटिन चेंकिग के लिए रोका गया, तो चैकिंग के दौरान गाड़ी सवार व्यक्ति से 882 ग्राम चरस बरामद की। आरोपी की पहचान शिवू राम (उम्र 40 वर्ष) निवासी बालीचौकी जिला मंडी और भीमी राम (उम्र 61 वर्ष) निवासी मनाली के तौर पर हुई है। मामले को लेकर दोनों आरोपी शिवू राम व भीमी राम के खिलाफ पुलिस थाना मनाली में धारा 20, 25 व 29 मादक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज करके गिरफ्तार किया गया है। मामले को लेकर आगामी जांच जारी है।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में पीटीए, पीरियड, एसएमसी और वर्क लोड आधार पर शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को आदेश जारी कर दिए हैं। पत्र में स्पष्ट किया है कि ऐसी नियुक्तियों के लिए सरकार से वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी। भविष्य में कानूनी अड़चनें पड़ने पर संबंधित शिक्षण संस्थान प्रमुख ही जिम्मेवार होंगे। ऐसे मामले सामने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार के पास लगातार इस प्रकार की नियुक्तियां किए जाने की शिकायतें आई हैं। ऐसी नियुक्तियां होने के बाद संबंधित शिक्षक या गैर शिक्षक की ओर से स्थायी तौर पर रखने को लेकर कोर्ट की शरण ली जा रही है। ऐसे में सरकार ने इस बाबत सख्ती बरतते हुए स्कूल स्तर पर इस प्रकार की नियुक्तियां नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूलों में अस्थायी तौर पर किसी भी शिक्षक या गैर शिक्षक को नियुक्त नहीं किया जा सकता है। जिन स्कूलों में इस प्रकार की नियुक्तियां दी गई हैं, वहां की रिपोर्ट तलब की गई है। सरकार की ओर से इन नियुक्तियों के लिए वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी।
** चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रदान की जाएंगी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज डॉ. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, जिला कांगड़ा तथा इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों को सशक्त करने के लिए साधन और संसाधनों को व्यापक स्तर पर सृजित और सुदृढ़ करेगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और पर्याप्त स्टाफ की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को भविष्य की जरूरतों और तकनीक के आधार पर सुदृढ़ करने तथा संसाधन सृजन पर बल दिया। उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर विषयों की सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कमियों को चिन्हित कर उनका उचित समाधान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणात्मक चिकित्सा देखभाल के लिए छह मरीजों के अनुपात पर एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी। मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों से परामर्श के लिए प्रतीक्षा अवधि कम की जाएगी और परामर्श अवधि बढ़ाई जाएगी, जिसके लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सक तैनात किए जाएंगे। मरीजों के पंजीकरण के लिए पंजीकरण कांउटर की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि लोगों को चिकित्सक से परामर्श के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े। बैठक में बताया गया कि टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2023 में मेडिसिन विभाग में 72,069 मरीजों, ऑर्थोपेडिक्स में 56,124, जनरल सर्जरी में 25,856 मरीजों सहित सभी विभागों में कुुल 6,05,489 मरीजों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। मुख्यमंत्री ने टांडा महाविद्यालय में विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में 100 बिस्तर क्षमता का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ विकसित किया जा रहा है जिसे शीघ्र ही कार्यशील कर दिया जाएगा तथा बीएससी नर्सिंग कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों, पैरा मेडिकल तथा अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों को भरने की स्वीकृति भी दी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला की समीक्षा करते हुए इसमें विभिन्न श्रेणियों के पदों के सृजन और लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों से संबंधित सभी निर्णय व्यापक स्तर पर जन कल्याण भावना के दृष्टिकोण से लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विभिन्न भवनों की मरम्मत के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023 में इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिसिन विभाग में 1,43,291 मरीजों, आर्थोपेडिक्स विभाग में 85,161, जनरल सर्जरी विभाग में 77,012 मरीजों सहित सभी विभागों में 8,72,829 मरीजों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। सुक्खू ने कहा कि अटल सुपर स्पेशिएलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा को भी निरंतर सुदृढ़ किया जा रहा है। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, उपाध्यक्ष राज्य योजना बोर्ड भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, मलेंद्र राजन व हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, टांडा व शिमला चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य व चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने किया समेज घटनास्थल का निरीक्षण लोक निर्माण एंव शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को समेज घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रभावित लोगों और पीड़ितों से भी मिले। घटना स्थल पर स्थानीय लोगों ने घटना के बारे में कैबिनेट मंत्री को बताया।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि समेज गांव में दो वैली ब्रिज स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए शिमला से वैली ब्रिज का सामान मंगवा लिया गया है। कुछ ही दिनों में वैली ब्रिज सुचारू हो जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि यहां पर अतिरिक्त मशीनरी की तैनाती की जा रही है ताकि खोज एवं बचाव कार्य को और तीव्रता मिल सके। इस बारे में संबंधित विभाग को निर्देश दे दिए गए है। कैबिनेट ने कहा कि यह त्रासदी झकझोरने वाली है। हम पूरी तरह लोगों के साथ खड़े है। प्रदेश सरकार हर संभव सहायता कर रही है। इस हादसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चला हुआ है। लेकिन भारी मलबा होना के कारण सर्च ऑपरेशन में कई चुनौतियां पेश आ रही है। उन्होंने कहा कि 85 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग के सदस्य रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत दिवस समेज दौरे के दौरान आपदा प्रभावितों को 50 हजार रुपए की फौरी राहत राशि और किराए पर मकान के लिए 5000 रुपये देने की घोषणा की है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को आपदा से निपटने के लिए दिल खोल कर आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने इस दौरान कैबिनेट मंत्री को खोज एवं बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान 7वें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक रामपुर नंद लाल, पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रभा नेगी, पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी, उपमंडल दण्डाधिकारी रामपुर निशांत तोमर सहित कई विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) ने स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की खाली सीटों को भरने के लिए इस बार प्रवेश प्रक्रिया में ही बदलाव कर दिया है। पहली बार बदली प्रवेश प्रक्रिया के तहत एचपीयू पीजी की खाली सीटों को भरने के लिए कुछ शर्तें लगाकर छात्र-छात्राओं को आवेदन का मौका देने वाला है। इतना ही नहीं, एचपीयू सब्सिडाइज्ड और नॉन सब्सिडाइज्ड श्रेणी की सीटें भरने को प्रवेश परीक्षा आधारित कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 700, मेरिट आधारित कोर्स के लिए 500 रुपये फीस भी वसूल करेगा। फिर चाहे छात्र ने एडमिशन के लिए पहले ही आवेदन फीस चुका ली हो। हालांकि, यह परोक्षरूप से छात्र-छात्राओं पर अतिरिक्त फीस थोपी गई है। एचपीयू के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने सभी शैक्षणिक विभागों को कार्यालय आदेश जारी किए हैं। आदेशों में तय प्रक्रिया के अनुसार ही विभाग खाली सीटों के लिए फिर से आवेदन आमंत्रित करेंगे। अधिष्ठाता अध्ययन ने विभागों से तीन अगस्त तक खाली सीटों का ब्योरा और सीट भरने के लिए आवेदन मंगवाने से संबंधित जानकारी मांगी है। इसी के आधार पर एचपीयू पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन करने को एडमिशन पोर्टल खोलेगा। बता दें कि यह पहला मौका होगा जब विवि खाली सीटें भरने के लिए फीस की वसूली करेगा। पहले खाली सीटों पर वीसी की मंजूरी पर प्रवेश दिया जाता था। डीएस कार्यालय के सर्कुलर के मुताबिक प्रवेश, आवेदन और सीट आवंटन के लिए तीन नियमों के अनुसार सीटें भरी जानी हैं।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने हिमकेयर योजना को संशोधित किया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी सेवारत, सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) से तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों का इंपेनलमेंट 1 सितंबर 2024 से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। अब इन अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज नहीं होगा। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य एम सुधा देवी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने सोलन में कहा था कि बहुत से लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए जाते हैं। जहां पर इलाज काफी महंगा है। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ निजी अस्पताल मनमर्जी के रेट भी मरीजों को लगाते हैं। बताया जा रहा है कि इसी के चलते निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज की सुविधा को बंद करने का फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 5 अगस्त से तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद केवल सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के ऐसे प्रस्तावों पर कार्रवाई और कार्यान्वयन किया जाएगा, जो व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांत-2013 के पैरा 8 के तहत विशेष रूप से प्रदान की गई परिस्थितियों के अनुरूप होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व उपायुक्तों को इन निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन के लिए सभी संबंधितों के ध्यान में लाने को कहा है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 1 मार्च, 2024 को जारी पत्र के जरिये बताया था कि 1 अप्रैल, 2024 से या आदर्श आचार संहिता लागू होने की तारीख से जो भी पहले हो, कर्मचारियों के सामान्य तबादलों पर प्रतिबंध फिर से प्रभावी हो जाएगा। इसी के तहत अब तबादलों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है। पर्यटन स्थल सूने हैं। हिमाचल में अब तक ढाई हजार सैलानियों ने बुकिंग रद्द या होल्ड कर दी है। इसके अलावा ट्रैकिंग ट्रिप पर जाने का कार्यक्रम भी सैलानियों ने स्थगित कर दिया है। हालांकि बरसात के चलते हिमाचल में इन दिनों ऑफ सीजन चल रहा है, लेकिन इन दिनों में भी होटलों में 30 से 40 फीसदी तक एक्यूपेंसी रहती है। लेकिन प्राकृतिक आपदा के आपदा वीकेंड पर भी ऑक्यूपेंसी 10 फीसदी से कम है। हिमाचल की राजधानी शिमला के अलावा मनाली, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, चंबा और डलहौजी में होटलों के कमरे खाली चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में बीते साल 2023 में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ था। उस समय कारोबारियों को करोड़ों की चपत लगी थी। आपदा के चलते कुल्लू-मंडी और मनाली में तबाही के डर से सैलानी पर्यटन नगरी धर्मशाला-मैक्लोडंगज आने से भी कतरा रहे हैं। वीकेंड पर एक आध कमरे की ही बुकिंग हो रही है। धर्मशाला का पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज और भागसूनाग भी वीकेंड पर सूना है। हालांकि पर्यटन कारोबारियों को 15 अगस्त की छुट्टियों के दौरान तीन-चार दिन के लिए अच्छे कारोबार की उम्मीद है। होटल एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्विनी बांबा का कहना है कि बरसात में होटलों में एक-दो कमरे ही लग पा रहे हैं। ऑफ सीजन में सैलानियों को होटलों में 30 फीसदी तक छूट भी दी जा रही है, लेकिन फिर भी वीकेंड पर ऑक्यूपेंसी 15 फीसदी भी नहीं पहुंच रही। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एजीएम नवदीप थापा ने बताया कि बरसात के मौसम में प्रदेश में हो रही तबाही के कारण सैलानियों में डर का माहौल है। पर्यटन कारोबार काफी कम हो गया है। निगम के होटलों में सैलानी बुकिंग रद्द करवा रहे हैं। सैलानी हिमाचल आने से डर रहे हैं। टूरिस्टों ने ट्रैकिंग ट्रिप होल्ड कर दिए हैं। अगर भारी बारिश का क्रम थम जाता है तो करीब 15 दिन बाद स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से कई लोग लापता हुए हैं। वहीं, भारी बारिश के साथ आए तेज तूफान ने किसानों और बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। प्रदेश में सेब की फसल तैयार है। इस बीच तेज तूफान के कारण पेड़ों से झड़ कर सेब के खेतों में ढेर लग गए हैं। ऐसे में सरकार ने बागवानों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें राहत पहुंचाने का फैसला लिया है। इसके लिए एपीएमसी ने निर्धारित समय से पहले झड़े हुए सेब को खरीदने का फैसला लिया है, ताकि बागवानों का नुकसान होने से बचाया जा सके। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि दो दिन पहले मौसम बिगड़ने की वजह से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एचपीएमसी को बागवानों से सेब की खरीद करने को कहा गया है, जिसके लिए बागवानी को एचपीएमसी के केंद्र प्रभारियों से लिखित में आवेदन करना होगा। एचपीएमसी ने शुरुआती तौर पर अभी 20 केंद्रों पर सेब की खरीद शुरू कर दी है। इसके अलावा अगले कुछ दिनों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों सहित कम ऊंचाई वाले सेब बहुल क्षेत्रों में 40 के करीब क्षेत्रों में सेब खरीद शुरू हो जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता हुए 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए बचावकर्मियों ने ड्रोन तैनात किये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। बुधवार रात तीन जिलों- कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से अचानक बाढ़ आने के बाद मंडी के राजबन गांव से दो शव और कुल्लू के निरमंड से एक शव बरामद किया गया। जानकारी के अनुसार तीन शवों की बरामदगी के साथ, कुल्लू, मंडी पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल के निरमंड, सैंज और मलाणा क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पीड़ितों के लिए 50 हजार रुपये की तत्काल राहत और अगले तीन महीने तक 5,000 रुपये प्रति माह किराया देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी।
बादल फटने और बाढ़ आने से प्रदेश में 17 पुल ढहे और क्षतिग्रस्त हुए है। प्रदेश सरकार ने जरूरत के मुताबिक इन जगहों पर बेली ब्रिज लगाने के निर्देश दिए हैं। सेब बहुल क्षेत्रों की सड़कें दुरुस्त करने को कहा है। जिन सड़कों को ज्यादा नुकसान हुआ है और समय रहते ठीक नहीं हो सकती हैं, उन क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों के लिए डोजर और जेसीबी लगाए गए हैं। प्रदेश सरकार ने विभाग से प्रतिदिन रिपोर्ट मांगी है। बीते साल आई आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने पहले ही बेली ब्रिज खरीद रखे थे। जोन स्तर पर इन ब्रिजों को रखा गया था। अब इन वेली ब्रिज को जिला शिमला, मंडी, कुल्लू के लिए भेजा जाएगा। हालांकि इससे पहले लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर क्षतिग्रस्त पुलों का निरीक्षण करेंगे। अगर कोई पुल रिपेयर करने योग्य होगा तो उसकी मरम्मत होगी। जो पुल ढह गया है, वहां तुरंत बेली ब्रिज लगाने का काम शुरू हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि जिला कुल्लू के निरमंड में सबसे ज्यादा 9 पुल ढहे व क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते 455 सड़कें यातायात के लिए प्रभावित हुई हैं। कई सड़कें ऐसी हैं, जिनका नामोनिशान मिट गया है। हालांकि विभाग का दावा है कि 100 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बहाल की गई हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र पॉल ने कहा कि विभाग का हर कर्मचारी मुस्तैदी के साथ सड़कों को बहाल करने में डटा है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते विभाग को अब तक 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। सड़कें और पुुल टूटने से लोगों की परेशानी बढ़ी है। ऐसे में जहां जहां पुल ढह गए हैं, वहां बेली ब्रिज लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला शिमला के रामपुर में बादल फटने के कारण प्रभावित हुए समेज क्षेत्र का दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। इस दुःखद् घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की और आपदा प्रभावितों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 50 हजार रुपये और किराए पर आवासीय सुविधा के लिए तीन महीने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार भोजन, रसोई गैस, कंबल और चूल्हे जैसी मूलभूत वस्तुएं निःशुल्क प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को आश्वासन दिया कि उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र वित्तीय सहायता की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि इन परिवारों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समेज के विद्यार्थियों से भेंट की, जिनके आठ सहपाठी इस घटना के बाद लापता हैं। आठवीं कक्षा के विद्यार्थी राखी और कार्तिक ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस घटना से वे सदमें में हैं और उनका स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को ढाढस बंधाते हुए उन्हें हौसला रखने और परिवार का सहयोग करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर और बड़ा स्कूल फिर से निर्मित किया जाएगा। समेज की निवासी बिमला देवी ने बादल फटने की घटना वाली भयानक रात को याद करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि गांव के लोग डर के साए में जी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के दुःख-दर्द को साझा किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। दुःख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और आपदा प्रभावितों को भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आपदा को झेल रहा हर प्रभावित परिवार मेरे परिवार के सदस्य के समान है और प्रभावित परिवारों के लिए शीघ्र ही आपदा राहत की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि समेज में 33 लोग लापता हैं और आपदा में फंसे दस लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बचा लिया गया है। इसके अलावा गांव में 38 घर और दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाद में समेज में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला, मंडी और कुल्लू में बादल फटने और भारी बारिश से मानव जीवन और संपत्ति को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इन जिलों में पांच स्थानों पर बादल फटेे हैं जिससे क्षेत्र में हर तरफ तबाही का खौफनाक मंजर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में यातायात और पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशाला, 10 दुकानें और मछली फॉर्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य कर रही है। अब तक आपदा में फंसे 55 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका हैै। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग को प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को बहाल करने के लिए कहा गया है ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सातवें वित्त आयोग के अध्यक्ष नदंलाल, आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार, उपायुक्त शिमला अनुुपम कश्यप, उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस. रवीश और अन्य अधिकारी इस दौरान उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद आई भारी तबाही ने सभी को चौंका कर रख दिया। गुरूवार देर रात आई बारिश ने किसी को आपनो से दूर किया तो किसी के आशियानों की उजाड़ कर रख दिया लेकिन बारिश का ये कर्म अभी यही नहीं रखने वाला। मौसम विभाग केंद्र शिमला ने आगामी पांच दिनों के लिए भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 2 से 7 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना ज़ाहिर की है। जिसमें मंडी , शिमला , सिरमौर ,कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर शामिल है। मौसम विभाग ने लोगों को नदी नालो से दूर रहने की भी अपील की है। मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान के बाद प्रदेश के लोगों डर भी बैठ गया है। अगस्त महीने की शुरुआत के साथ ही प्रदेशभर से ऐसी ऐसी खबरे सामने आई कि लोग अभी भी डरे और सहमे हुए है।
पुलिस थाना मनाली में बीते कल पंजीकृत हत्या के प्रकरण में संलिप्त दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | पिछले कल को पुलिस थाना मनाली में सूचना प्राप्त हुई कि अलेउ में एक व्यक्ति अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है जिस सूचना पर उप नि0 नारायण अन्वेषणाधिकारी पुलिस थाना मनाली अन्य पुलिस कर्मियों सहित मौके पर रवाना हुए तो होटल मनाली ग्रैंड अलेउ से करीब 200-250 मीटर आगे पगडंडी रास्ते के दाहिनी तरफ पर एक व्यक्ति मृत अवस्था में पाया गया। मौके पर उपस्थित पवन कुमार पुत्र श्री धनी राम निवासी गांव सुकराईं बाईं डाकघर वाथरी तहसील डलहौजी जिला चम्बा उम्र 48 वर्ष हाल-मैनेजर होटल मनाली ग्रैंड अलेऊ मनाली का ब्यान कलमबन्द किया गया। जिसके मुताबिक मृतक का नाम व पता सुभाष चन्द पुत्र मान सिंह निवासी गांव धार चानणा डा0 ऊरन त0 व थाना कुपवी जिला शिमला हिमाचल प्रदेश उम्र 32 वर्ष बतलाया तथा बतलाया कि मृतक सुभाष उपरोक्त होटल मनाली ग्रैंड अलेऊ में बतौर सहायक मैनेजर तैनात था। मृतक सुभाष चन्द अपनी पत्नी व दो बच्चों सहित अपने साढू राजीव कुमार निवासी अलेऊ के मकान में किराए पर रहता था। जिसका मकान होटल से 500-600 मीटर की दूरी पर चचोगा की तरफ है। मौके पर पुलिस अधीक्षक कुल्लू भी आए थे तथा घटनास्थल का निरीक्षण क्षेत्रीय न्यायालिक विज्ञान प्रयोगशाला मण्डी के विशेषज्ञों से करवाया गया। यह एक ब्लाईंड मर्डर था लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए इस ब्लाईंड मर्डर की गुत्थी को महज चंद घंटों में ही सुलझाने में सफलता हासिल की है तथा आरोपी राजीव कुमार उम्र 32 वर्ष पुत्र अमर सिंह निवासी बजाथल डाकघर व तहसील नेरवा ज़िला शिमला तथा बीरबल उम्र 32 वर्ष पुत्र मोहन सिंह निवासी रोलिंग डाकघर तहसील पधर ज़िला मण्डी को स्थानीय पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए 24 घंटे के भीतर आज दिनांक 02.08.2024 को मनाली में प्रक्रिया अनुसार गिरफ्तार किया गया है।मृतक सुभाष चन्द की लाश को पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज नेरचौक जिला मण्डी भेजा गया है और दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत रिमाण्ड हासिल करने के लिए न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
**प्रदेश में अभी जारी रहेगा बारिश का दौर हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई है, जिसमें कुछ स्थानों पर भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिला है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के कुछ भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के विज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई है, कुछ जिलों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर हमीरपुर, सोलन शिमला में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई है। आज चंबा कांगड़ा कुल्लू मंडी में एक दो स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। 2 से 6 अगस्त तक कुछ स्थानों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। इस दौरान ऊना, बिलासपुर, सोलन, मंडी, सिरमौर, शिमला, चंबा, कांगड़ा में एक दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगो को नदी नालों के नजदीक न जाने की सलाह है क्योंकि भारी बारिश के बाद फ्लैश फ्लड की स्थिति बन सकती है।
जिला कुल्लू में बीती रात हुई भारी बारिश के चलते रायसन में सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसके चलते वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। ऐसे में अब लेफ्ट बैक होते हुए कुल्लू से मनाली के लिए गाड़ियों को भेजा जा रहा है। वहीं, सैंज में भी नदी में बाढ़ आने के चलते सड़क बह गई है। इसके अलावा सड़क किनारे खड़ी की गई एक बस और एक ऑल्टो कार भी पानी में बह गई। वहीं, पारला भुंतर में भी एक निर्माणाधीन भवन पार्वती नदी की भेंट चढ़ गया है। ऐसे में नदी किनारे रहने वाले लोग अपने घरों को खाली कर रहे हैं। जिला प्रशासन के द्वारा भी लोगों से आग्रह किया गया है कि वह नदी नालों से दूर रहें। बीती रात हुई भारी बारिश के चलते कुल्लू जिले में नदी नाले उफान पर हैं और कई जगह पर लोगों का संपर्क भी सबसे कट गया है। ऐसे में जिला प्रशासन भी नुकसान का जायजा लेने में जुट गया है और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए भी कार्य किया जा रहा है। कुल्लू जिले के जिया गांव में भी पार्वती नदी में आई बाढ़ के चलते भूमि कटाव हुआ है, जिससे नदी किनारे बने घरों को खतरा पैदा हो गया है। जिया गांव के ग्रामीण संजीव कुमार और मेघ सिंह ने बताया कि यहां पर नदी किनारे से लोगों को हटाया जा रहा है। हालांकि अभी तक घरों को नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन अगर दोपहर को फिर से भारी बारिश होती है तो इससे नदी किनारे बने मकान ढह सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से तबाही हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश से हुई तबाही को लेकर सचिवालय में आपात बैठक की और सभी जिलों से नुकसान की रिपोर्ट लेने के साथ सभी संबंधित जिलों के उपायुक्तों को रेस्क्यू में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक शिमला, कुल्लू और मंडी में 50 लोग बादल फटने की घटनाओं से लापता हैं, जबकि तीन लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं और 3 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश से तीन जिलों ने नुकसान हुआ है। रामपुर के झाखड़ी समेज खड्ड में 36 लोग लापता हैं जिसमें दो लोगों के शव बरामद हो गए हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसी तरह मंडी पधर में 9 लोग लापता हैं एक शव बरामद हो गया है एक व्यक्ति को जख्मी हालत में बाहर निकाल लिया है। कुल्लू के मलाणा में पॉवर प्रॉजेक्ट के डैम को भी भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री ख़ुद मौके के लिए रवाना हो रहे हैं। मौके पर राहत बचाव कार्य के लिए NDRF,SDRF, ITBP सहित स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्मी को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है। केन्द्र सरकार में मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से फोन पर बात हुई और हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
रामपुर: श्रीखंड महादेव यात्रा के रास्ते में बीती रात के समय बादल फटने की घटना सामने आई है। बीती रात करीब एक बजे कुर्पन खड्ड में बादल फटने से फ्लैश फ्लड आ गया और खड्ड का जलस्तर बढ़ गया, जिससे श्रीखंड महादेव यात्रा के पहले पड़ाव बेस कैंप सिंह गाड में दर्जनों दुकानें चपेट में आने की सूचना है। वहीं, बागीपुल में बस स्टेंड, करीब 10 मकान और 20 गाड़ियां बाढ़ में बह गई हैं, जबकि केदस और ढरोपा तक जगह-जगह पुल बहने से लोगों के आवागमन का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। तहसीलदार निरमंड जय गोपाल शर्मा ने बताया कि बीती रात को श्रीखंड महादेव यात्रा मार्ग पर कुर्पन खड्ड में बदल फटने से बेस कैंप सिंह गाड में भरी नुकसान हुआ है। वहीं, बागीपुल में निरमंड और बागीपुल को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है और नया पुल भी बह गया है। बाढ़ में छोटे बड़े मकान बह गए हैं। इसमें होटल दुकानें, पटवारखाना भी बह गया है और 7 से 10 लोगों के लापता होने की सूचना है ,जिसमें एक परिवार के 5 लोगों और एक बुजुर्ग महिला, दो नेपाली मूल के लोगों के लापता होने की सूचना है। तहसीलदार जय गोपाल शर्मा ने बताया कि केदस में एक मकान बाढ़ की चपेट में आया है और केदस पुल भी बह गया है। वहीं, कोयल पुल के बहने से निथर का रामपुर निरमंड से संपर्क कट गया है। तहसीलदार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और रेस्क्यू टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
हिमाचल में बारिश ने एक बार फिर से कोहराम मचा दिया है। कुल्लू के निरमंड, मलाणा और मंडी जिला की चौहार घाटी के तेरंग में बादल फटा है। बारिश से आई बाढ़ में कई मकान, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तीनों जगह पर करीब 40 लोग लापता हो गए हैं। मंडी में दो लोगों के शव मिले हैं, जबकि 35 लोगों सुरक्षित बचा लिया गया है। इसी बीच प्रशासन ने पद्धर के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। जानकारी के अनुसारा मंडी जिला में देर रात्रि भयंकर बारिश के कारण भारी तबाही हुई है। जिला की चौहार घाटी के तेरंग गांव में बादल फटने से 11 लोग बह गए हैं, वहीं तीन घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंडी प्रशासन ने एयरफोर्स से मदद मांगी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो गई है। इसके अलावा चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग मंडी से पंडोह, डयोड और दवाडा तक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। पंडोह ट्रांजीट कैंप के जागर नाले के पास सडक़ का नामोनिशान मिट गया है, जबकि नो मील के पास सडक़ बरसात के कारण ब्यास की ओर धंस रही है, जबकि चार मील में भी भूस्खलन जारी है है। डयोड और दवाडा में भी मलवा आने से सडक़ मार्ग बंद है। भारी बारिश के कारण पंडोह डैम का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिसके चलते डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं। इससे ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों को सावधान रहने के निर्देश जारी किए है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन राहत एवं बचाव दल के साथ धम्चयाण के लिए रवाना हो गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को बुलाया गया है। प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान के लिए वायुसेना की मदद मांगी है। बादल फटने की घटना, मौसम विभाग की चेतावनी और संपर्क मार्गों के बंद होने के कारण जिला प्रशासन ने पद्धर करसोग उपमंडल के शिक्षण संस्थानों में आज छुट्टी घोषित कर दी है।
जिला कुल्लू के कई क्षेत्रों समेत आनी और निरमंड में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में आनी और निरमंड उपमंडल के तहत आने वाले तमाम शिक्षण संस्थान 1 अगस्त 2024 को बंद रहेंगे। बीती रात हुई भारी बारिश के कारण निरमंड उपमंडल में विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आने सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। वहीं, आनी उपमंडल में भी कई सड़क मार्गों के बंद होने के कारण प्रशासन द्वारा ये फैसला लिया गया है। एसडीएम आनी नरेश वर्मा और एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बतााय कि एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया गया है। उन्होंने आम लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि भारी बारिश के समय नदी नालों से दूर रहें। अनावश्यक सफर न करें। लैंडस्लाइड संभावित वाले क्षेत्रों में न जाएं। एसडीएम आनी नरेश वर्मा का कहना है कि बंद सड़क मार्गों को खोलने का कार्य जारी कर दिया गया है। वहीं, एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह का कहना है कि उपमंडल में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव कार्य सुबह से जारी है। प्रशासन आम लोगों की हरसंभव सहायता के लिए तत्पर है। बता दें कि कुल्लू जिले में बीती रात हुई भारी बारिश के चलते जगह-जगह बादल फटने के मामले सामने आए हैं। मणिकर्ण के मलाणा में बादल फट गया। निरमंड इलाके में भी बादल फटने से करीब 10 घर फ्लैश फ्लड में बह गए। वहीं, कई लोगों के लापता होने की भी सूचना है। भारी बारिश के चलते पलचान में ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है। जिले में जगह-जगह बारिश-बाढ़ के चलते सड़कें टूट गई हैं और नदी-नालों का जलस्तर भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
जिला कुल्लू में बीती रात के समय हुई भारी बारिश ने खूब तबाही मचाई है। जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी की बात करें तो यहां पर मलाणा में बीती रात के समय बादल फट गया, जिसके चलते मलाणा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे पार्वती नदी में बाढ़ आ गई है और शाट सब्जी मंडी का भवन भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। इसके अलावा जिया व आसपास के ग्रामीण इलाकों को भी खतरा पैदा हो गया है। जिला प्रशासन के द्वारा नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटाया जा रहा है, ताकि किसी प्रकार का जानी नुकसान ना हो सके. इसके अलावा मनाली के पलचान में भी ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है, जिसके चलते कई जगह पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। कुल्लू मनाली के रायसन में भी सड़क क्षतिग्रस्त होने के चलते यहां पर बड़े वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। ऐसे में पुलिस व प्रशासन की टीम अनाउंसमेंट करके लोगों को नदी वालों से दूर रहने का भी आग्रह कर रही है। वहीं, निरमंड इलाके के बागी पुल में करीब 10 मकान बह गए हैं और एक दर्जन के करीब लोग भी फिलहाल लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस व प्रशासन की टीम भी बागी पुल के लिए रवाना हो गई है और इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच रही है, ताकि प्रभावित लोगों के लिए राहत बचाव कार्य किया जा सके। डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि बीती रात हुई बारिश से पार्वती और ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है। ऐसे में लोग नदी नालों का रुख बिल्कुल भी न करें।
**अब तक 11 अभ्यर्थियों की बिगड़ी तबियत **1 को हुआ डेंगू सिस्टम के आगे बेबस हो गए है और दो वक्त की रोटी के मोहताज हो गए है, यह कहना है JOA IT पोस्ट कोड 817 के उन अभियर्थियों का जो परिणाम घोषित होने का इंतज़ार कर रहे है और धरने पर बैठे है। इन अभियर्थीओं का कहना है कि उनकी आस अब ख़त्म हो रही है, अभियर्थी बीमार हो रहे है। आपको बता दे कि धरने पर बैठे इन अभ्यर्थियों में से अभी तक 11 अभ्यर्थी बीमार हो चुके हैं, जिनमे से एक अभ्यर्थी तो डेंगू का शिक्कार हो गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 2020 में विज्ञापित पदों पर JOA IT पोस्ट कोड 817 का अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं हो पाया। आयोग से बीते सालों से तमाम कानूनी लडाई लड़ने के बाद भी अभ्यर्थी सड़को पर बैठने के लिए मजबूर है। पहले 36 दिन तक कड़ी ठण्ड में शिमला के चौड़ा मैदान में बैठे रहे अब फिर से जब चयन आयोग हमीरपुर ने तारीख पर तारीख दी तो बच्चो को मजबूरी में इस बरसात के मौसम में आयोग के बाहर बैठने के लिए मजबूर कर दिया। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर हम में से किसी को भी कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी।
हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेशभर में अगस्त में आने वाले बिजली के बिल पहले की ही तरह आएगें यानी अगर आपने 125 यूनिट से काम बिजली खर्च की है तो आपके बिजली के बिल इस बार भी पिछले महीनो की तरह ही जीरो आने वाले है और अगर आपने 125 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च की है तो आपको सब्सिडाइज्ड रेट पर ही बिल आएगा। हाल में ही कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया था कि प्रदेश में मिल रही मुफ्त बिजली का लाभ अब सभी को नहीं मिलेगा, बल्कि इसके लिए कुछ शर्ते राखी गई है लेकिन इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है की आखिर कौन-कौन इसके दायरे में आएगें। सरकार मुफ्त बिजली योजना में कुछ अमेंडमेंट करने पर विचार कर रही है। इसको लेकर लाभार्थियों के लिए कुछ शर्ते में लागू होनी है, लेकिन वो शर्ते क्या होगी और कब से शुरू होगी इसको लेकर अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए है। उम्मीद जताई जा रही है मॉनसून सत्र के बाद इसमें कोई बड़ा बदलाव हो सकता है। फिलहाल निश्चिंत रहिए इस महीने भी आपको योजना के पुराने शर्तों के आधार पर ही बिल आएंगें।
** डीएफओ को 25 पेड़ कटवाने की पॉवर हिमाचल में अब जंगलों में गल-सड़ रहे सूखे पेड़ों को आसानी से काटा जा सकेगा। सरकार ने सूखे पेड़ों पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके तहत अब वन रक्षक अपने स्तर पर दो पेड़ और वन मंडल अधिकारी 25 पेड़ काटने की अनुमति दे सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को इस संबंध में एसओपी जारी की है। हालांकि राज्य सरकार ने पिछले साल ही जंगलों में सूख रहे पेड़ों को काटने संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस अवधि के दौरान वन विभाग और निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया। इससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढक़र 70 करोड़ रुपए हो गई। प्रदेश सरकार ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया। इसे वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वन बीट से सर्किल तक योजना में बेहतर काम करने पर वन विभाग के कर्मचारियों को नवाजा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी विभागों में बड़े बदलाव के फैसले लिए हैं। इनमें वन विभाग भी शामिल है। अब डीएफओ जंगलों में गले-सड़ेे पेड़ों को बेचने और काटने की अनुमति दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एफसीए में स्टेज वन की अनुमति प्राप्त होने के बाद वन मंडल अधिकारी वनों को काटने की अनुमति दे सकता है। इसका बड़ा फायदा फोरलेन के प्रोजेक्ट में मिलेगा। वन विभाग खुद पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू कर पाएगा और इसे ठिकाने भी लगाएगा।
** मुख्यमंत्री बोले, बच्चों में देशभक्ति की भावना जगाने का रहेगा प्रयास प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रात:कालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा।
** ट्रांसप्लांट और अंगदान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि पर किया जाएगा सम्मानित डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल को उभरते राष्ट्रीय प्रत्यारोपण और अंग पुनप्र्राप्ति केंद्र पुरस्कार(इमर्जिंग नेशनल ट्रांसप्लांट एंड ऑर्गन रेट्रीवाल सेंटर अवार्ड) के लिए पूरे भारत में श्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की ओर से 14 वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव और अनुप्रिया पटेल द्वारा टांडा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को तीन अगस्त को नई दिल्ली में पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस तरह पूरे भारत में श्रेष्ठ रहने पर डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल के नाम एक और कीर्तिमान स्थापित हो जाएगा। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के निदेशक डा. अनिल कुमार की ओर से टीएमसी को इस समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। टीएमसी के प्रधानाचार्य डा. मिलाप शर्मा शनिवार को दिल्ली में भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा के हाथों से यह पुरस्कार प्राप्त करेंगे। यह हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव के क्षण होंगे। यह सब टांडा मेडिकल कालेज व अस्पताल के प्रधानाचार्य डा. मिलाप शर्मा के बेहतरीन निर्देशन व नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी विभागाध्यक्ष डा. अभिनव राणा, विषेशज्ञ किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा. अमित शर्मा के अथक प्रयासों से संभव हो पाया हैै।
हिमाचल प्रदेश में बैचवाइज आधार पर चयनित 221 टीजीटी के स्कूल बदल दिए गए हैं। बुधवार को ही इन शिक्षकों को स्कूलों में पद ग्रहण करना होगा। बीते सप्ताह प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने विद्यार्थियों के कम दाखिलों वाले स्कूलों में कई शिक्षकों को नियुक्तियां दे दी थीं। एक ही स्कूल भी दो-दो नवनियुक्त शिक्षकों को आवंटित कर दिए गए। इन गलतियों के सामने आने के बाद निदेशालय ने कुछ नियुक्तियों को रोक लगाई और मंगलवार को इस बाबत संशोधित अधिसूचना जारी की गई। टीजीटी आर्ट्स में 127, मेडिकल में 37 और नॉन मेडिकल में 57 शिक्षकों को अब नए स्कूलों में तैनाती दी गई है। 23 जुलाई को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने अधिसूचनाएं जारी कर कई शिक्षकों के स्कूलों में बदलाव किए थे। 24 जुलाई की सुबह इन संशोधित आदेशों को रोक दिया गया। स्कूल आवंटित करने की प्रक्रिया में कई खामियां रहने के चलते यह राेक लगाई गई थी। कुछ शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भी भेज दिया गया जहां पहले से पर्याप्त संख्या में टीजीटी नियुक्त थे। मामला ध्यान में आते ही निदेशालय ने नवनियुक्त शिक्षकों के संशोधित नियुक्ति निर्देशों को आगामी फैसले तक रोक दिया था। अब इन शिक्षकों को नए सिरे से स्कूल आवंटित कर दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने बीते दिनों 1049 टीजीटी का बैचवाइज आधार पर चयन किया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर पांच से अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों में ही बैचवाइज आधार पर चयनित जेबीटी को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को अतिरिक्त निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि जिन स्कूलाें में विद्यार्थियों की संख्या 20 से अधिक है और वहां प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक हैं तो ही नियुक्ति की जाए। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है और शिक्षकों की तैनाती कम है, वहां भी शिक्षकों को नियुक्तियां देने में प्राथमिकता दी जाए। शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में नियुक्त न किया जाए जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम हो। ऐसे स्कूलों को जल्द ही नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जाना है। प्रदेश में शिक्षकों का युक्तिकरण करने के साथ ही अब गैर शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से उनके कार्यालयों सहित स्कूलों में आवश्कता से अधिक तैनात गैर शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। इसके लिए एक परफार्मा भी जारी किया गया। स्कूल में कितने विद्यार्थियों के दाखिले हैं, गैर शिक्षकों के कितने पद सृजित हैं, कितने पदों पर नियुक्तियां हैं, कितने पद रिक्त हैं, गैर शिक्षक यहां पर कितने समय से कार्यरत है। इसकी जानकारी निदेशालय को देने के लिए कहा गया है।
राज्य सरकार के प्रयासों से विद्यार्थियों में जागृत होगी देशभक्ति की भावनाः मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रातःकालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों कोे जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य विद्यार्थियों की दिनचर्या में इन गतिविधियों को शामिल कर उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है।


















































