जिला कुल्लू की नगर पंचायत भुंतर में नगर पंचायत सचिव के द्वारा रेहड़ी फहड़ी वालों पर जहां बीते दिन कार्रवाई की गई थी। तो वहीं अब रेहडी संचालकों ने नगर पंचायत सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिए है। रेहडी संचालको ने भुंतर बाजार में एक रोष रैली निकाली और नगर पंचायत भुंतर के कार्यालय के बाहर भी धरना प्रदर्शन किया। रेहडी संचालकों का कहना है कि वह यहां पर लगभग 35 सालों से कारोबार कर रहे हैं और इस कारोबार से ही अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, लेकिन अब नगर पंचायत भुंतर के सचिव उनके रोजगार को छीन कर उनके पेट पर लात मार रही है। भुंतर रेहडी फड़ी के प्रघान भीमू व रेहड़ी संचालक देवेंद्र कुमार, दिले राम, राम सिंह का कहना है कि वह कई सालों से यहां पर अपना कारोबार कर रहे हैं। लेकिन कुछ दिनों से नगर पंचायत के सचिव द्वारा उन्हें अपने स्थान से हटाया जा रहा है। जो बिल्कुल भी सही नहीं है। नगर पंचायत को भी इस बात की जानकारी है कि वह सब कितने सालों से यहां पर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में नगर पंचायत के सचिव द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है। वह बिल्कुल भी सही नहीं है। नगर पंचायत को चाहिए कि वह उनके लिए विशेष स्थान की व्यवस्था करें। ताकि भुंतर शहर की भी सुंदरता बनी रह सके और रेहडी संचालकों को भी रोजगार के लिए दिक्कत का सामना न करना पड़े। वही नगर पंचायत भुंतर के सचिव हर्षित शर्मा ने बताया कि भुंतर शहर को साफ रखने की दिशा में यह कदम उठाए जा रहा है। प्रशासन के आदेशों के अनुशार ही यह कर्रवाई की जा रही है। रेहडी संचालकों के द्वारा उन्हें अपना एक मांग पत्र दिया गया है और इस मांग पत्र को वे प्रशासन के समक्ष रखेंगे। ताकि रेहडी संचालकों को भविष्य में दिक्कत का सामना न करना पड़े। वहीं नगर पंचायत प्रधान मीना ठाकुर का कहना है कि रेहड़ी फड़ी वालों को हटाने बारे हमें कोई भी सूचना नहीं दी गई है । पूरा भुंतर शहर हमारा एक परिवार की तरह है किसी का भी रोजगार नहीं उजड़ना चाहिए । अगर सरकार इन्हें उठाना चाहती है तो इससे पहले इनके रोजगार चलाने की व्यवस्था भी करें। इन्हें कहीं ऐसा स्थान दिया जाए जहां पर यह अपना रोजगार चला सके और अपने परिवार का पालन पोषण कर सके । साथ ही नगर पंचायत की प्रधान मीना ठाकुर ने कहा कि भुंतर सहित पूरे जिला में कूड़े की बहुत ज्यादा समस्या उत्पन्न हो गई है । डंपिंग साइड के बीना हालत बहुत खराब हो गए हैं। सरकार शीघ्र कूड़ा डंपिंग के लिए भी जमीन उपलब्ध करवाएं ताकि कूड़े की समस्या का हल निकल जाए।
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते पलचान नाले में एक बार फिर से बाढ़ आ गई है, जिसके चलते नाले का पानी पलचान पुल के ऊपर से बह रहा है। ऐसे मनाली लेह सड़क मार्ग एक बार फिर गाड़ियों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है। पुल पर गाड़ियों की आवाजाही बंद होने से दोनों और लंबा जाम लग गया है। मनाली लेह मार्ग के बाधित होते ही बीआरओ की मशीनरी भी मौके पर तैनात कर दी गई है। जैसे ही नाले का जलस्तर कम होता है। उसके बाद सड़क मार्ग को बहाल करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बीती रात के समय जिला कुल्लू के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश हुई है। जिसके चलते अब नदी नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी आग्रह किया है कि वह नदी नाले के किनारे का रुख न करें। बीती रात के समय अचानक पलचान नाले का जलस्तर बढ़ गया और नाले के ऊपर पानी का बहाव शुरू हो गया। ऐसे में प्रशासन के द्वारा फिलहाल मनाली लेह सड़क मार्ग को बंद कर दिया गया है। वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि दोपहर बाद पानी का जलस्तर कम होने पर इस सड़क मार्ग को गाड़ियों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बीते दिनों ही बादल फटने के चलते यहां पर चार मकान बह गए थे। ऐसे में अभी भी ब्यास नदी पलचान गांव के लिए खतरा बनी हुई है। फ्लैश फ्लड के चलते पहले भी मनाली-लेह मार्ग बंद हो गया था, जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटने का मामला सामने आया है। मणिकर्ण के तोष में आधी रात के समय हुई भारी बारिश के चलते बादल फट गया। वहीं, बादल फटने के कारण तोष नाले में दो दुकानें बह गई, जबकि चार अस्थाई रूप से बनाए गए शेड भी इसकी चपेट में आ गए। हालांकि इससे कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन नाले के साथ लगते घरों और होटल में मलबा घुस गया है। वहीं, बादल फटने के बाद नाले के साथ लगते घरों के लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगह निकल गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार तोष में आधी रात के समय अचानक नाले में बादल फट गया। बादल फटने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों तुरंत अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। ऐसे में नाले में आए मलबे के कारण एक शराब की दुकान सहित एक अन्य दुकान बह गई। इसके अलावा चार अस्थाई रूप से बनाए गए शेड पूरी तरह से बह गए, जबकि नाले के साथ लगते घरों और होटल में मलबा घुसने से काफी नुकसान पहुंचा है। तोष नाले में बादल फटने की सूचना मिलते ही प्रशासन व पुलिस की टीम भी मौके की और रवाना हो गई है और अब नुकसान के कारणों की रिपोर्ट भी प्रशासन के द्वारा तैयार की जाएगी। डीसी कुल्लू ने कहा कि राजस्व विभाग की टीम को मौके की ओर रवाना कर दिया गया हैं। प्रभावित लोगों की प्रशासन के द्वारा मदद की जाएगी। इसके अलावा अगर किसी घर को खतरा होगा तो प्रभावित परिवार के रहने की व्यवस्था भी प्रशासन के द्वारा की जाएगी। गौरतलब है कि बीते दिनों भी मनाली में बादल फटने की घटना सामने आई थी, जिसके चलते फ्लैश फ्लड ने भारी तबाही मचाई थी। वहीं, अब मणिकर्ण घाटी में भी बादल फटने के बाद फ्लैश फ्लड की घटना सामने आई है।
घुमारवीं में इंटक से संबंधित ऑल हिमाचल पीडब्ल्यूडी-आईपीएच एंड कांट्रैक्चुअल वर्कर्ज यूनियन की राज्य स्तरीय कार्यकारणी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष दीप धीमान की अध्यक्षता मे हुई। इसमें जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की गई। बैठक में वाटर गार्ड संघ के प्रधान भूपेंद्र चंदेल ने कहा कि वाटर गार्डों को प्रत्येक माह उनका मासिक वेतन नहीं मिल रहा है और उन्हे रेगलुर के बाद बकाया राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया है। इंटक महासचिव जगतार सिंह बैंस ने कहा कि यूनियन जलशक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग के प्रत्येक अनुभाग में कर्मचारियों को सदस्य बनाएगी और उनकी समस्याओं का निवारण करवाने का प्रयास करेगी। हिमाचल प्रदेश के सभी निर्माण प्रोजेक्टों मे भी कामगारों को युनियन का सदस्य बनाकर उन्हें हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं को दिलाएगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष में चार बार यूनियन की राज्य कार्यकारणी की चार बैठके होंगी।
बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने कड़ा ऐतराज करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार उन गरीब बच्चों और गरीब अभिभावकों के साथ भदा मजाक कर रही है, जिस सरकार ने बेरोजगारों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे कि हम सत्ता में आते ही ऐसे काम करेंगे जो पूर्व सरकार ने नहीं किए थे। लेकिन उसके विपरीत सरकार कर रही है। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने कहा है कि सरकार स्कूलों को बंद कर रही है और कुछ मर्ज कर रही है। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि स्कूल में बच्चे ना होने का कारण टीचरों की भर्ती न होना है । हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग 17000 से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं। और जिन स्कूलों में टीचर नहीं थे उसमें अभिभावक बहुत बार अपना विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं और कई जिलों में उपयुक्त के मध्य और एसडीएम के मध्य से मांग पत्र दे चुके हैं। और मंत्री विधायकों के द्वारा भी अपने मांग पत्र दे चुके हैं। एसएमसी कमेटीयां भी टीचर भर्ती को लेकर धरना-प्रदर्शन और चका जाम तक कर चुकी हैं। तथा टीचर रखने को लेकर कई स्कूलों के बच्चे अपना विरोध कर चुके हैं और स्कूल में टीचर ना होने पर सोशल मीडिया प्रींट मिडिया में भी कभी बार दिखाया गया है, लेकिन सरकार ने उन स्कूलों में टीचर रखने के बजाय स्कूलों को बंद करने तथा मर्ज करने का फैसला लिया है। जो निंदनीय है राज्य कार्यकारिणी संघ के अध्यक्ष बलवंत, उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर, महासचिव विजय चौहान, सहसचिव पाल सिंह, कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद , संगठनमंत्री संतोष नांटा मुख्य सलाहकार सुखराम मिडिया प्रभारी अशोक कुमार और सीमा कुमारी और समस्त सदस्यों तथा जिला के समस्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया है कि स्कूल बंद करने की बजाय स्कूलों में टीचर तथा अन्य स्टाफ रखने पर बल दें। न कि स्कूलों को बंद करने का निर्णय लें संघ ने कहा है कि सरकार को 2 साल का कार्यकाल खत्म होने पर है लेकिन रोजगार देने की बजाय बेरोजगारों को मानसिक तनाव में डाला जा रहा है। संघ ने कहा है कि अभी तक जो भी रिजल्ट घोषित नहीं हुए हैं उनको जल्द से जल्द घोषित किया जाए और नई भर्तियों को जल्द से जल्द भरा जाए। संघ ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों ने सरकार बनाने में अपनी एहम भुमिका निभाई है। क्योंकि बेरोजगार दवका पूर्व सरकार से तंग आ चुका था और उनको उम्मीद थी कि कांग्रेस सरकार आते ही बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय करेगी, लेकिन वर्तमान सरकार ने तो पूर्व सरकार की तरह राह पकड़ रखी है संघ के पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री से और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के जितने भी सरकारी स्कूलों में कर्मचारी हैं उनको निर्देश करें कि वह अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में डालें अन्यथा उनको किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं दिया जाएगा। संघ ने कहा है कि जब सरकार सरकारी नौकरी वाले टीचरों को इतनी बड़ी सैलरी दे रही है तो क्यूं ना सरकार ऐक्शन ले कि वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाए। खुद सरकारी नौकरी पर लगे हैं और खुद के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाए जा रहे हैं। जब मुख्यमंत्री जी इतने बड़े पैमाने पर फैसले ले रहे हैं तो फिर ऐसा फैसला लेने में देरी क्यूं । संघ ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सभी कर्मचारियों पर सरकार को निर्देश करना चाहिए। क्योंकि सरकार कर्मचारियों की हर एक बात को पुरा करने पर बचनबद्ध है। संघ ने कहा है कि इस बात को सभी एजुकेशन संगठनों को सरकार से उठाना चाहिए। कि सरकारी स्कूलों को बंद ना करे। बल्कि टीचर भर्ती करें। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि चार-पांच साल पहले सरकारी स्कूलों में अच्छी एनरोलमेंट थी लेकिन जैसे-जैसे स्कूलों में टीचरों की संख्या कम होती गई वैसे-वैसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए कोई भी टीचर नहीं रहा तो मजबूरी में लोगों को प्राइवेट स्कूलों का रुख करना पड़ा, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के पास इतनी बड़ी इनकम नहीं है कि वह भारी भरकम फीस प्राइवेट स्कूलों में भरकर अपने बच्चों को शिक्षा दें। हिमाचल प्रदेश के अभी भी ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर अभिभावक अपने पैसे देकर और उन सरकारी स्कूलों में अपनी तरफ से टीचर रखकर बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवा रहे हैं। संघ ने कहा है कि कोविड के टाइम भारी मात्रा में प्राइवेट स्कूलों से बच्चे निकाल कर सरकारी स्कूलों में डाले गए थे। लेकिन जब अभिभावकों को इस बात का पता चला कि सरकारी स्कूलों में तो टीचर ही नहीं है तो 2 साल के बाद फिर बच्चों को दोबारा से अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों में डालना पड़ा। बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री और समस्त मंत्रीयों विधायकों से निवेदन किया है कि ऐसा कदम ना उठाएं जिससे कांग्रेस सरकार को इसका नुकसान उठाना पड़े, लेकिन जैसा इलेक्शन के समय प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने बेरोजगारों से वादा किया था उस वादे के मुताबिक मुख्यमंत्री और सरकार फैसले लें। संघ ने कहा है कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के सरकारी मिडिल स्कूलों में 100 की लगी शर्त को हटाने का कई बार विश्वास दे चुके हैं। लेकिन अभी तक 100 बच्चों की कंडीशन को समाप्त नहीं किया गया है। संघ मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि इसकी अधिसूचना जारी करें और कला अध्यापकों की 1600 पोस्टें प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में खाली चल रही है उन्हें जल्द से जल्द भरे।
पटवारियों और कानूनगो के हड़ताल पर होने से प्रदेश में लोगों के 1.30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन लंबित हैं, मगर आज भी ये मसला हल नहीं हो पाया। दरअसल आज हिमाचल के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और पटवारी-कानूनगो के बीच सचिवालय में हड़ताल से सम्भंदित एक महत्वपूर्ण बैठक हुई मगर इस बैठक में दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई। पटवारी-कानूनगो जिला से बाहर ट्रांसफर के लिए तैयार नहीं है, जबकि सरकार ने इसी मंशा से इन्हें स्टेट कैडर बनाया है। मीटिंग में सहमति नहीं बनने के बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी संघ ने अपना विरोध जारी रखने का ऐलान कर दिया है। इनकी हड़ताल से प्रदेश के लोग परेशान हैं। पटवारी-कानूनगो राज्य कैडर बनाए जाने के विरोध में 15 दिनों से ऑनलाइन काम नहीं कर रहे। इन्होंने सरकारी ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप से भी एग्जिट कर रखा है। यही नहीं एडिशनल चार्ज वाले पटवारी-कानूनगो सर्किल दफ्तर की चाबियां भी ये लोग संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को सौंप चुके हैं। इनकी हड़ताल के कारण बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम 15 दिन से नहीं हो पा रहे। बीते 6 दिन से एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों में भी काम ठप हो गया है। इससे लोगों के राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण काम नहीं हो पा रहे हैं।वहीं इस मसले पर राजस्व मंत्री जगत नेगी का कहना है कि सरकार ने जनहित को देखते हुए इन्हें स्टेट कैडर बनाया है और पटवारी-कानूनगो इसके विरोध की सही वजह नहीं बता पा रहे है। ऐसे में अब नियमों के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने टेट परीक्षा की फीस में बढ़ोतरी की है, जिस पर प्रदेश के जेबीटी वा बी एड प्रशिक्षु काफी नाराज है ,फीस बढ़ोतरी पर जेबीटी / डी एल एड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश परयाल ने बताया कि इस प्रकार अचानक टेट की फीस दुगनी करना छात्र हित में नही हैं ,जहाँ उन्हें पहले 500 या 800 फीस देनी पड़ती थी वही अब 1000 ओर 1600 कर दी गई है, जिस से प्रदेश के प्रशिक्षु आर्थिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से भी परेशान हैं । उन्होंने कहा कि आज कल का दौर प्रदेश के युवाओं के लिए बहुत मानसिक तनाव भरा है, क्योंकि 4,5 वर्षो से जेबीटी भर्ती कमिश्नन के माध्यम से नहीं हुई है । पिछली बार 2019 में ही जेबीटी कमिश्नन हुआ है ,उसके बाद कोई भर्ती कमिश्नन के माध्यम से नही हुई, जिसकी वजह से प्रदेश के युवा मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं , उस पर यह अचानक टेट फीस में बढ़ोतरी करना उनके जले पर नमक छिड़कने जैसा हो गया है। जगदीश परयाल ने बताया कि प्रदेश सरकार अब पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है प्रदेश के युवाओं ने जब सरकार मुश्किल में थी तो उन्हें समझा है और उनका साथ दिया है ,अब मुख्यमंत्री को प्रदेश के युवाओं की ओर भी अपना ध्यान देने की जरूरत है ,उन्होंने कहा कि अगर सरकार आर्थिक रूप से कमजोर है तो इसका बोझ प्रदेश के बेरोजगारो के कंधों पर ना डाले, इसका समाधान निकाले ओर जल्द ही कमिश्नन के माध्यम से भर्ती करवाना शुरू करें । प्रदेश के 12 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओ को मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें है मुख्यमंत्री इनके बारे में भी कुछ सोचे क्योंकि भर्ती की अधिसूचना सिर्फ अखबारों तक ही सीमित रह गईं है आए दिन सरकार की तरफ से खबर आती है भर्तियों की परन्तुं अभी तक कोई भी भर्ती कमीशन के माध्यम से शुरू नहीं हुईं है। साथ ही उन्होंने कहा कि जेबीटी लगभग 9 महीनों से लंबित बैच वाइज भर्ती का परिणाम जल्द से घोषित किया जाए ,जिसके लिए लोग 15-15 सालों से नोकरी लगने का इंतजार कर रहे हैं । सरकार अगर समय पर भर्ती कराती है तभी प्रदेश की शिक्षा में गुणवत्ता आएगी । उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड धर्मशाला अपने टेट की फीस बढ़ोतरी पर पुनः विचार करे और जो फीस पहले ली जाती थी वही फीस ली जाए अन्यथा प्रदेश के युवाओं को मजबूरन सड़को पर उतरना पड़ेगा ।
ऊना मुख्यालय के साथ लगते लालसिंगी में पास लेने को लेकर पंजाब रोडवेज के बस चालक व परिचालक ने पिकअप चालक के साथ मारपीट की है। यहीं नहीं, मारपीट के दौरान पिकअप का शीशा तक तोड़ दिया। पुलिस ने पीडि़त सुरेंद्र सिंह निवासी बरनोह की शिकायत पर पंजाब रोडवेज बस के चालक शमशेर सिंह व परिचालक हैप्पी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपनी गाड़ी में कुल्लू से सामान लेकर जालंधर गया था। जालंधर में सामान उतारकर अपने घर बरनोह आ रहा था तो पंडोगा में एक रोडवेज की बस से पास लेने की कोशिश की, ड्राइवर पास नहीं दे रहा था। ईसपुर मोड़ के पास बड़ी बस से पास ले लिया। इसके बाद वह बार-बार हॉर्न मारकर इसे परेशान करने लगा। लालसिंगी के पास पहुंचा तो उपरोक्त बस के ड्राइवर ने बस पिकअप के आगे लगा दी और कंडक्टर ने लोहे की रॉड से हमला कर गाड़ी का फ्रंट का शीशा तोड़ दिया। इस दौरान मेरी जेब से 17 हजार रुपए किराया कहीं गिर गया। एसपी राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
**पंजाब के अफसरों के साथ चर्चा कर संशोधित किए जाएंगे रूट पंजाब सरकार के परिवहन विभाग के अधिकारी शिमला पहुंच गए हैं। वहां के परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त के साथ शिमला में सोमवार को बैठक होगी, जिसमें इंटर स्टेट बस रूट परमिट को लेकर समीक्षा की जाएगी। इसमें पंजाब की ओर से कुछ आपत्तियां हैं, जिनको दूर करने का प्रयास होगा। रूट परमिट की निर्धारित सीमा से ज्यादा पंजाब की सडक़ों पर हिमाचल के प्राइवेट बस ऑपरेटर चल रहे हैं, जिनको लेकर पंजाब सरकार शिकायत कर रही है। जो समझौता हिमाचल और पंजाब के बीच में हुआ है उसके तहत पांच हजार किलोमीटर एरिया तक रूट परमिट वैद्य हैं, लेकिन यहां पंजाब की सीमा से सटे क्षेत्रों से प्राइवेट बसें दूसरी ओर जा रही हैं और वो लगातार सरकार के साथ हुए समझौते का उल्लंघन कर रही हैं। ऐसे में पंजाब के परिवहन अधिकारी इस मामले पर चर्चा करने और रूट परमिट को रिवाइज करने की बात कर रहे हैं, जिसे लेकर आज बैठक हैं । हिमाचल की तरफ से प्रदेश के प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम इस बैठक में हिस्सा लेंगे, जिनके साथ निदेशक डीसी नेगी व अन्य अधिकारी मौजूद होंगे। रूट परमिट की वर्तमान लिमिट से पंजाब को नुकसान हो रहा है ऐसा पंजाब सरकार का मानना है। लिहाजा इसे संशोधित करने की मांग हो रही है और देखना होगा कि इसमें हिमाचल क्या कहता है। पंजाब के अधिकारी अपने आंकड़े रखेंगे जिन पर हिमाचल के अधिकारी सहमत होते हैं, तो बात आगे बढ़ेगी। प्रधान सचिव परिवहन इस बैठक से पहले रविवार शाम को शिमला पहुंचे। उन्होंंने कहा कि यह बैठक दोनों राज्यों के रूट परमिट से जुड़े मसले को लेकर अहम है और आपस में मिलकर हम समाधान निकालेंगे।
सरकारी खर्च पर नियंत्रण और वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। विभागों को 31 अक्तूबर तक विस्तृत व्यय रिपोर्ट वित्त विभाग को प्रस्तुत करनी होगी। इसमें बचतों और निर्धारित से अधिक बजट व्यय का ब्योरा देना होगा। वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के लिए वास्तविक खर्च और शेष महीनों के लिए अनुमानित खर्च की रूपरेखा देनी होगी। दूसरी आधिक्य एवं बचत विवरणिका में आठ महीनों यानी 30 नवंबर तक का वास्तविक व्यय और शेष चार महीनों के संभावित व्यय की जानकारी देनी होगी। अनुपूरक बजट अनुरोध इस जानकारी पर आधारित होंगे। वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इन आदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुसार सरकार ने देखा है कि हाल के वर्षों में कई विभाग जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहे हैं और संभावित बचत का आकलन कम कर रहे हैं। वे आधिक्य और बचत के भी अनुमानित आंकड़े दे रहे हैं। इससे गलत वित्तीय योजना और अनावश्यक बजट अनुरोध सामने आए हैं। इस विषय के समाधान के लिए विभागों को अब किसी भी अधिक खर्च या बचत के लिए स्पष्ट और उचित कारण बताने होंगे। वित्त विभाग ने सटीक वित्तीय आंकड़ों के महत्व पर जोर दिया है। किसी भी विसंगति को जांचा जाएगा। इन निर्देशों के अनुसार प्रथम आधिक्य एवं अभ्यर्पण विवरणिकाएं 31 अक्तूबर तक वित्त विभाग को उपलब्ध हो जाना चाहिए। इसके अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों यानी 30 सितंबर तक के वास्तविक व्यय और बकाया महीनों के संभावित व्यय के आंकड़े दर्शाए जाने चाहिए। इसी जिन लेखा शीर्षों और मानकों में बचतें दर्शाई जा रही हैं, उनमें विभागध्यक्ष डीडीओ से पहले ही सरेंडर लेना सुनिश्चित किया जाए। वित्त विभाग को इन बचतों को ई-बजट सॉफ्टवेयर में लेना होता है। इन निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
**भारी बारिश की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक जारी किया अलर्ट हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक बारिश के कारण हुई दुर्घटनाओं में 56 लोगों की मौ*त हो चुकी है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 27 जून को मानसून ने हिमाचल में दस्तक देने से लेकर अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 56 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, इस मानसून सीजन में अब तक राज्य को ₹410 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, एक बार फिर से मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 21 लोगों की मौ*त ऊंचाई से गिरने से, 18 की डूबने से, 8 लोगों की सांप काटने और आठ लोगों की बिजली के झटके लगने से मौ*त हुई है, जबकि एक व्यक्ति की मौ*त अचानक आई बाढ़ में हुई है, जबकि भूस्खलन या बादल फटने से किसी की मौ*त नहीं हुई है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार इ, मानसून सीजन में अब तक करीब 100 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा ₹172 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बाद बागवानी विभाग को ₹139 करोड़ का नुकसान हुआ है। शिमला मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक राज्य के आठ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है । प्रदेश में 2 अगस्त तक बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने तेज हवाओं के कारण बागानों, खड़ी फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने और निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी दी है । राज्य के कुछ हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही। सिरमौर जिले के धौला कुआं में 123 मिमी बारिश हुई, जबकि नाहन में 74.5 मिमी, कटौला में 40.2 मिमी, पालमपुर में 32 मिमी, पांवटा साहिब में 31.2 मिमी, धर्मशाला में 27.6 मिमी, सुंदरनगर में 26.8 मिमी और बैजनाथ में 25 मिमी बारिश हुई। राज्य में 1 जून से 27 जुलाई तक 40 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जिसमें औसत 321.2 मिमी के मुकाबले 194 मिमी बारिश हुई है। इस बीच अकेले जुलाई महीने में बारिश की कमी 33 प्रतिशत रही। क्योंकि राज्य में 1 से 27 जुलाई तक 220.1 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले 147.5 मिमी बारिश हुई।
आज सोमवार को एक बार फिर से सोने के भाव में गिरावट आई है। सावन महीने के दूसरे सोमवार को सोना सस्ता हुआ है। बता दें कि देश के ज्यादातर राज्यों में पिछले एक हफ्ते के अंदर सोना 6000 रुपये तक सस्ता हुआ है। 29 जुलाई को भारत में सोने की कीमतें 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है। इस रेट में हाई प्योरिटी वाले सोने के लिए प्रीमियम शामिल है, जिसमें 24 कैरेट सोने की कीमत 68,990 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 22 कैरेट सोना की कीमत 63,240 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इस बीच, चांदी की कीमत 84,400 रुपये प्रति किलोग्राम रही। सरकार ने हाल ही में सोने और चांदी सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क में कटौती की है। कीमती धातुओं के सिक्कों, सोने/चांदी की खोज और सोने और चांदी की छड़ों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया। सोने और चांदी के डोर के लिए इसे 14.35 फीसदी से घटाकर 5.35 फीसदी कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। शनिवार को एक औंस सोने की कीमत 2387 डॉलर थी, सोमवार तक इसमें 7 डॉलर की तेजी आई और यह 2394 डॉलर पर पहुंच गई। फिलहाल एक औंस चांदी की कीमत 28.06 डॉलर है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में कांस्टेबल भर्ती के नियमों में कई बदलाव किए हैं। पहली बार उम्मीदवार को लंबाई के अतिरिक्त अंक मिलेंगे। भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग के बाद पहली बार कमांडो कोर्स करवाया जाएगा। प्रदेश में 1,226 पदों को लेकर जल्द भर्ती प्रकिया शुरू होने वाली है। लोकसेवा आयोग के माध्यम से यह भर्ती की जानी है। पुलिस मुख्यालय ने भर्ती नियम की शर्तें लागू की हैं। भर्ती में एक जनवरी 2024 के आधार पर अभ्यर्थियों की आयु सीमा को गिना जाएगा। भर्ती नियमों की शर्तों के अनुसार पुरुष उम्मीदवार को 5 फुट 7 इंच से कम लंबाई पर कोई अंक नहीं मिलेगा। 5 फुट 7 इंच से ज्यादा और 5 फुट 8 इंच से कम लंबाई होने पर 1 अंक, 5 फुट 8 इंच से ज्यादा और 5 फुट 9 इंच से कम लंबाई पर 2 अंक, 5 फुट 9 इंच से ज्यादा और 5 फुट 10 इंच से कम लंबाई पर 3 अंक और 5 फुट 10 इंच से ज्यादा और 5 इंच 11 इंच से कम लंबाई पर 4 अंक, 5 फुट 11 इंच से ज्यादा और 5 फुट 12 इंच से कम लंबाई के 5 और 6 या इससे अधिक इंच लंबाई होने पर 6 अंक मिलेगें। इसी तरह महिला उम्मीदवारों को 5 फुट 3 इंच से ज्यादा लेकिन 5 फुट 4 इंच से कम लंबाई पर 1 अंक, 5 फुट 4 इंच से ज्यादा लेकिन 5 फुट 5 इंच से कम लंबाई पर 2 अंक, 5 फुट 5 इंच से ज्यादा लेकिन 5 फुट 6 इंच से कम लंबाई पर 3 अंक, 5 फुट 6 इंच से ज्यादा और 5 फुट 7 इंच से कम लंबाई पर 4 अंक, 5 फुट 7 इंच से ज्यादा और 5 फुट 8 इंच से कम लंबाई पर 5 अंक और 5 फुट 8 इंच से ज्यादा लंबाई होने पर 6 अंक मिलेंगें। पुरुष उम्मीदवारों को 5 मिनट 30 सेकंड में 1,500 मीटर दौड़ और महिला उम्मीदवारों को 800 मीटर दौड़ 3 मिनट 45 सेकंड में पूरी करनी होगी। दौड़ के लिए अलग से मौका नहीं मिलेगा। इसी तरह पुरुष उम्मीदवारों को 1.35 मीटर ऊंची कूद और महिला उम्मीदवारों को 1.10 मीटर की ऊंची कूद लगानी होगी। इसके लिए तीन मौके मिलेंगे। पुरुष उम्मीदवारों को 14 सेकंड में 100 मीटर और महिला उम्मीदवारों को 17 सेकंड में दौड़ पूरी करनी होगी। इसी तरह पुरुष उम्मीदवारों को चार मीटर और महिला उम्मीदवारों को तीन मीटर लंबी छलांग लगानी होगी। इसके लिए तीन मौके दिए जाएंगे। पुलिस भर्ती के लिए 18 से 26 वर्ष की उम्र के सामान्य उम्मीदवार, 18 से 28 वर्ष के अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, गोरखा और प्रतिष्ठित खिलाड़ी और 20 से 29 वर्ष की उम्र के होमगार्ड पात्र होंगे।
**पहाड़ में सुक्षित सफर को लेकर किया जाएगा ट्रक ऑपरेटर को जागरूक बीते दिनों हिमाचल सरकार ने सेब सीजन को मद्देनज़र रखते हुए बाहर से आने वाले ट्रक ऑपरेटरों को स्पेशल टैक्स से छूट देने का फैसला किया था अब इसके साथ बाहर से आने वाले ट्रक आपरेटरों को सडक़ सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। इस बार विशेष रूप से ट्रक आपरेटरों के लिए सडक़ सुरक्षा जागरूकता अभियान प्रदेश में चलेगा, जिसके लिए बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों एक बैठक की थी जिसमे ये निर्देश दिए गए हैं कि ट्रक चालकों को सडक़ सुरक्षा के बारे में बताएं। प्रदेश की सभी मंडियों में सडक़ सुरक्षा जागरूकता को लेकर प्रचार किया जाएगा। मंडियों में पहुंचने वाले ट्रक आपरेटरों से चर्चा की जाएगी, उनको बताया जाएगा कि पहाड़ में वह कैसे सुरक्षित सफर करें। मंडियों में विशेष रूप से प्रचार सामग्री लगाई जाएगी जहां जागरूकता को लेकर सभी तरह की जानकारियां दी जाएंगी। इसके अलावा सीजन के दौरान नेशनल हाई-वे पर भी सडक़ सुरक्षा का पाठ पढ़ाने के लिए इंतजाम किए जाएंगे।
** प्रदेश सरकार के 18 माह के कार्यकाल में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सत्ता में आने के बाद से हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राज्य में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022 की पहली छमाही में राज्य ने 86.42 लाख पर्यटकों का स्वागत किया, जबकि जून 2024 के अंत तक यह संख्या बढ़कर 1,00,87,440 हो गई। प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर नवोन्मेषी प्रयास कर रही है। सरकार के प्रयासों से राज्य में पर्यटन को पंख लगे हैं। पर्यटकों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई सफल पहलों और प्रयासों को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन उद्योग के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के साथ कई कदम उठाए हैं। सड़क नेटवर्क और हवाई सम्पर्क सुविधा को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण जारी है, जबकि बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए राज्य के हर जिला मुख्यालय में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। पांच हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। शिमला से बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए संजौली हेलीपोर्ट को जल्द ही कार्यशील किया जाएगा। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2018 की पहली छमाही में 89 लाख पर्यटक, 2019 में 99.57 लाख, 2020 में 22.04 लाख, 2021 में 19.75 लाख और 2022 में 86.42 लाख पर्यटकों ने प्रदेश का भ्रमण किया। दिसंबर 2022 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी है। लाहौल-स्पीति के चंद्रताल, काजा और तांदी व किन्नौर के रकछम, नाको, चांगो और खाब में नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा कुफरी के समीप हसन वैली में स्काई वॉक ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का वार्षिक 5 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य है, इसके लिए सरकार साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन सैलानियों के अनुभव को चिरस्मरणीय बना रहा है। वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को अगले 10 वर्षों में समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया है, जिसमें प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह दृष्टिकोण एक खुशहाल, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, स्वस्थ, सक्षम, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश के लक्ष्य को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। पर्यटकों के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने के लिए यहां अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है। बिलासपुर के गोबिंद सागर और ऊना के अंदरौली में जलक्रीड़ा पर्यटन गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। स्थानीय लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए पौंग बांध में गर्म हवा के गुब्बारों से पर्यटन गतिविधियां संचालित करने की तैयारी है। पर्यटकों की आमद को ध्यान में रखते हुए, पर्यटन के चरम सीजन के दौरान दुकानों को 24 घंटे खुला रखने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चंबा के ऐतिहासिक मिंजर मेले में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने मधुर कुंजड़ी-मल्हार गीतों की धुनों के बीच मिंजर ध्वज फहराकर मेले का औपचारिक शुभारम्भ किया। इस मौके पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और अन्य लोग भी उपस्थित रहे। राज्यपाल ने कहा कि अपनी समृद्ध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध मिंजर मेला हिमाचल प्रदेश की अनूठी संस्कृति को प्रदर्शित करता है और भाईचारे और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देता है। राज्यपाल ने मिंजर उत्सव को प्राचीन लोक परंपराओं, विश्वासों और आस्थाओं के साथ गहरे संबंधों का प्रतीक बताया। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रही नशे की लत को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बुराई के खिलाफ सामूहिक जागरूकता पर बल देते हुए कहा कि सभी को बुराई का एकजुट होकर सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सामाजिक संरचना नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे असामाजिक तत्वों का मुकाबला करने के लिए संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को उनकी अनुकरणीय सेवाओं तथा वीर-नारियों को भी सम्मानित किया। मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं जिला चंबा के उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने आयोजन समिति की ओर से राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने मिंजर मेले के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में भी विस्तार से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के नाम समर्पित की गई है। पुलिस अधीक्षक और मिंजर मेला खेल कमेटी के अध्यक्ष अभिषेक यादव ने भी कमेटी की ओर से राज्यपाल को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल और लेडी गवर्नर को मिंजर भेंट की गई। मेला कमेटी की ओर से उपायुक्त ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और विधायक नीरज नैय्यर तथा डीएस ठाकुर को भी समानित किया। इससे पहले राज्यपाल ने प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर में मिंजर अर्पित कर माथा टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया। राज्यपाल ने विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों द्वारा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया। राज्यपाल ने मिंजर मेला खेल प्रतियोगिता के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने लड़कियों की टीमों के बीच खेला गया कबड्डी मैच भी देखा। उन्होंने जिला रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से जरूरतमंदों को स्वास्थ्य उपकरण वितरित किए तथा रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
**62 हजार के स्टॉक में से अब तक मात्र दस हजार बिके **मार्केट से कम दरों पर कार्टन खरीद रहे बागबान, क्वालिटी घटिया **एचपीएमसी ने सभी स्थानों पर पहुंचा दिए हैं बॉक्स हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन शुरू हो गया है और यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब मंडियों में लाया जाने लगा है। सेब सीजन की शुरुआत में ही बागबान कार्टन खरीदकर रखते हैं, ताकि जैसे-जैसे तुड़ान शुरू हो उसे कार्टन में भरना शुरू कर दें। सरकार ने अच्छी क्वालिटी का कार्टन उपलब्ध करवाने के लिए एचपीएमसी को निर्देश दे रखे हैं, जिसने कार्टन मंगवा भी लिया और नजदीक के स्थानों तक पहुंचा भी दिया है, मगर उनसे कार्टन खरीदने के लिए कोई नहीं आ रहा। जानकारी के अनुसार एचपीएमसी ने बागबानों को यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाने के लिए 62 हजार कार्टन जुटाए हैं। जिन कंपनियों को टेंडर के बाद एचपीएमसी ने काम दिया है उनसे कार्टन की खरीद की जा रही है और बढिय़ा क्वालिटी का कार्टन लिया है। इन कंपनियों से आने वाले कार्टन की बाकायदा टेस्टिंग करवाई जा रही है और यह टेस्टिंग बागबानी विभाग अपनी लैब में कर रहा है। टेस्टिंग के बाद पहुंच रहे कार्टन को लेने के लिए बागबान तैयार नहीं है, जिसकी जगह वह मार्केट से यूनिवर्सल कार्टन खरीद रहे हैं। बताया जाता है कि एचपीएमसी ने जो 62 हजार कार्टन मंगवाया है उसमें से केवल 10 हजार के करीब कार्टन ही बिक पाया है। इससे साफ है कि बागबान किसी भी तरह का रूझान नहीं दिखा रहे हैं। यहां तक की नजदीक के क्षेत्रों में एचपीएमसी ने कार्टन पहुंचा दिया है। मार्केट से एचपीएमसी का कार्टन डेढ़ रुपए महंगा मिल रहा है मगर इसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी खुद एचपीएमसी की है। मार्केट के कार्टन की गुणवत्ता को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि यदि बागबान कार्टन एचपीएमसी से लेंगे तो उसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी एचपीएमसी की होगी। अब मार्केट से किस क्वालिटी का ले रहे हैं इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। इसे लेकर चाहे कोई जितनी भी शिकायत करे सरकार कुछ नहीं कर सकती है। सेब पेटियों की गुणवत्ता को लेकर विपक्षी दल भाजपा के नेता भी सवाल उठा रहे हैं, परंतु जब एचपीएमसी से लोग कार्टन ले ही नहीं रहे तो इसमें सरकार क्या कर सकती है। सरकार बागबानों को कार्टन मुहैया करवाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन बागबान अपनी मर्जी से कार्टन ले रहे हैं। ऐसे में विपक्ष के सवाल भी सरकार गंभीरता से नहीं ले रही। बता दें कि एचपीएमसी का कार्टन 53 रुपए से लेकर 65 रुपए तक मिल रहा है। यह अलग-अलग श्रेणी का कार्टन है, जिसमें व्हाइट और ब्राउट कार्टन अलग-अलग क्वालिटी का है। इसमें एचपीएमसी डेढ़ रुपए ज्यादा वसूल रही है, लेकिन गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी ले रही है।
कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। युवा पीढ़ी नशे के दलदल में धंसती जा रही है। पुलिस नशा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए दिन-रात प्रयास कर रही है। आय दिन पुलिस नशा तस्करों को गिरफ्तार भी कर रही है। इसके बाद भी नशा तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब युवा पीढ़ी भी नशा तस्करी में संलिप्त होती जा रही है। कुल्लू में नशा तस्करों पर कुल्लू पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है और आए दिन नशा तस्करी से जुड़े हुए लोगों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है। बीते दिन भी कुल्लू पुलिस की टीम ने चरस-हेरोइन की तस्करी के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, अब सैंज घाटी में अफीम की तस्करी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है । पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, आरोपी से इस बात की पूछताछ की जा रही है कि वह कहां से यह अफीम लेकर आया था और आगे किसे बेचने के लिए जा रहा था । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस थाना सैन्ज की टीम ने भलान में गश्त के दौरान छापे राम (35 वर्ष) निवासी जौली डाकघर भलान तहसील सैन्ज के कब्जे से 273 ग्राम अफीम बरामद की है। आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना सैन्ज में मादक पदार्थ अधिनियम की धारा 18 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। वही, इस अभियोग में जांच जारी है।
युवा कांग्रेस ने विकास पुरुष जी.एस.बाली की जयंती पर दी श्रद्धांजलि प्रदेश में विभिन्न ज़िलों में युवा कांग्रेस ने पूर्व मंत्री स्व. जी.एस.बाली की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की I इस दिन जगह-जगह रक्तदान शिविर, अस्पतालों और बाल आश्रमों में फल वितरण, स्कूली छात्रों में एजुकेशन किट जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए I हिमाचल के दिग्गज नेता रहे स्व. जी.एस.बाली के जन्मदिन पर हर वर्ष कांगड़ा में बाल मेला मनाया जाता रहा है, जहां बड़े स्तर पर रोज़गार मेला आयोजित किया जाता रहा है I उनके स्वर्गवास के बाद भी उनके सपुत्र एवं केबिनेट रेंक पर्यटन कार्पोरेशन के चेयरमेन रघुवीर सिंह बाली ने इस परम्परा को जारी रखते हुए इस वर्ष भी नगरोटा में बाल रोज़गार मेला आयोजित किया है I युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी ने कहा कि स्व जी.एस बाली का हिमाचल और हिमाचल के युवाओं के लिए योगदान हमेशा याद किया जाएगा I सरकार में केबिनेट मंत्री रहते हुए बाली हमेशा युवा कांग्रेस के युवाओं के कामों को तरजीह देते थे I निगम भंडारी ने बताया कि समाज सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने बाली का समाजिक जीवन में अविस्मरणीय योगदान रहा है I कोविड महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर भी जी.एस.बाली ने पूरे प्रदेश में कोरोना किट बाँट कर सैंकड़ों परिवारों की सेवा की I
**माता नैना का धूमधाम से मनाया गया जाग उत्सव हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के पीपलागे गांव में दहकते अंगारों पर भक्तों ने देव नृत्य किया। वहीं, माता नैना का जाग उत्सव भी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस उत्सव को देखने के लिए जिला कुल्लू के अलावा प्रदेशभर से श्रद्धालु उमडे़। इस जाग उत्सव में माता भद्रकाली,माता कोयला,माता शीतला,माता नागराणी अपने कारकूनों ओर हारियानों सहित विशेष रूप से शामिल हुई। माता के पुजारी अमित महंत ने बताया कि इस मौके पर भजन मंडली ने भजन कीर्तन के माध्यम से माता की महिमा का बखान कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। रात्रि एक बजे माता नैना, भद्रकाली अपने, कारकूनों, हारियानो सहित ढोल नगाड़े के साथ मंदिर में प्रवेश किया और अंगारों के चारों ओर परिक्रमा की। माता की शक्ति के आगे श्रद्धालु भी नतमस्तक हो गए। इस धार्मिक कार्यक्रम को देखने के लिए जिला कुल्लू व मंडी ,क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी। लगभग 2:00 बजे माता नैना और भद्रकाली ने अपने कारकूनों, हारियानों व देवलुओं के साथ ढोल-नगाड़ों की थाप पर मंदिर में प्रवेश कर देवालय के साथ अंगारों के चारों ओर परिक्रमा की। इसके बाद जलते अंगारों के बीच हुए नृत्य का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।भद्रकाली माता के पुजारी अमित महंत ने बताया कि इस जाग की अद्भुत बात यह है कि यहां पर माता के गुरु, चेलियां आग के अंगारों पर चलते हैं और माता रानी की कृपा से किसी के भी पैर में आंच तक नहीं आती। उन्होंने बताया कि जाग के दिन माता ने सभी भक्तों के दुखों का निवारण किया और सभी को मनवांछित फल प्रदान किया। वही, माता रानी जाग उत्सव में नारियल के माध्यम से सभी भक्तों के ग्रहों का निवारण करती हैं।
शिमला: पुरुष एवं महिला वार्डर के पदों की भर्ती के लिए 28 जुलाई 2024 को तीन केन्द्रों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जिला शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के 421 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय, संजौली (शिमला), जिला मंडी, कुल्लू, बिलासपुर व हमीरपुर के 1050 अभ्यर्थियों के लिए वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी में परीक्षा का आयोजन होगा। जिला मंडी, कांगड़ा, चंबा और ऊना के 1149 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला जिला कांगड़ा में परीक्षा का आयोजन होगा। कामगार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग के डीजीपी एसआर ओझा ने बताया कि बताया कि दोपहर 12 बजे परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को सूचित किया कि निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में लिखित परीक्षा आरम्भ होने से दो घंटे पूर्व प्रातः 10 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि सभी अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्र कारागार की वेबसाइट https://hpprisons.nic.in/ से एवं अपने पंजीकृत ई-मेल के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवेश पत्र डाउनलोड करना सभी अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। परीक्षा हॉल में पेन, कार्डबोर्ड, एडमिट कार्ड एवं पहचान पत्र के अतिरिक्त कोई भी सामग्री ले जाने की सख्त मनाही है। इसके साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉच, वायरलेस डिवाइस, ब्लूटुथ, इयरफोन, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स और बैग इत्यादि ले जाने की भी अनुमति नहीं होगी। परीक्षा केन्द्र परिसर में अपना वाहन साथ लाने की अनुमति नहीं होगी। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर-0177-2628852 पर सम्पर्क किया जा सकता है। बत दें कि जेल वॉर्डर के 91 पदों (पुरुष 77, महिला 14) पर 23-11-2-23 के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी की थी। इसके लिए 22 दिसंबर 2023 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। फ़िज़िकल टेस्ट पास करने के बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा रविवार को आयोजित होगी। लिखित परीक्षा में अनारक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है।
मंडी: चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर आज यानी 27 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक मंडी से पंडोह के बीच रोजाना दो घंटे गाड़ियों के पहिए थमे रहेंगे। नेशनल हाईवे पर 4 मील से 9 मील तक पहाड़ी पर हवा में लटके बड़े-बडे बोल्डरों व चट्टानों को हटाने के लिए हाईवे को बंद किया जा रहा है। इन बोल्डरों व चट्टानों से नेशनल हाईवे पर लगातार लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है, जिसके लिए हाईवे पर रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रहेगी। छोटे वाहन आने जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर सकेंगे, जबकि बड़े वाहनों को एनएच खुलने का इंतजार करना होगा। डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि एनएचएआई की तरफ से प्रशासन को निवेदन प्राप्त हुआ था कि मंडी से पंडोह के बीच कुछ ऐसे स्थान हैं जहां पर लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है। खासकर कुछ स्थानों पर बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें पहाड़ी पर लटकी हुई हैं जो कभी भी गिरकर तबाही मचा सकती हैं। ऐसे में इन पत्थरों और चट्टानों को हटाना जरूरी है। वहीं, कुछ स्थानों पर लैंडस्लाइड के कारण मलबा गिरा हुआ है जिसे भी हटाना जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस कार्य को तुरंत प्रभाव से करने के निवेदन को स्वीकार करते हुए 5 दिनों तक हाईवे को रोजाना दो घंटों तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। इस दो घंटे की ब्रेक के दौरान मंडी से कुल्लू-मनाली की तरफ जाने वाले वाया कमांद-कटौला-बजौरा होते हुए जा सकेंगे। अगर कोई कुल्लू से आ रहा है तो वे पंडोह से वाया गोहर-चैलचौक-डडौर होते हुए जा सकेंगे। वैकल्पिक मार्गों से सिर्फ छोटे वाहनों को जाने की अनुमति होगी।
हिमाचल में निजी स्कूलों को अपने परीक्षा केंद्र का अब हर वर्ष नवीकरण करना होगा। अगर ऐसा न किया तो इसके लिए नए सिरे से सभी औपचारिक्ताएं पूरी करनी होंगी। उसके बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र उपलब्ध करवाया जाएगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों के सृजन के नियमों में फेरबदल किया है। शिक्षा बोर्ड ने अधिसूचना जारी कर दी है। जानकारी के अनुसार अब वार्षिक परीक्षाओं के लिए स्कूलों को अपने स्कूल में परीक्षा केंद्र सृजन करने के लिए भारी भरकम फीस बोर्ड को देनी होगी। नए नियमों के मुताबिक अब नए परीक्षा केंद्र निरीक्षण फीस सभी सरकारी और बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए पांच हजार रुपये रहेगी। पहले यह फीस नहीं होती थी। वार्षिक परीक्षाओं के लिए नए परीक्षा केंद्र, अपग्रेड, बनाए रखने, नवीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान बोर्ड की ओर से तय नियमों के अनुसार ही स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन लिंक के माध्यम से ही एक से 31 अगस्त तक किया जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी संस्थान के एक बार परीक्षा केंद्र बन जाने के बाद उस संस्थान को आगामी सत्र से यह निर्धारित तिथियों में ही नवीनीकरण के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि यदि बोर्ड से संबद्धता प्राप्त किसी निजी संस्थान द्वारा अपने संस्थान से सृजित परीक्षा केंद्र के नवीकरण के लिए आवेदन प्रेषित नहीं किया जाता है तो ऐसे संस्थान को आगामी सत्र के लिए पुन: नए सिरे से औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी और उन्हें शुल्कों सहित केंद्र सृजन के लिए आवेदन करना होगा। बताया कि अधिसूचना तुरंत प्रभाव से लागू होगी। पहली से 15 सितंबर तक नए परीक्षा केंद्र सृजन, अपग्रेड करने के लिए आवेदन पांच हजार रुपये विलंब शुल्क के साथ होगा। परीक्षा केंद्र के नवीकरण आवेदन के लिए विलंब शुल्क 1000 लिया जाएगा। यदि संबंधित अथॉरिटी के द्वारा 15 सितंबर के बाद आवेदन की तिथि बढ़ाई जाती है तो परीक्षा केंद्र सृजन व अपग्रेड के लिए 10 हजार रुपये विलंब शुल्क रहेगा। केंद्र नवीकरण के लिए विलंब शुल्क दो हजार रुपये रहेगा। बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए यह आवश्यक किया गया है कि 10 हजार रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाए जाएंगे। ये रुपये जब तक जमा रहेंगे, जब तक संबंधित स्कूल परीक्षा केंद्र चाहेगा। अगर परीक्षा केंद्र को अधिक नकल करने के चलते रद्द किया जाता है तो सिक्योरिटी राशि जब्त की जाएगी।
श्रीखंड ट्रस्ट के अंतर्गत 2014 से शुरू श्रीखंड महादेव यात्रा के 11 सालों में पहली बार देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का आंकड़ा 8,500 पार पहुंच गया है। यह धार्मिक यात्रा शनिवार को आधिकारिक तौर पर समाप्त हो जाएगी। शनिवार को यात्रा के अंतिम दिन यात्रियों का अंतिम जत्था रवाना किया जाएगा, जो बेस कैंप सिंहगाड में 30 जुलाई तक लौटेगा। बीते 13 दिनों में 8,509 यात्री पंजीकरण के बाद महादेव के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। इस वर्ष श्रीखंड महादेव यात्रा सबसे सफल यात्राओं में से एक रही है। प्रशासन की ओर से किए गए पुख्ता इंतजाम भी इसका प्रमुख कारण रहा। प्रशासन की तैयारियों से श्रद्धालुओं को कोई परेशानी पेश नहीं आई। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली ने नैन सरोवर से श्रीखंड महादेव तक की चढ़ाई तक रस्से लगाए। इनकी मदद से सभी श्रद्धालुओं ने ग्लेशियर पार किए। एसडीआरएफ की टीम ने कई श्रद्धालुओं को आपात सेवाओं में सहयोग दिया। पांच सेक्टरों में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट की पूरी टीम दिन-रात श्रद्धालुओं की मदद के लिए जुटी रही, जिसमें मेडिकल टीम का अहम योगदान रहा है। पहली बार दो निजी संस्थानों ने दो बेस कैंप में निशुल्क ओपीडी की सेवा प्रदान की। इसमें विश्व मानव रूहानी केंद्र ने सबसे कठिन बेस कैंप भीमडवारी में दो बिस्तर की ओपीडी की सेवाएं उपलब्ध करवाईं। सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड संस्थान ने सिंहगाड में मेडिकल सेवाएं देकर श्रद्धालुओं की मदद की। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने श्रीखंड महादेव तक चलकर स्वयं इंतजामों और रास्तों का जायजा लिया, जिसकी रिपोर्ट उपायुक्त कुल्लू को भेजी। उन्होंने कहा कि काली टाॅप से बराहटी नाला तक के 12 किमी ट्रैक पर श्रद्धालुओं को पेयजल का सामना करना पड़ा। जलशक्ति विभाग से यहां पेयजल लाइनों की मरम्मत कर नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। रास्तों में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए और पब्लिक टाॅयलेट बनाए जाएंगे। इसके अलावा जो कमियां रही हैं, उन्हें सुधारने के लिए उपायुक्त कुल्लू को पूरी रिपोर्ट भेजी गई है। श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान कई भक्तों और समाजसेवी संस्थानों ने लंगर सेवाएं प्रदान कीं, जिनमें तरह-तरह के व्यंजनों का श्रद्धालुओं ने स्वाद चखा। वहीं क्षेत्र के स्थानीय लोगों का यात्रा के दौरान कारोबार खूब चमका। इससे स्थानीय लोगों में भी यात्रा को लेकर बेहद उत्साह दिखा।
देश में सबसे ऊंचाई पर शिंकुला सुरंग के बन जाने से लेह-केलांग-मनाली-दिल्ली की कनेक्टिविटी सालभर बनी रहेगी। सेना के काफिले की आवाजाही भी बर्फबारी के बीच सर्दी के कुछ दिन छोड़कर होती रहेगी। वहीं लाहौल के पर्यटन में भी उछाल आएगा। सामरिक दृष्टि से मनाली-लेह सड़क महत्वपूर्ण है। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध ने इस सड़क का महत्व दर्शा दिया है। उन दिनों सेना के काफिले को 13,050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रा के रास्ते आवाजाही करनी पड़ती थी। अब अटल टनल रोहतांग बनने से लेह के लिए सफर काफी कम और सुगम हो गया है। शिंकुला सुरंग बन जाने से यह सफर खासकर सेना के लिए वरदान से कम नहीं होगा। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास-कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी मौके पर प्रधानमंत्री ने शिकुला सुरंग की आधारशिला भी रखी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के नायकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए युद्ध स्मारक द्रास में उपस्थित होने का सौभाग्य महसूस कर रहा हूं। पीएम ने वर्चुअल माध्यम से लद्दाख के लिए एनपीडी रोड पर रणनीतिक शिंकुला सुरंग की आधारशिला रखी और शिंकुला में पहला विस्फोट किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से निम्मू-पदम-दारचा सड़क पर 15,800 फुट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर 1,681 करोड़ रुपये की लागत से 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग हिमाचल के लाहौल और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र को आपस में जोड़ेगी। वर्ष 2023 में सुरक्षा पर पीएम की अगुवाई वाली कैबिनेट समिति ने इस टनल को मंजूरी दी थी। जांस्कर के लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वारी केंद्र सरकार का आभार जताया है। इधर, लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि शिंकुला सुरंग के निर्माण से जांस्कर के साथ लाहौल के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि अटल टनल रोहतांग से पहले लाहौल में गिने चुने ही विदेशी पर्यटकों की आवाजाही रहती थी। अटल टनल बनने के बाद यहां विदेशी पर्यटकों के साथ भारत के कोने-कोने से पर्यटक पहुंच रहे हैं। अधिकतर पर्यटक लाहौल के रास्ते लेह लद्दाख को भी निहारना चाहते हैं, लेकिन सफर लंबा होने के कारण मनाली से आगे बहुत कम आते हैं। शिंकुला सुरंग बनने से लेह लद्दाख के लाहौल, कुल्लू, मनाली के साथ संबंध और मजबूत रहेंगे, वहीं पर्यटन कारोबार में भी गति आएगी।
प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों को मिलने वाले खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता की जांच की जाएगी। इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को आदेश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारी हर आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर खाद्य पदार्थों के सैंपल भरेंगे। सैंपल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्रमाणित लैब में भेजे जाएंगे। राशन की गुणवत्ता के साथ अन्य चीजों का पता लगाया जाएगा। अगर खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल होते हैं तो कंपनी के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा। प्रदेशभर में आईसीडीएस के तहत आंगबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए राशन और अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाए जाते हैं। इन खाद्य पदार्थों से बच्चों की सेहत पर कोई प्रभाव न पड़े इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने सैंपल भरने का निर्णय लिया है। इसी के साथ राशन भंडारण की भी जांच की जाएगी। राशन को रखने का तरीका और स्वच्छता के बारे में भी पता लगाया जाएगा। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों में भी राशन को किस प्रकार से रखा गया है, कैसे राशन को तैयार किया जाता है, इसके बारे में टीम निरीक्षण करेगी। साथ ही कच्चे और तैयार खाद्य पदार्थों के सैंपल भरेगी। जिलों में टीमों का गठन किया गया है। जिला सोलन में अब तक आईसीडीएस राशन के 17 सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट आगामी 15 दिनों में आने की उम्मीद है। एफएसओ दीक्षा कपिल की टीम ने धर्मपुर समेत अन्य जगहों में सैंपल भरे हैं। एफएसओ अनुज शर्मा की टीम ने अर्की समेत बीबीएन में सैंपल भरे हैं। टीम की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों से दाल, राजमा, चना, दाल चना, शक्कर, न्यूट्रीमिक्स बिस्कुट समेत अन्य 17 सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों से खाद्य पदार्थों के सैंपल भरने शुरू कर दिए हैं। अब तक 17 सैंपल भरे गए हैं। इन्हें जांच के लिए भेज दिया है। प्रत्येक माह आंगनबाड़ी केंद्रों से सैंपल भरे जाएंगे ताकि गुणवत्ता का पता चल सके।
राज्य मुक्त विद्यालय से 12वीं कक्षा की पढ़ाई करने वाले 1,854 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रद्द हो सकता है। अगर अभ्यर्थियों ने 15 दिन के भीतर अपने दस्तावेज जमा नहीं करवाए तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दस्तावेज जमा न करवाए जाने के कारण शिक्षा बोर्ड के पास 2013 तक से अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम आरएलई पड़ा हुआ है, जिन्हें बोर्ड ने अंतिम मौका दिया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जमा दो की सत्र मार्च, 2023 से सितंबर, 2023 तक की परीक्षाओं के उन अभ्यर्थियों को अपने दस्तावेज जमा करवाने का एक मौका दिया है, जिनका परीक्षा परिणाम पात्रता दस्तावेजों के कारण लंबित पड़ा है। शिक्षा बोर्ड के पास ऐसे करीब 1854 अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने पात्र दस्तावेजों का अभी तक जमा नहीं करवाया है, जिसके चलते उनका परीक्षा परिणाम आरएलई घोषित हुआ है। शिक्षा बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों को अपने पात्र दस्तावेजों को संबंधित अध्ययन केंद्रों को औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया, लेकिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज जमा नहीं करवाए। इसके चलते उनका परीक्षा परिणाम आरएलई घोषित हुआ है। अब शिक्षा बोर्ड ने इन अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम को रद्द करने का मन बनाया लिया है। इससे पहले शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने अभ्यर्थियों को 15 दिन के भीतर अपने वांछित दस्तावेजों को डाक के माध्यम या दस्ती तौर पर बोर्ड कार्यालय में जमा करवाने का अवसर दिया है। अगर निर्धारित समय तक बोर्ड के पास दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए तो बोर्ड प्रशासन नियमानुसार परीक्षा परिणाम को रद्द कर देगा। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि 1854 अभ्यर्थियों का परिणाम पात्रता दस्तावेजों के न होने के कारण लंबित पड़ा हुआ है। अभ्यर्थियों को 15 दिन के भीतर अपने दस्तावेज जमा करवाने का अंतिम अवसर दिया गया है, अगर इस दौरान अभ्यर्थी दस्तावेज जमा नहीं करवा सके तो परिणाम को नियमानुसार रद्द कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर शिमला में अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ (त्रिलोक गुट) की एक बैठक प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। संगठन के अनुसार इस बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिला व विभागीय कर्मचारी संगठनों के लगभग 280 प्रतिनिधियों ने भाग लिया l बैठक में सभी जिला व विभागीय संगठनों के अध्यक्षों व महासचिवों ने कर्मचारियों के मुद्दों पर अपने सुझाव व विचार व्यक्त किये l बैठक में कर्मचारियों के विभिन्न मसले जैसे, संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन शीघ्र कराने, संशोधित वेतनमान 2016 की लंबित देनदारियों का शीघ्र निपटारा करने, महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का निपटारा करने जैसी मांगों पर चर्चा की गई। इस मौके पर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि विभागों में कर्मचारियों के काफ़ी रिक्त पद चल रहे हैं। कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ नही मिल रहे है। जेसीसी की बैठक सरकार बुला नही रही है। उनकी मांग हैं की सरकार जल्द जेसीसी की बैठक आयोजित कर कर्मचारियों की मांगो को पूरा करे। अन्यथा कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली डीएलएड (सीईटी) तथा सभी विषयों की अध्यापक पात्रता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क में बढ़ौतरी की है। अब परीक्षार्थियों को इन दोनों ही परीक्षाओं में भाग लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय पहले के मुकाबले अधिक शुल्क देना पड़ेगा। बोर्ड ने दोनों ही परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को दोगुना कर दिया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की मानें तो प्रदेश के नजदीकी राज्यों के बोर्डों एवं संस्थानों तथा देश के अन्य बोर्डों आदि द्वारा निर्धारित शुल्कों की तुलना करने के उपरांत करीब 11 वर्ष पूर्व निर्धारित आवेदन शुल्कों को पुन: निर्धारित किया गया है। बोर्ड अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड अधिनियम 1968 की धारा 19 (3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली डीएलएड (सीईटी) तथा सभी विषयों की टैट परीक्षाओं के शुल्क को पुन: निर्धारित करने के सहर्ष आदेश प्रदान किए हैं। विदित रहे कि बोर्ड द्वारा साल में 2 बार अध्यापक पात्रता परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है, जबकि एक बार डीएलएड (सीईटी) परीक्षा करवाई जाती है। इस तरह रहेगा ऑनलाइन आवेदन शुल्क अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों को जहां पहले 800 रुपए शुल्क देना पड़ता था, अब उन्हें 1600 रुपए देना पड़ेगा। वहीं ओबीसी, एससी, एसटी एंड पीएचएच (दिव्यांग) अभ्यर्थियों को पहले आवेदन के लिए 500 रुपए देने पड़ते थे, अब उन्हें 1000 रुपए देने पड़ेंगे। वहीं विलंब शुल्क पहले जहां 300 रुपए था, अब 600 रुपए रहेगा। इसी तरह डीएलएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए पहले सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान 600 रुपए देने पड़ते थे, अब उन्हें 1200 रुपए देने पड़ेेंगे। इसी तरह ओबीसी, एससी, एसटी, दिव्यांग और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को आवेदन करने के दौरान पहले जहां 400 रुपए लगते थे, अब उन्हें ऑनलाइन आवेदन शुल्क 800 रुपए देना पड़ेगा। वहीं विलंब शुल्क पहले जहां 300 रुपए था, उसे बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया गया है।
कामगार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पुरूष एवं महिला वार्डर के पदों की भर्ती के लिए 28 जुलाई, 2024 को तीन परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला शिमला, सोलन, सिरमौर व किन्नौर के 421 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय, संजौली (शिमला), जिला मंडी, कुल्लू, बिलासपुर व हमीरपुर के 1050 अभ्यर्थियों के लिए वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी, जिला मंडी और जिला कांगड़ा, चंबा व ऊना के 1149 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला जिला कांगड़ा में परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को सूचित किया कि अभ्यर्थी निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में लिखित परीक्षा आरम्भ होने से दो घंटे पूर्व प्रातः 10 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्र कारागार की वेबसाइट admis.hp.nic.in/hpprisons से एवं अपने पंजीकृत ई-मेल के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवेश पत्र डाउनलोड करना सभी अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। परीक्षा हॉल में पेन, कार्डबोर्ड, एडमिट कार्ड एवं पहचान पत्र के अतिरिक्त कोई भी सामग्री ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉचिज़, वायरलेस डिवाइसिज, ब्लूटुथ डिवाइसिज, इयरफोन, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स तथा बैग इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा केन्द्र में अपना वाहन साथ लाने की अनुमति नहीं होगी। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर-0177-2628852 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश के मनाली में हाल ही में एक भीषण सड़क दुर्घटना घटित हुई है। इस दुर्घटना में यात्रियों की एक बस ब्यास नदी के किनारे गिर गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय हुई जब बस मनाली से पठानकोट की ओर जा रही थी। बस में कुल 12 यात्री सवार थे। हादसे के दौरान, बस सड़क से फिसलकर ब्यास नदी के किनारे जा गिरी। इस दुर्घटना में आठ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। दुर्घटना के तुरंत बाद, स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर बचाव अभियान चलाया और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इस दुर्घटना में किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है, लेकिन एक कार भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। घायल यात्रियों के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और लोग घायल यात्रियों के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मे राज्य सचिवालय में हुई। बैठक में आज निर्णय लिया गया कि अब शराब के ठेके में शराब विक्रेता शराब के निर्धारित मूल्य से ज्यादा पैसे नही वसूल पाएंगे। क्योंकि अगर कोई ऐसा करता है तो उस व्यक्ति पर सीधा एक लाख का जुर्माना लगेगा। यह निर्णय आज केबिनेट की बैठक में लिया गया है। जानकारी देते हुए इंडस्ट्री मिनिस्टर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब के ठेकों से ये शिकायते आ रही थी कि दुकानदार तय दरों से ज्यादा रेट पर शराब बेचते है। इसे देखते हुए कैबिनेट ने ज्यादा रेट वसूली पर पेनल्टी का प्रावधान किया है। पहली बार अधिक रेट पर बेचते हुए पकड़े जाने पर 15 हजार रुपए, दूसरी बार पकड़े जाने पर 25 हजार, तीसरी बार 50 हजार और चौथी बार सीधी एक लाख रुपए पैनल्टी लगने वाली है। और अगर इसके बाद भी कोई महंगी शराब बेचते हुआ पकड़ा गय तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू वन क्षेत्र की भूमि पर किए अवैध कब्जे से जुड़े एक मामले का निपटारा करते हुए वन भूमि को तुरंत खाली करने के आदेश जारी किए है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मंडलीय आयुक्त व कलेक्टर-सह-मंडलीय वन अधिकारी, आनी वन मंडल, लुहरी, जिला कुल्लू के आदेशों से प्रार्थी द्वारा सरकारी वन भूमि पर किए अवैध कब्जे की पुष्टि हो गई है। इसलिए संबंधित तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों, डीएफओ सहित अन्य वन अधिकारियों को सरकारी वन भूमि की स्थायी सीमा तय करने के बाद प्रार्थी द्वारा कब्जाई तमाम वन भूमि का कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए गए है। कोर्ट ने उक्त अधिकारियों को इस बाबत 31 अगस्त 2024 तक का समय दिया है। कोर्ट ने मौके से कब्जा वापस लेने के संबंध में अनुपालना शपथ पत्र संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा दाखिल करने के आदेश भी जारी किए है। संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अगर उक्त भूमि के सीमांकन के दौरान अन्य अतिक्रमणों को मौके पर पाते है तो उन्हें भी समयबद्ध तरीके से वन भूमि से कानून के दायर में रहकर उचित कार्रवाई करके छः माह में हटा दें। कब्जाई वन भूमि पर यदि कोई निर्माण किया गया है तो वह हिमाचल प्रदेश सरकार या वन विभाग में निहित होगा और उसका राज्य सरकार या वन विभाग द्वारा उपयोग किया जाएगा। कोर्ट ने प्रार्थी को छूट दी है कि यदि वह निर्माण से जुड़ी सामग्री उक्त वन भूमि से खुद ही हटाकर ले जाना चाहे तो वह 30 अक्टूबर 2024 से पहले यह कार्य कर सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त निर्देशों की अनुपालना में किसी भी लापरवाही या ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ परिणामी प्रतिकूल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कोर्ट ने संपूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने और वीडियोग्राफी की प्रति शपथ पत्र के साथ रिकॉर्ड पर रखने के आदेश भी दिए। महाधिवक्ता को समय पर अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए इन आदेशों को हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के ध्यान में लाने का निर्देश दिया गया है। मामले को अनुपालना के लिए 23 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया है। प्रार्थी के खुद के दावे के अनुसार वह सरकारी वन भूमि का उपयोग पिछले 20-25 वर्षों से फलदार पेड़ उगाने के लिए कर रहा है। राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में भूमि का सीमांकन किया गया था, लेकिन प्रार्थी के अनुसार, वह सीमांकन के समय उपस्थित नहीं था। लेकिन उसने लिखित में दिया था कि उसकी उपस्थिति में भूमि के सीमांकन पर यदि कोई सरकारी भूमि उनके कब्जे में पाई जाती है, तो वह उसे खाली करने के लिए तैयार है।
**पटवारी-कानूनगो को भारी पड़ा सरकार का विरोध प्रदेश में लगातार स्टेट कैडर का विरोध कर रहे पटवारियों और कनूनगो के खिलाफ सरकार ने बड़ा एक्शन लेने की ठान ली है। ऑनलाइन सेवाएं बंद करने और अतरिक्त कार्यभार की चाबियां लौटाने वाले कर्मचारियों अधिकारीयों को सरकार ससपेंड करेगी। इस बार में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की तरफ से सभी डीसी को लेटर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों का इस तरह का रवैया अनुचित है। जो सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन है। ऐसे में लोगों को सेवाएं न देने वाले पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ये भी कहा गया है कि यदि उन्हें सरकार के किसी निर्णय के खिलाफ कोई शिकायत है, तो उन्हें बातचीत का सहारा लेना चाहिए न कि लोगों के जरूरी कामों को रोक कर सरकार के आदेशों की अवहेलना करनी चाहिए। राज्य सरकार ने ऑनलाइन काम ठप करने और व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ने के खिलाफ सभी पटवारी और कानूनगो की सर्विस ब्रेक हो सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने इस बारे में सभी उपायुक्तों को पत्र जारी किया है। ** दो दिनों में सेवाएं करनी होगी शुरू प्रदेश सरकार की तरफ से सभी डीसी को जारी लेटर में पटवारियों और कानूनगो को दो दिनों में सेवाएं शुरू करने को कहा गया है। अगर आदेशों की पालना नहीं होती है तो ऐसे सभी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डीसी को भी अपने जिलों में उनके नियंत्रण में पटवारियों और कानूनगो को तुरंत प्रभाव से ऑनलाइन काम फिर से शुरू करने के लिए कड़े निर्देश जारी करने को कहा गया है, ताकि प्रदेश भर में लोगों को घर द्वार पर सरकार की सुविधाओं का लाभ मिल सके। ** व्हाट्सएप ग्रुप में भी वापस जुड़ने के दिए निर्देश इसके अलावा पटवारियों और कानूनगो को आधिकारिक "व्हाट्सएप ग्रुप" में वापस शामिल होने और अतिरिक्त प्रभार सहित उन्हें दिए गए अन्य दायित्वों को भी निभाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके लिए पटवारियों और कानूनगो दो दिन का समय दिया गया है। पटवारियों और कानूनगो को चेताया गया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से कोई भी कार्रवाई जो हिमाचल प्रदेश की आम जनता के हितों के खिलाफ है, सरकार ये कतई स्वीकार्य नहीं करेगी।
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के पास लगते सोलंगनाला में बादल फटने की घटना सामने आई है। दरअसल सोलंगनाला के अंजनी महादेव नाले में रात के समय बादल फट गया, जिसके चलते भारी मलबा सड़क पर आ गया और मनाली लेह सड़क मार्ग भी पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में सड़क के दोनों और गाड़ियां फंस गई हैं। मलबे में बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर आने के चलते फिलहाल दोपहर तक रोड के खुलने की कोई संभावना नहीं है। वहीं, प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है और बीआरओ के अधिकारियों के साथ रोड को खोलने को लेकर तैयारी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार बीती रात के समय अचानक अंजनी महादेव के साथ लगते नाले में बादल फट गया, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानें नाले में बहकर पलचान पुल तक जा पहुंची, जिससे पलचान में एक घर को नुकसान हुआ है और पावर प्रोजेक्ट के भवन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि गनीमत रही कि इसमें किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन अब प्रशासन की टीम नुकसान का जायजा लेने में जुट गई है। ऐसे में सड़क बंद होने के चलते सोलंगनाला, लाहौल घाटी का संपर्क भी अब मनाली से कट गया है। बीआरओ के द्वारा अब मशीनरी को मौके पर बुलाया जा रहा है, ताकि सड़क बहाली का कार्य शुरू किया जा सके। डीसी कुल्लू तोरूल एस रवीश ने बताया कि सड़क बहाली का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा और नुकसान की रिपोर्ट भी प्रशासन के द्वारा तैयार की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में 29 जुलाई तक भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में मौसम विभाग ने फ्लैश फ्लड को लेकर चेतावनी भी जारी की है, जिसके चलते लोगों से भी प्रशासन द्वारा नदी-नालों से दूर रहने की अपील की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में ज़बरदस्त उछाल देखने में आया है। प्रदेश ने वर्ष 2024 की पहली छमाही में एक करोड़ से अधिक सैलानियों का आतिथ्य सत्कार किया। हिमाचल की मनोहारी वादियों, स्वच्छ वातावरण और प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही बेहतर सुविधाओं के फलस्वरूप इस साल जून माह के अन्त तक रिकॉर्ड 1,00,87,440 पर्यटक प्रदेश के भ्रमण पर पहुंचे। प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति पर्यटकों से गुलजार हैं। इस अवधि में सर्वाधिक पर्यटक कुल्लू और शिमला ज़िलों में उमड़े। कुल्लू ज़िले की 4,73,737 और शिमला ज़िले की 4,48,392 सैलानियों ने यात्रा की। प्रदेश में जुलाई माह में भी पर्यटकों का आगमन निरन्तर जारी है। प्रदेश की अधिकतर सड़कों पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए खुली हैं और पर्यटक हिमाचल की नैसर्गिक सुन्दरता को निहारने के लिए प्रदेश की ओर रूख कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पर्यटकों को आश्वस्त किया है कि प्रदेश के अधिकांश मार्ग यातायात के लिए खुले हैं। खराब मौसम के कारण प्रदेश की कुछ सड़कें प्रभावित हुईं थीं, लेकिन वर्तमान में पर्यटकों और आमजन के लिए अधिकतर सड़कें खोली जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई महीने में हज़ारों की संख्या में पर्यटकों ने हिमाचल की सैर की और इस वर्ष के अन्त तक पर्यटकों की संख्या दो करोड़ से अधिक रहने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैलानी प्रदेश के विभिन्न स्थलों की यात्रा से संबंधित जानकारी संबंधित ज़िला प्रशासन व पुलिस विभाग के हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटकों की सुगम एवं सुरक्षित यात्रा तथा उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सैलानियों की सुरक्षित यात्रा के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग बाधित सड़कों को बहाल करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग पर्यटकों को समय-समय पर विशेष सड़क मार्गों पर यात्रा संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा है। ज़िला प्रशासन और हिमाचल पुलिस द्वारा सड़कों की स्थिति संबंधी जानकारी निरन्तर उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आज बचत भवन, सम्मेलन कक्ष में प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में महासंघ के राज्य पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष व उनकी कार्यकारिणी तथा विभिन्न विभागों के अध्यक्षों, सचिवों एवं अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने मांग की कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए जल्द से जल्द से संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक बुलाई जाए । बैठक में विभिन्न विभागों की समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। प्रमुख मुद्दों में विभिन्न विभागों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी रिक्त पदों को जल्द भरना, विभिन्न विभागों के विभिन्न वर्गों में वेतन विसंगति, वर्ष 2016 के वेतन आयोग के अनुसार बकया राशि का तुरंत भुगतान, 12% महंगाई भत्ता, दो बार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम, जिला परिषद तथा अन्य छूटे विभागों के लिये पुरानी पेंशन का प्रावधान, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करना, विभिन्न विभाग के विभिन्न वर्गों के पद नाम बदलना, जल रक्षक का अनुबंध में शामिल करने के लिए अवधि 12 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष करना, आवास भत्ते में लंबे समय से वृद्धि न होने के कारण विभिन्न कर्मचारी वर्ग का आवास भत्ता बढ़ाने की मांग, विभागीय पदोन्नती समय पर हो, करूनामुल्क आधार पर विभिन्न विभागों में लंबित मामलों का निपटारा कर सभी को वन टाइम रिलैक्सेशन देकर नियुक्ति देना, जिला परिषद कर्मचारियों को विभाग में मर्ज करने, मिड डे मील वर्कर, आंगनवाड़ी सहायिका के लिए स्थाई नीति, आउटसोर्स कर्मचारी के लिए स्थाई नीति, मल्टी टास्क कर्मी के लिए स्थाई नीति, सहित अन्य महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे। बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों से उपस्थित पदाधिकारियों ने विभागिय समस्याओं बारे अवगत करवाया। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने इन मुद्दों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर से सरकार के समक्ष इन समस्याओं को रखने तथा शीघ्र समाधान की मांग की। राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा की कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए शीघ्र ही समाधान निकालने हेतु माननीय मुख्यमंत्री से मिलेगा और विभिन्न विभागों द्वारा सौंपे गए मांगपत्र माननीय मुख्यमंत्री को आगामी कार्यवाहेतु प्रदान किए जाएंगे। इस बैठक में राज्य कार्यकारिणी वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरव वैद, महासचिव भरत शर्मा, उपाध्यक्ष एवं राज्य प्रधान क्लास-4 संगठन आईजीएमसी मोहन लाल कश्यप, मुख्य सलाहकार एवं प्रदेश पटवारी कानूनगो महासंघ अध्यक्ष शमशेर, मुख्य प्रवक्ता कुशाल शर्मा, कार्यालय सचिव देव नेगी, सचिव एवं लैब अटेंडेंट एसोसिएशन स्कूल अध्यक्ष कँवर सिंह तंगराइक, महासचिव, पम्प ऑपरेटर जल शक्ति विभाग डी के शर्मा, ज़िला उपायुक्त कार्यालय एसोसिएशन अध्यक्ष अमित वर्मा, फायर ब्रिगेड यूनियन महासचिव रजिंदर चंदेल, अर्थ एवं सांख्यिकी तकनीकी अध्यक्ष मोहन लाल वर्मा, आई टी आई ट्रेनेड फ़िटर अध्यक्ष तेज राम, हि० प्र० नेत्र चिकित्सा अधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र दत्त शर्मा, वन विभाग मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन अध्यक्ष प्रकाश बादल के साथ-साथ प्रदेश के सभी ज़िला अध्यक्षों मनजीत(सोलन), भरत (शिमला), बलदेव नेगी (किन्नौर), राम चन्द्र (सिरमौर), लेख राज (मंडी), अमर चंद (कुल्लू), विजय (चम्बा), रजिंदर मनहास (काँगड़ा), दर्शोक ठाकुर (हमीरपुर), धरम सिंह (बिलासपुर) एवं रामपाल (लाहौल-स्पीति) ने भाग लिया।
**अब और बढ़ सकती है मुश्किलें ** मांगें नहीं मानी तो कार्यालयों की चाबियां सौंपेंगे पटवारी और कानूनगो **जनता परेशान, सरकार नहीं ले रही सुध प्रदेश भर में पिछले 10 दिनों से लोगों के हिमाचली प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि जैसे ज़रूरी प्रमाण ऑनलाइन तो बन ही नहीं रहे थे मगर अब ये सुविधाएं कुछ हद तक ऑफलाइन भी बंद हो सकती है। पहले इन सभी कामों के लिए जनता को सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ रहा था मगर अब दफ्तरों पर भी ये काम मुश्किल हो सकते है और इसका कारण है ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारियों की सुक्खू सरकार से नाराज़गी। दरअसल राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर का दर्जा दिए जाने के फैसले से ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारी सुक्खू सरकार के खिलाफ भड़क गए हैं और ये एलान कर दिया है कि अब वो न सिर्फ ऑनलाइन सुविधाएं बल्कि अतिरिक्त कार्यों के कार्यालयों की चाबियां भी वापस सौंप देंगे। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवारी और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद कर दिया जाएगा यानि उन कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंप दी जाएगी जिनका उनके पास अतिरिक्त कार्यभार है, और अगर इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई और उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो महासंघ पेन डाउन हड़ताल शुरू कर देगा। ज़ाहिर है अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को बहुत ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। नगर निगमों, नगर परिषद, नगर पंचायतों और पंचायतों के तहत लोगो के बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद हो जाएंगे। यही नहीं प्रदेश सरकार 18 से 59 आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 मासिक पेंशन दे रही है, जिसके लिए इन दिनों कल्याण अधिकारी के पास फार्म भरे जा रहे हैं, जिसके लिए हिमाचली बोनोफाइड प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। अब महिलाएं 1500 मासिक पेंशन लेने के लिए भी फॉर्म जमा नहीं कर पाएगी। इतना कुछ होने पर भी सरकार ने अभी तक महासंघ को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है। ऐसे में सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आम जनता खासी परेशान है। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया से खास चर्चा करते हुए हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। पटवारी और कानूनगों की भर्ती भी जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में ये लोग पीछे चले जाएंगे। उन्होंने ये भी बताया कि पटवारी क़ानूनंगो को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल-चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उनका दूसरे जिला में ट्रांसफर हो जाता है तो इससे उन्हें बोल-चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में ही रखा जाना चाहिए। बता दें कि प्रदेश में राजस्व विभाग के अंतर्गत सेवाएं दे रहे पटवारी एवं कानूनगो की संख्या 3350 के करीब है। इसके अलावा सेटलमेंट विभाग में भी इस वर्ग के सैंकड़ों कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। हिमाचल में राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारी एवं कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का निर्णय पिछली साल 18 नवंबर को भी लिया गया था, लेकिन उसी दिन देर शाम तक हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया था । सरकार का निर्णय 12 घंटे भी नहीं टिक पाया था। लेकिन अब सरकार ने फिर से पटवारी और कानूनगो स्टेट कैडर का दर्जा दे दिया हैं। ।
** हिमाचल में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, तीन जिलों के लिए बाढ़ का जोखिम हिमाचल प्रदेश के कई भागों में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी शिमला में मौसम खराब बना हुआ है। सुबह से शहर व आसपास भागों में रुक-रुककर बारिश जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 24 से 27 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 29 जुलाई तक कई स्थानों पर बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। बीती रात कांगड़ा में बारी बारिश हुई। इस बार हिमाचल में मॉनसून की गति प्रवेश के बाद से धीमी पड़ गई है। बार बार अचानक बाढ़ और भरी बारिश की चेतावनी के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो रही हैं। उधर, आईएमडी हाइड्रोमेट डिवीजन नई दिल्ली की ओर से प्रदेश के लिए राष्ट्रीय आकस्मिक बाढ़ मार्गदर्शन बुलेटिन जारी किया गया है। इसके अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, चंबा और शिमला जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बाढ़ का जोखिम होने की संभावना है।
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली में पुलिस की टीम ने एक बार फिर से गोवंश से भरे हुए दो ट्रक पकड़े हैं। पुलिस ने ट्रक ड्राइवरों पर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, एक ट्रक ड्राइवर मौके से भाग निकला है, जिसकी पुलिस द्वारा तलाशी की जा रही है। आरोपी ट्रक के ऊपर भूसा और नीचे गोवंश भरकर ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने अब सभी गोवंश को अपने कब्जे में ले लिया है और आरोपियों पर पशुओं के प्रति क्रूरता एवं पशु चोरी का मामला दर्ज किया है। मनाली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मामला हवलदार गृह रक्षक ठाकुर देव ने दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि वो वर्तमान में एआरटीओ धर्म कान्टा बाहंग में तैनात हैं। जब वो अपने स्टाफ के साथ एआरटीओ धर्म कान्टा बाहंग में मौजूद थे, तो उसी समय मनाली की तरफ से दो ट्रक (नंबर JK 19A 2916 और JK 14F4473) आए। हवलदार गृह रक्षक ठाकुर देव ने बताया कि जब ट्रक को रूटीन चेकिंग के लिए रोका गया तो, एक ट्रक ड्राइवर ने अपना नाम बरकत अली और उसके हेल्पर ने अपना नाम मोहम्मद अख्तर बताया। दोनों जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। इसी दौरान दूसरे ट्रक का ड्राइवर मौके से भाग खड़ा हुआ, जबकि उसी ट्रक में बैठे उसके हेल्पर ने अपना नाम मोहम्मद यासीन बताया, वो जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले का रहने वाला है। ये दोनों ट्रक तिरपाल लगाकर बंद किए हुए थे। जांच करने पर पाया गया कि दोनों ट्रकों में पशु जोर जबरदस्ती व क्रूरता से डाले गए थे। हवलदार गृह रक्षक ठाकुर देव ने बताया कि जब मौके पर जांच के दौरान पशुओं की गिनती की गई तो ट्रक नंबर JK 19A 2916 में 03 बैल, 10 गाए और ट्रक नंबर JK 14F4473 में 06 गाए, 04 बैल क्रूरतापूर्वक बंद किए गए थे, जिसके कारण इन 23 पशुओं को अनावश्यक पीड़ा और यातना पहुंची है। पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मौके से फरार ट्रक ड्राइवर की तलाश जारी है। मामले की पुष्टि एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने की है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।
शिमला: हिमाचल में होमस्टे नियम-2024 के नियमों के बदलाव का मामला अब 25 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में जाएगा, जिसमें मंत्रिमंडलीय उप-समिति की होमस्टे नियम-2024 के नियमों में बदलाव को लेकर दिए गए सुझावों को मंजूरी मिल सकती हैं। शिमला में सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में होमस्टे नियमों में बदलाव को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। इस दौरान प्रदेश में धारा 118 के नियमों की अवहेलना करके अवैध रूप से चल रहे होमस्टे पर कार्रवाई करने को लेकर चर्चा हुई। हिमाचल में बिना पंजीकरण के होमस्टे चलाने वालों पर भी गाज गिर सकती है। वहीं, पंजीकरण के दौरान जारी किए जाने वाले लाइसेंस की अवधि भी पांच साल से घटाकर दो साल की जा सकती है। इसी तरह से होमस्टे के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी पर विचार किया जा रहा है। इस बैठक में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह व नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन रघुवीर सिंह बाली ने भी अपने सुझाव रखे। इस बैठक में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर उपस्थित रहीं। बता दें कि सरकार के ध्यान में धारा-118 की अवहेलना कर खोले गए होमस्टे को लेकर शिकायतें मिली हैं। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प के तौर पर होमस्टे खोलने की योजना शुरू की गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2008 में होमस्टे, बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां खोले जाने की योजना लागू की गई थी। इसके बाद कुल्लू, लाहौल-स्पीति व शिमला में बड़ी संख्या में होमस्टे खुले हैं। प्रदेश भर में कुल 4289 होम स्टे हैं, जिसमें कुल 17,222 कमरे हैं। इनकी बेड कैपेसिटी 26,727 है। वर्तमान में सबसे अधिक होमस्टे कुल्लू में हैं। यहां 1040 होमस्टे चल रहे हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर शिमला में 805 होमस्टे हैं। इसी तरह से लाहौल-स्पीति में 718 होमस्टे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में होमस्टे की संख्या 431 है। सोलन में कुल 328 होमस्टे स्थापित हो चुके हैं। चंबा में 322, मंडी में 241, किन्नौर में 202, सिरमौर में 123, बिलासपुर में 44, ऊना में 18 और हमीरपुर में होमस्टे की संख्या 17 है। हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बाहरी राज्यों के बहुत से लोगों ने सरकार से धारा-118 के तहत रिहायशी मकानों की अनुमति लेकर होमस्टे खोल दिए हैं।
भाजपा युवा नेता आश्रय शर्मा ने आज जारी बयान में कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की सीमा से बाहर जाते और वापिस हिमाचल आते समय अपने ही बयानों से पलट जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से उन्होंने देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को लेकर बयान दिया कि हिमाचल की जनता ने उन्हें जवाब दिया है, वो शायद यह भूल गए हैं कि हिमाचल की और विशेषकर मंडी लोकसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें अपने जनादेश देकर नकार दिया है। आश्रय ने कहा कि जब लोक निर्माण मंत्री कुछ मांगने दिल्ली जाते हैं तो भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों की तारीफ करते हैं और वापिस आते ही उनको देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों में कमियां दिखाई देने लगती हैं, जिससे उनके पूर्व बयानों का वह स्वयं ही कटाक्ष कर देते हैं। आश्रय ने कहा कि वह उनको याद दिलाना चाहते हैं कि पिछले छह महीनों में वह एक बार इस्तीफा देकर फिर शाम को इस्तीफा वापिस ले चुके हैं और अगर वह इस दौरान अपने बयानों का आकलन करें तो उनमें ही विरोधाभास साफ नजर आता है। आश्रय ने कहा कि देवभूमि की जनता ने भाजपा पर पूरा विश्वास जताया है और चारों लोकसभा सीट भाजपा की झोली में डालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जबकि कांग्रेस को 61 विधानसभा में जनता ने नकार दिया है, तो बेहतर होगा कि लोक निर्माण मंत्री जिनके अपने विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में लीड नहीं मिल पाई, वो आत्मचिंतन करें।
हिमाचल में दूध खरीद मूल्य बढ़ने का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। महिलाएं घर में खेती बाड़ी के काम में पुरुषों का सहयोग करने के साथ दुग्ध कारोबार से जुड़ कर आर्थिक तौर पर भी आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसका बड़ा उदाहरण प्रदेश में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं, जिनके कुल सदस्यों की संख्या 47,905 हैं। इनमें अकेले महिलाओं की संख्या 19,388 तक पहुंच गई है। प्रदेश सरकार ने दूध कारोबार को ऊंचाई देने के लिए राज्य में 11 दुग्ध संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर भी स्थापित किए हैं। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में दुग्ध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में एक मुश्त भारी बढ़ोतरी की है। प्रदेश में गाय के दूध का खरीद मूल्य 45 रुपए और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपए प्रति लीटर तय किया गया है, जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की पशुपालन में रुचि बढ़ी है। प्रदेश में पशुपालन से जुड़ी महिला घर द्वार पर दूध बेच कर हर महीने औसतन 12 हजार से 15 हजार की कमाई कर रही हैं। इसके अलावा महिलाएं कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी पुरुषों का सहयोग कर रही हैं। प्रदेश सरकार दुग्ध प्रसंस्करण और इसकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दे रही है, जिसके लिए प्रदेश में दुग्ध संयंत्रों का भी चरणबद्ध तरीके से उन्नयन किया जा रहा है। हिम-गंगा योजना के तहत जिला कांगड़ा स्थित ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र की क्षमता को बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन करने की योजना है। इस संयंत्र में अत्याधुनिक तकनीक से दूध का पाउडर बनाया जाएगा, जिसमें मांग से अधिक दूध को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त दही, खोया, घी, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क, पनीर और अन्य उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। इस संयंत्र में अल्ट्रा हीट तकनीक से पैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेश में दूध कारोबार को उद्योग के तौर पर स्थापित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए स्थानीय युवाओं को किसानों व एकत्रीकरण केंद्रों से दूध प्रसंस्करण संयंत्रों तक दूध ले जाने के लिए 200 रेफ्रिजरेटर मिल्क वैन उपलब्ध करवाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और दुग्ध संयंत्र ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर करने की योजना भी बनाई है। दुग्ध विपणन प्रक्रिया और इसके परिवहन का युक्तिकरण भी किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण कार्य में तेजी लाई है, इसके लिए समितियों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है। वहीं मिल्कफेड के ट्रेडमार्क ‘हिम’ का केंद्र सरकार से पंजीकरण करवाया गया है। प्रदेश मिल्कफेड की ओर से राज्य में 102 ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण दूध एकत्र करने के लिए 320 लीटर क्षमता के 55 मिल्क कूलर छोटी समितियों को उपलब्ध करवाए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में रोजगार का सपना देख रहे युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय में गेस्ट टीचर के लिए साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे है। यह साक्षात्कार 23 जुलाई से सरदार पटेल विश्वविद्यालय में ही होंगे। एसपीयू में 35 गेस्ट टीचर्स की भर्ती की जानी है। ऐसे युवा जिन्होंने पीएचडी या नेट क्वालीफाई किया है, वह इन पदों के लिए एलिजिबल होंगे। चयनित होने पर इन युवाओं को 35 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाएगा। उम्मीदवारों का चयन वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से होगा। एसपीयू ने पीएचडी और नेट पास युवाओं के लिए 23, 24 और 25 जुलाई को वॉक इन इंटरव्यू रखे हैं। साक्षात्कार प्रो. कुलपति कार्यालय में होंगे। यूनिवर्सिटी में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ, अंग्रेजी, योग, ईवीएस, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, बॉटनी, जूलॉजी, पर्यावरण विज्ञान मैनेजमेंट, हिस्ट्री और पब्लिक में इन टीचर्स की भर्ती होगी। 23 जुलाई को सुबह 11 बजे केमिस्ट्री, मैथ, अंग्रेजी और योग, ईवीएस गेस्ट फैकल्टी के इंटरव्यू होंगे। 12 बजे केमिस्ट्री, 1 बजे इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री और 3 बजे कंप्यूटर साइंस गेस्ट फैकल्टी के लिए इंटरव्यू होगा। 24 जुलाई को सुबह 11 बजे बॉटनी, 12 बजे जूलॉजी, 1 बजे एनवायर्नमेंटल साइंस गेस्ट फैकल्टी के लिए इंटरव्यू होगा। 25 जुलाई को सुबह 11 बजे मैनेजमेंट, 12 बजे की इतिहास और एक बजे पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए इंटरव्यू में लिया जाएगा। उम्मीदवारों को अपने आवेदन पत्र के साथ मार्कशीट, प्रमाण पत्र, डिग्री और अन्य दस्तावेजों लाने होंगे। गेस्ट टीचर की नियुक्ति पूरी तरह से अस्थायी आधार और एक सुख सेमेस्टर के लिए है। यहां इन्हें किसी भी स्तर पर नियमितीकण, स्थायी पद नहीं दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून भले ही 27 जून को दस्तक दे दी हो, लेकिन राज्य में मानसून सीजन में बारिश उम्मीद से काफी कम हुई है। प्रदेश में कम हुई बारिश को देखते हुए मानसून को कमजोर माना जा रहा है। इस मानसून सीजन में 1 जून से अब तक 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 27 जून को हिमाचल प्रदेश में पहुंचे दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमजोर और अनिश्चित बने रहने के कारण अब तक प्रदेश में 43 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 21 जुलाई के बीच सामान्य बारिश 266.4 मिमी की के मुकाबले सिर्फ 151.6 मिमी ही बारिश हुई। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के बावजूद, राज्य के सभी 12 जिलों में बारिश की कमी दर्ज की गई। जुलाई माह में 21 जुलाई रविवार तक प्रदेश में 36 प्रतिशत बारिश में कमी दर्ज की गई है, जिसमें प्रदेश भर में 165.3 मिमी बारिश के मुकाबले महज 105.1 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग शिमला कार्यालय ने प्रदेश में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए सोमवार और मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले 2 से 3 दिनों में मानसून की गतिविधि बढ़ने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश में मध्यम तीव्रता की व्यापक वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार इस सोमवार और मंगलवार को बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, चंबा, कुल्लू, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों और बागवानों को बागवानी और खड़ी फसलों के नुकसान होने, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, तेज हवाओं के कारण कच्चे घरों और झोपड़ियों को नुकसान होने की आशंका जताई है। वहीं, मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यातायात में व्यवधान और निचले इलाकों में जलभराव को लेकर लोगों को आगाह किया गया है। हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मानसून के एंट्री से लेकर अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 40 लोगों की मौ*त हो चुकी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बारिश के कारण राज्य को 329 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर सहित तीन नवनिर्वाचित विधायक आज शपथ लेंगे। विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह रखा गया है। सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से चुनाव जीती हैं। इसी तरह से नालागढ़ विधानसभा सीट से हरदीप सिंह चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने हैं। हमीरपुर विधानसभा सीट पर आशीष शर्मा भाजपा टिकट पर चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार विधायक पद की शपथ लेंगे। ऐसे में अब विधानसभा सदस्यों की संख्या 68 हो जाएगी। हिमाचल विधानसभा में अब सदस्यों की संख्या 68 हो जाएगी। इसमें कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 होगी। प्रदेश में 27 फरवरी को घटे राजनीतक घटनाक्रम से पहले भी कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 थी। इसी तरह से भाजपा विधायकों की संख्या अब बढ़कर 28 तक पहुंच गई है। पहले यही संख्या 25 थी। वहीं, अब विधानसभा में एक भी निर्दलीय विधायक नजर नहीं आएगा। इससे पहले तीन निर्दलीय विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने 3 जून को स्वीकार किया। ऐसे में खाली हुए तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़ व हमीरपुर में 10 जुलाई को मतदान हुआ, जिसमें देहरा से कांग्रेस के टिकट पर कमलेश ठाकुर और नालागढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप सिंह बावा ने चुनाव जीता। वहीं, हमीरपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा चुनाव जीतकर दूसरी बार विधायक बने हैं। हिमाचल विधानसभा के सदन में अब इतिहास बनने जा रहा है। वह ऐसे कि इस बार विधानसभा में पहली बार पति और पत्नी की जोड़ी एक साथ नजर आएगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से और उनकी धर्म पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से उपचुनाव जीतकर पहली विधायक बनी हैं। ये जोड़ी अब मानसून सत्र में विधानसभा के एक साथ नजर आएगी। इससे पहले सदन में पिता-पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह की जोड़ी नजर आ चुकी है। जो वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सदन में एक साथ दिखे थे। हिमाचल विधानसभा में एक और इतिहास बन गया है। यहां पहली बार ऐसा हुआ है कि पांच साल के कार्यकाल के लिए चुने गए तीन विधायक अलग अलग पार्टी चिन्ह पर चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार विधायक विधायक बने हैं। इसमें धर्मशाला से वर्ष 2022 में कांग्रेस टिकट पर सुधीर शर्मा चुनाव जीतकर विधायक बने थे और अब 2024 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद फिर से विधायक बने हैं। इसी तरह से बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधायक बने थे, अब 2024 के उपचुनाव में भाजपा टिकट पर चुनाव जीत कर फिर से विधायक बन गए हैं। इन दोनों ही विधायकों को शपथ दिलाई जा चुकी है। वहीं हमीरपुर सीट से आशीष शर्मा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने थे। अब 2024 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर फिर से विधायक बने हैं, जो आज विधायक पद की शपथ लेंगे।
जिला कुल्लू के खोखन गांव में मेला देखने गए एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौ*त हो गई है। भुंतर पुलिस की टीम ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों के बयान दर्ज कर लिए हैं। वहीं, भुंतर पुलिस ने श*व का पोस्टमार्टम करवाने के बाद श*व मृत*क के परिजनों को सौंप दिया है। भुंतर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मृत*क का नाम रमेश था। वो कुल्लू जिले के टेहनसेरी मौहल का रहने वाला था। रमेश खोखन गांव में मेला देखने के लिए आया हुआ था। रात के समय वो अपने किसी रिश्तेदार के घर सोने के लिए चला गया था, लेकिन सुबह ग्रामीणों ने देखा कि वो किसी के घर के बाहर पड़ा हुआ है। ऐसे में उन्होंने तुरंत इस बारे में भुंतर पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और श*व को अपने कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम के लिए कुल्लू अस्पताल में भेज दिया। भुंतर पुलिस के मुताबिक रमेश की मौ*त कैसे हुई है, इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। पुलिस ने मामले में आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की पुष्टि एसपी कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने की है।
जिला कुल्लू के थाने के तहत स्कूटी और इनोवा कार की टक्कर हुई थी। इस सड़क हादसे में स्कूटी सवार की मौ*त हो गई है। यह हादसा 19 दिन पहले हुआ था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृत*क की पहचान धर्मेंद्र कुमार के तौर पर हुई है जो कुल्लू जिले के जाणा का रहने वाला है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पतलीकूहल थाने में सड़क हादसे को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है। इस हादसे में स्कूटी सवार शख्स घाय*ल हुआ था। घाय*ल को उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला लाया गया था जहां उसका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान घाय*ल की मौ*त हो गई। यह सड़क हादसा बीती दो जुलाई को पेश आया था। धर्मेंद्र स्कूटी लेकर पतलीकूहल की तरफ आ रहा था। पतलीकूहल से कुछ दूरी पर इनोवा गाड़ी नंबर एचपी 66-8523 के साथ उसकी टक्कर हो गई। इसके बाद स्कूटी सवार युवक को उपचार के लिए कुल्लू अस्पताल लाया गया जहां से उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे आईजीएमसी शिमला के लिए रेफर किया गया। यहां पर आज सुबह शख्स की मौ*त हो गई।
जिला कुल्लू की लग घाटी के दड़का में एक कार नदी में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वहीं, इस सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौके पर ही मौ*त हो गई, जबकि तीन युवक गंभीर रूप से घाय*ल हुए हैं। गंभीर रूप से घाय*ल हुए युवकों का ढालपुर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और दुर्घटना के कारणों की छानबीन की जा रही है। कार सवार सभी युवक लग घाटी के रहने वाले हैं। कुल्लू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कार लग घाटी के शालंग से कुल्लू की ओर आ रही थी। तभी अचानक दड़का के पास ड्राइवर का कार पर से नियंत्रण खो गया और कार नदी में जा गिरी। सड़क दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और सभी लोगों को कार से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक एक युवक की मौके पर ही मौ*त हो चुकी थी और तीन युवक गंभीर रूप से घाय*ल हुए हैं। स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इस बारे में पुलिस और एंबुलेंस को सूचित किया गया। घाय*ल युवकों को एंबुलेंस से ढालपुर अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां पर अब घाय*ल युवकों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा मृत*क युवक का श*व को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है और अब पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कुल्लू: हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारी अब अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। एचआरटीसी रिटायर्ड पेंशनर्स का कहना है कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर बिल्कुल भी गौर नहीं कर रही है, जिसके चलते उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी मुद्दे को लेकर आज एचआरटीसी रिटायर्ड पेंशनर्स ने ढालपुर में रोष प्रदर्शन किया और डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। एचआरटीसी पेंशनर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सूद ने बताया कि फरवरी माह में भी एक मांग पत्र परिवहन मंत्री को दिया गया था। उस पर भी कोई गौर नहीं किया गया। परिवहन निगम से अब तक 8 हजार सेवानिवृत कर्मचारियों के द्वारा 8 हजार करोड़ रुपए की वित्तीय लेनदारी बाकी है, लेकिन सरकार इस पर बिल्कुल भी गौर नहीं कर रही है। वहीं, कई अन्य विभागों से रिटायर्ड कर्मचारियों को साल 2016 के वेतन मानों के तहत एरियर की पहली किश्त मिल चुकी है, लेकिन परिवहन निगम के पेंशनर अभी तक वित्तीय समस्या से जूझ रहे हैं। अध्यक्ष सुरेंद्र सूद ने बताया कि अब एक बार फिर से सरकार को मांग पत्र भेजा गया है और मांग रखी गई है कि नए वेतनमान का एरियर 5, 10, 15 प्रतिशत क्रमशः 65 वर्ष, 70 वर्ष, 75 वर्ष पूर्ण करने वाले पेंशनर्स को जल्द दिया जाए। पेंशनर को मेडिकल बिलों का भुगतान भी जल्द किया गया जाए और प्रत्येक पेंशनर को अब तक मिलने वाले एरियर की राशि की जानकारी दी जाए. सुरेंद्र सूद ने कहा कि इसके अलावा न्यायालय द्वारा लिए गए फैसलों को लागू करके पेंशनर्स की राशि का भुगतान किया जाए। अगर उसके बाद भी सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो पेंशनर 25 जुलाई के बाद आगामी रणनीति के तहत कार्य करेंगे।


















































