कुनिहार को तहसील बनाने कि उठाई मांग
कुनिहार जनपद के आस पास की अधिकांश पंचायते सदियों से कभी पेप्सू व पटियाला रियासत में रही तो कभी पंजाब रियासत में रही। दूरी के कारण इन पंचायतों के लोग हमेशा विकास के लिए उपेक्षा के शिकार रहे। वर्ष 1966 में पंजाब का पुनर्गठन होने के फलस्वरूप ये सभी पहाड़ी ग्राम पंचायते हिमाचल प्रदेश को आबंटित हो गई और उस समय की हिमाचल सरकार ने तत्कालीन परिस्थितयों के कारण जल्दबाजी में प्रदेश की पुरानी तहसीलों/विकास खण्डों जैसे धर्मपुर, कसौली, नालागढ़, कंडाघाट व सोलन में डाल दिया गया। हिमाचल में मिलने से इस पहाड़ी क्षेत्र के लोगो को राहत तो मिली, परन्तु अप्रत्याशित दूरी आज भी बनी हुई है। समाजसेवी व संयोजक तहसील/विकासखण्ड विकास मंच कुनिहार मोहन लाल भारद्वाज जो काफी लम्बे समय से कुनिहार को तहसील बनाने की लड़ाई लड़ रहे है और इन पंचायतों को कुनिहार तहसील में मिलाकर लोगों की मांग को बार बार सरकार से कर रहे है ने कुनिहार में प्रेसवार्ता कर कहा कि इन सभी प्रस्तावित करीब 25 से 30 पंचायतों और उनके पटवार व्रतों के लोग कुनिहार जनपद में उपलब्ध जनसुविधाओं का लाभ उठाते है। उक्त पंचायत के लोगो को शिक्षा, स्वास्थ्य के लिये कुनिहार का रुख करना पड़ता है। लोग कुनिहार बाज़ार से जंहा जरूरत की दैनिक भोग की वस्तुएं खरीदते है, तो वन्ही कृषि, बागवानी व दुग्ध आदि उत्पाद कुनिहार बाज़ार में ही बेचते है। प्रदेश की पिछली सरकार ने कुनिहार को उप तहसील तो बना दिया, परन्तु इसमें मात्र कुनिहार, हाटकोट, कोठी, मान, सरली, खरड़हट्टी, बलेरा व बड़ोग आठ पंचायतों को लाभ मिला। अधिकतर पंचायतों के लोग निराश हो गए, जबकि कुछ एक पंचायतों की दूरी कुनिहार जनपद से मात्र 3 से 5 किलोमीटर है। जैसे सोलन तहसील की ग्राम पंचायत जाडली, जाबल झमरोट व कंडाघाट तहसील की जघाणा व कनैर आदि पंचायते। इस विषय मे पूर्व सरकारों से लोग निरन्तर विरोध प्रकट करते रहे है। वर्ष 2012 से अनवरत लिखित कार्यवाही की जा रही है, परन्तु प्रदेश के तत्कालीन सभी मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्रियों ने इस अन्याय को स्वीकार करके दूर करने का मात्र कोरा आश्वाशन ही दिया। परन्तु उक्त क्षेत्र के लोगो को आज कुछ उम्मीद व आश बंधी है, क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व डॉ राजीव सहजल सामाजिक न्याय आधिकारिता एवं सहकारिता मंत्री ने इस विषय पर सहानुभूति पूर्ण निर्णय लेने का आश्वाशन दिया है व जिलाधीश सोलन से इस संदर्भ में रिपोर्ट मांगी है। प्रेसवार्ता के दौरान मोहन लाल भारद्वाज ,नम्बरदार दुनीचंद तनवर, विकास सभा कोठी के अध्यक्ष रतन तनवर, स्यामनन्द शांडिल, राजेन्द्र आदि उपस्थित थे।
