कुनिहार: निगमों -बोर्डो के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों का मानदेय दो गुना करने में लगी सरकार: पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन

प्रदेश पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन के संयोजक एवं वरिष्ठ मुख्य सलाहकार धनीराम तनवर, श्यामलाल ठाकुर, सतपाल शर्मा, जसवीर सिंह, नेकीराम, नागेंद्र ठाकुर, प्रेम कंवर,दीप राम ठाकुर, रतिराम शर्मा, संतराम चंदेल, पतराम पवर, चमन लाल, वेद ठाकुर, पुष्पा सूद ,जीत सिंह, धर्म सिंह ठाकुर, श्यामलाल भाटिया व समस्त कार्यकारिणी ने संयुक्त बयान में प्रदेश सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दुख प्रकट किया। इस सरकार को ऐसे समय में जबकि पूरा हिमाचल बरसात की आपदा में हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। सैकड़ो जाने जा चुकी है मगर शर्म की बात है कि यह सरकार अपनी मानवता को भुलाते हुए भी अपने निगमों बोर्डो के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों का मानदेय दुगना किया जा रहा है। जबकि इन्हें पहले ₹30000 मासिक मानदेय मिलता था उसके साथ अब सारे भत्ते बढ़कर करीब 1,11000 इन्हें अदा करने के आदेश पारित किए गए हैं। जिसकी पूरे प्रदेश में निंदा की जा रही है जबकि ऐसे समय में कर्मचारी व पेंशनरों से सहायता कोष में अपने एक दिन की पेंशन मांगी जाती है लेकिन इनका यह कर्म देखिए जो की पूरे देश प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा। जिसको यह सरकार कर रही है। पेंशनर अपने देन दारीयो के बारे अपने एरियर व अपने मेडिकल बिल डी ऐ के बारे जो उनके हक के बनते हैं। उसकी मांग करती है तो प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति बदहाल हो जाती है। जब इन्हें अपने माननीय के वेतन भत्ते बढ़ाने होते हैं तो तब आर्थिक स्थिति कहां चली जाती है क्योंकि सरकार को बचाने के लिए एक किस्म का मानदेय बढ़ाकर लालच देने का कार्य कि या है। इस प्रकार के निंदनीय कार्य आज तक किसी भी सरकार में ऐसे फैसले नहीं दिए गए। यह सरकार अपने लाभ के लिए कर रही है जबकि सालों से जो पेंशनर गंभीर बीमारी से पीड़ित है उनके लाखों रुपए के मेडिकल बिल सरकार के पास पेंडिंग है। बार-बार मांग करने पर भी इन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। बिना मेडिकल बिलों के भुगतान ना होने पर भी बेमौत मारे जा रहे हैं। जिनकी बददुआएं भी सरकार पर पड़ेगी और इन्हें ले डूबेगी। इस बात का भी अफसोस है की जो प्रदेश के संगठन पेंशनरों ने बनाई थी वह अपने बजुद की लड़ाई में मसरूफ है जिनमें कई-कई गुट बन चुके हैं जिनके कारण भी सभी पेंशनर्स परेशान है। यह लोग अपनी कुर्सी के पीछे पड़े हैं इन्हें कोई पेंशनर से लेना देना नहीं है जब इनकी एक जुटता ही नहीं होगी तो सरकार पर यह क्या दवाब डालेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि 3 प्रतिशत डी, ऐ 70 साल के ऊपर के पेंशनर को जून में दिए जाएगा। लेकिन उसके बारे कोई घोषणा नहीं की जा रही है।