छात्रों में संस्कारों के साथ भारतीयता की भावना भी विकसित करें अध्यापक

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने अध्यापकों का आह्वान किया कि वे छात्रों को शिक्षा एवं संस्कारों की जानकारी देने के साथ-साथ उनमें भारतीयता की भावना उत्पन्न करें। डॉ. सैजल आज सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हरिपुर के वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। डॉ. सैजल ने कहा कि भारत को अनेकता में एकता तथा विविध संस्कृतियों के संगम के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि अनेक बोलियां, खानपान, पहनावा और विषममताओँ में समता हमारे देश की पहचान है। यही सब गुण मिलकर भारतीय संस्कार का सृजन करते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को छात्रों को बचपन से ही भारतीयता की जानकारी देनी होगी। छात्रों को भारतीय संस्कृति के साथ-साथ यह भी समझाना होगा कि किस प्रकार हम अनेक होकर भी एक हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए वहां की युवा पीढ़ी का देश के प्रति सम्मान एवं निष्ठावान होना आवश्यक है। इन गुणों का विकास अध्यापकों के सहज एवं कुशल मार्गदर्शन में सरल है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कृतसंकल्प है ताकि छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 9वीं व 10वीं कक्षा के सामान्य श्रेणी के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की गई है जो अपने आप में सराहनीय है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में वार्षिक उत्सवों के आयोजन का निर्णय पूर्व भाजपा सरकार ने ही लिया था। इसका उद्देश्य था कि शैक्षणिक, खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों छात्रों को सम्मान मिले तथा उनसे अन्य विद्यार्थी प्रेरणा लेकर जीवन में बेहतर करने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे जीवन में समय के सदुपयोग व अनुशासन को महत्व दें ताकि वे किसी भी कठिन परिस्थिति को सरलता से हल करने में सक्षम बन सकें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन तपस्या का काल होता है तथा इस अवधि में प्राप्त ज्ञान व आचार-व्यवहार व्यक्ति के जीवनपर्यन्त साथ रहता है।
डॉ. सैजल ने कहा कि यदि समाज में बच्चों की दशा व दिशा सही होगी तो उस समाज को विकास के पथ पर अग्रसर होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं को सही संस्कार दिए जाएंगे तो कक्षा, खेल व मंच पर अपना सर्वश्रेष्ठ देकर सर्वाेत्तम प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही विश्व गुरू के रूप में प्रसिद्ध है। युद्ध भूमि पर सर्वश्रेष्ठ करने वाले सबसे वीर पुरूष इसी धरती पर हुए हैं। इसका कारण यही था कि भारत में गुरूकुलों के माध्यम से युवाओं को श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान की जाती रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय का वार्षिक समारोह उस विद्यालय के छात्रों द्वारा वर्ष भर की गई मेहनत का परिणाम होता है तथा इस दिन का इंतजार छात्र बड़ी उत्सुकता के साथ करते हैं। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्र काफी होनहार निकले है तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने खेलकूद, सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को बधाई दी। डॉ. सैजल ने विद्यालय के नए भवन के निर्माण के लिए 65 लाख रुपये की राशि प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने विद्यालय के पुराने भवन का निरीक्षण करने के उपरांत इसकी मुरम्मत के लिए भी आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले छात्रों को अपनी ऐच्छिक निधि से 11 हजार रुपये देन की घोषणा की। इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति ने विद्यालय के नाम 05 बीघा भूमि हस्तातंरित करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, जिला भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुंदरम ठाकुर, भाजपा जिला सचिव भाजपा ओपी भारद्वाज, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के सदस्य मदन मोहन मेहता, जिला परिषद सदस्य कंचन माला, पूर्व मंडलाध्यक्ष अमर सिंह परिहार, ग्राम पंचायत हरिपुर के प्रधान पंकज कुमार, उपप्रधान प्रेमचंद, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हीरा सिंह ठाकुर, ग्राम पंचायत पट्टाबरौरी की प्रधान प्रोमिला कौशल, ग्राम पंचायत जाबल झमरोट के प्रधान राजीव ठाकुर, भाजपा तथा भाजयुमो के पदाधिकारी, हिमाचल प्रशासनिक सेवा के परीविक्षाधीन अधिकारी विश्व मोहन, विद्यालय के प्रधानाचार्य योगराज तथा बड़ी संख्या में अभिभावक व छात्र उपस्थित थे।