राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक व्याख्यानमाला का आयोजन सफल रहा : डॉ रीता सिंह

हिमाचल प्रदेश अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक व्याख्यानमाला का आयोजन परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ रीता सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। यह जानकारी देते हुए परिषद की जिला बिलासपुर अध्यक्ष शीला सिंह ने बताया कि निरंतर 16 ऑनलाइन श्रृंखलाओं में हिमाचल की देव संस्कृति के संदर्भ में हिमाचल के प्रमुख साहित्यकारों ने अपने अपने वक्तव्य ऑनलाइन सांझा किए। भारत के कोने कोने से श्रोतागण इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े रहे।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ रीता सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल रूपरेखा प्रदान की और ऐसा एक मंच स्थापित किया जो भविष्य में साहित्यिक व्याख्याताओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन गया। इस मंच पर एक से बढ़कर एक महान विद्वानों एवं विदुषियों को अपने वक्तव्य प्रस्तुत करने का मौका मिला। शीला सिंह ने बताया कि यह एक एैसा अनुभव हुआ कि जैसे प्रत्येक साहित्यकार द्वारा प्रस्तुत वक्तव्य में हिमाचल की देव संस्कृति व अन्य विधाओं के साक्षात दर्शन हो गए। वास्तव में हिमाचल देव भूमि है ऋषि मुनियों की तपस्थली है हिमाचल देव संस्कृति की विस्तृत जानकारी अनेक साहित्यकारों के माध्यम से प्रस्तुत की गई कार्यक्रम के समापन में परिषद के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्रीधर गोविंद पराड़कर मुख्य अतिथि रहे जबकि अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक डा. वीर सिंह रांगड़ा ने की। अंतिम व्याख्यान माला में प्रांत हिमाचल की अध्यक्ष डॉ रीता सिंह ने सभी साहित्यिक वक्ताओं द्वारा जो अनुभव इस साहित्यिक श्रृंखला के दौरान ग्रहण किए गए उनके बारे में विचार प्रस्तुत करने का मौका भी दिया। इस साहित्य माला में कुल 32 वक्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य सांझा किए।
जिला बिलासपुर से अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अनेक राम सांख्यान तथा लेखक संघ बिलासपुर से जुड़े रविंद्र कुमार शर्मा सेवानिवृत्त व डीएसपी रविंद्र कुमार ठाकुर ने भी अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। बिलासपुर महिला साहित्यकार संस्था की अध्यक्ष शीला सिंह, महासचिव शालिनी शर्मा, उपाध्यक्ष सुधा हंस तथा सदस्य हेमा ठाकुर, प्रतिभा शर्मा और विजय कुमारी सहगल ने भी हिमाचल देव संस्कृति के संदर्भ में अपने-अपने वक्तव्य दिए।