सामाजिक न्याय दिवस विशेष: सामाजिक दूरी का होगा खात्मा, परस्पर प्रेम भाव रहेगा जीवंत

आज के समय में लोगों के बीच किसी ना किसी वजह से भेदभाव पैदा हो रहा है। चाहे वो धर्म के आधार पर हो, जाति के आधार पर हो या फिर आर्थिकी के आधार पर। हर तरफ किसी न किसी वजह से लोगों के बीच मतभेद है और एक दूसरे से उचित दूरी भी बना रहे हैं। ये परिवर्तन समाज के हित में न है न कभी हो सकता है। परस्पर प्रेम भाव को जीवंत रखने और समाज के हर वर्ग को मजबूत करने के लिए हर साल 20 फ़रवरी के दिन विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को कई तरह के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भी बनाया गया है। इस दिन नस्ल, लिंग, धर्म, जाति इत्यादि के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से बांटे लोगों को एकजुट किया जाता है। इसके अलावा, लोगों के बीच बढ़ रही सामाजिक दूरी को कम करने के लिए उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत भी की जाती है।
साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा इस दिन को मनाने की सार्वजनिक रूप से घोषणा की गई थी। साल 2009 में इस दिन को पहली बार पूरे विश्व में मनाया गया था। विश्व सामाजिक न्याय दिवस के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दुनिया के कई देश संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अंतर्गत, गरीबी, बेरोजगारी, जाति, लिंग या धर्म के आधार पर बंटे लोगों के बीच एकजुटता लाने का काम किया जा रहा है। हर साल दुनिया के कई देशों में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य इस दिन को अवसर के रूप में मनाया जाता है। वहीं, भारत ने भी इस ओर कई प्रभावी कदम उठाया है। भारतीय संविधान बनाने के दौरान देश में सामाजिक न्याय का प्रमुखता से ध्यान रखा गया था। वहीं, हमारे संविधान में सामाजिक दूरी को खत्म करने के लिए भी कई प्रावधान मौजूद हैं। भारत सरकार के साथ साथ हिमाचल सरकार भी कई योजनाएं चला रही हैं। इसके अंतर्गत लोगों को समान अधिकार देने की कोशिश की जा रही है। साथ ही समाज में व्याप्त असमानता को जड़ से समाप्त करना है। इससे समस्त समाज का एकसाथ विकास होगा।
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से बना सकते है अपना आशियाना
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना का उद्देश्य जरूरतमदं व्यक्तियों के लिए मकान निर्माण, मुरम्मत के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना। स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत अनुसूचित जाति के नागरिकों को अपना आवास मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार मदद करती है। सभी अनुसूचित जाति के परिवार जिनके पास अपना कोई घर नहीं है उन्हें सरकार द्वारा मकान आवंटित किए जाते है। सरकार द्वारा लक्ष्य रखा गया है कि इस वर्ष तक राज्य में सभी अनुसूचित जाति के नाम पर लोगों के पास अपना आवास हो। सरकार द्वारा सभी अनुसूचित जाति के नागरिकों तथा उनके परिवारों के लिए नए मकान दिए जाएंगे। इन मकानों में सभी दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं तथा सेवाओं की पूरी सुविधा दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश राज्य में इस एचपी स्वर्ण जयंती आश्रय योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्ते रखी गयी है। आवेदन करने वाला नागरिक हिमाचल प्रदेश का ही मूल निवासी होना चाहिए।
समवर्गीय क्रियाकलापो में प्रशिक्षण एवं दक्षता योजना
सरकार का इस योजना से उद्देश्य है कि अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक,विशेष रूप से सक्षम,विधवा,एकल नारी से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को मान्यता प्राप्त संस्थानों से एक वर्ष की अवधि के कम्पयूटर उपयोग व समवर्गीय क्रियाकलापो में प्रशिक्षण दिलाना है। ताकि वे सरकारी/निजी क्षेत्रा में नौकरी हेतु सक्षम बन सकें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्प संख्यको से सम्बन्धित हिमाचल प्रदेश के स्थाई निवासी होना चाहिए जिसकी आयु सीमा 18 वर्ष से 35 वर्ष के मध्य हो तथा बीपीएल परिवार से सम्बन्धित हों। कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता रखते हो। इसके अलावा बीपीएल के उम्मीदवार न मिलने की स्थिति में वे उम्मीदवार जिनके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रूपये से कम हो वे पात्र होंगे। इसके लिए प्रशिक्षण फीस 1350 रूपये प्रति माह तक (1500 रुपए (विशेष रूप से सक्षम के लिये) प्रशिक्षण के दौरान 1,000/- रू0 प्रतिमाह छात्रावृति (विशेष रूप से सक्षम के लिए 1,200/- रू0 प्रति माह) प्रशिक्षण उपरान्त 6 माह तक दक्षता अवधि के दौरान 1500/- रू0 प्रति माह छात्रावृति (विशेष रूप से सक्षम के लिये 1800/- प्रति माह) की सहयता दी जाती है।
प्यार के बीच जाति का रोड़ा हुआ खत्म
समाज से जाति-पाति का भेदभाव मिटाने और आपसी सौहार्द को बनाए रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह योजना शुरू की गई थी। अस्पृश्यता निवारण रोकने के लिए अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देना भी इस योजना का उद्देश्य है, ताकि समाज से जातिवाद का सफाया हो सके। सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए जो भी लड़का या लड़की विवाह करेगा, उनमें से एक का अनुसूचित जाति से संबंध होना जरूरी है यानि कि विवाह करने वाले दंपत्ति में एक अनुसूचित जाति और दूसरा गैर-अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला होना चाहिए। इस पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रूप में ढाई लाख रुपये की राशि दी जा रही है।
अंतरजातीय विवाह पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अन्य जातियों के वो व्यक्ति पात्र होंगे जो हिमाचल प्रदेश के स्थाई निवासी होगा। दम्पति की आयु 50 वर्ष से अधिक न हो। विवाह उचित अधिनियम/नियम के अन्तर्गत पंजीकृत हुआ हो। प्रार्थी द्वारा इससे पहले अंतरजातीय विवाह पुरस्कार प्राप्त न किया हो। अन्य जातियों के युवक-युवती को अनुसूचित जाति के युवक-युवती के साथ विवाह करने पर पचास हजार रुपए अथवा समय - समय पर सरकार द्वारा निर्धारित पुरस्कार राशि स्वीकृृत की जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया भी बेहद सरल कर दी गई है। इस योजना के अन्तर्गत पुरस्कार राशि प्राप्त करने के लिए पात्र दम्पति को निर्धारित प्रार्थना पत्र पर निम्नलिखित दस्तावेजों सहित सम्बन्धित पंचायत/नगर निकायों के माध्यम से सम्बन्धित तहसील कल्याण अधिकारी/ जिला कल्याण अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। कार्यकारी दण्डाधिकारी से जारी हुआ दम्पति का आयु प्रमाण-पत्र दम्पति का जाति प्रमाण पत्र, हिमाचली प्रमाण पत्र और विवाह पंजीकरण अधिकारी से विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
अत्याचार से पीड़ित अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को राहत
अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधित अधिनियम, 2018) की धारा 3 के अन्तर्गत जाति भेदभाव के कारण पुलिस मे दर्ज मामलों में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित पीड़ित व्यक्तियों को राहत राशि प्रदान की जा रही है। इस मामले में 85,000 रुपए से लेकर 8,25,000 रुपए तक की सहायता दी जाती है।
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति/जन जाति विकास निगम की योजनाएं
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु उनके कारोबार को बढ़ाने तथा अन्य स्वयं रोजगार धन्घे स्थापित करने हेतु प्रशिक्षण तथा ऋण उपलब्ध करवा जा रहा है ।
इसमें से एक स्वयं रोजगार योजना भी है। इस योजना के अंतरगत 18 से 55 वर्ष की आयु वर्ष के अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के गरीबी रेखा से नीचे रह रहे चयनित परिवारों से सम्बन्धित ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए तथा शहरी क्षेत्रो में रहने वाले ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए से कम हो, उन्हें स्वयं रोजगार स्थापित करने के लिए निम्नलिखित दरों पर ऋृण बैकों के माध्यम से उपलब्ध करवाये जाते है। पच्चास हजार तक की परियोजनाओं जैसे डेरी फार्मिग, कृषि उपकरण , लघु सिंचाई, रेडिमेड गार्मेन्टस, शू मेकिंग इत्यादि, को बैकों के माध्यम से 4 प्रतिशत व्याज दर से ऋण उपलब्ध करवाये जाते है। इस के अतिरिक्त परियोजना की कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10,000 रुपए प्रति परिवार पूंजी अनुदान भी उपलब्ध करवाया जाता है।
हिम स्वावलम्बन योजना
इस योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र से सम्बन्धित परिवारों जिनकी वार्षिक आय 1,20,000 से कम तथा ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बन्धित परिवारों जिनकी वार्षिक आय 98,000 से अधिक न हो को निम्नलिखित दरों पर ऋृण उपलब्ध करवाए जाते हैं। 5.00 लाख रू तक की परियोजनाऐं स्थापित कर बड़े रोजगार चलाने हेतु राष्ट्रीय अनुसूचित जाति,जनजाति विकास निगम के माध्यम से 6 प्रतिशत ब्याज दर पर सहयता दी जाती है। 5.00 लाख से 30.00 लाख रुपए की परियोजनाओं हेतु 8 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है।
ब्याज मुक्त ऋण
अनुसूचित जाति/ जनजाति के छात्रा एवं छात्राओं जिनकी परिवार की वार्षिक आय 1,00,000 रुपए से अधिक न हो, मैट्रिक के बाद व्यवसायिक एवं तकनीकी डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्स जैसे जेबीटी, नर्सिग , होटल मैनेजमैंट , एमबीए, एमबीबीएस, इंजिनियरिंग , एलएलबी तथा बीएड हेतु अधिकतम 75,000/- रूपये ब्याज मुक्त ऋण दिये जाते है ।
दलित वर्ग व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम
अनुसूचित जाति/ जनजाति के युवाओं जिनकी वार्षिक आय 22,000 रुपए से कम हो उन्हें शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। प्रशिक्षणार्थी को 500 रूपये प्रति माह अपने जिले में तथा 750 रुपए प्रति माह जिले से बाहर प्रशिक्षण लेने के दौरान वजीफा दिया जाता है।
हस्तशिल्प विकास योजना
परम्परागत व्यवसायों जैसे शाल बुनाई, शू मैकिंग, छाज बनाना इत्यादि में लगे कारीगर को व्यक्तिगत तौर पर अथवा अपने संगठन/सस्थाएं बना कर 15000 रुपए प्रति कारीगर ब्याज मुक्त ऋण दिये जाते है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की योजना
सफाई कर्मचारियों को परिवहन क्षेत्र जैसे मारूति वैन, महिन्द्रा जीप इत्यादि खरीदने हेतु 5 लाख तक 6 प्रतिशत तथा 5 लाख से अधिक 8 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण उपरोक्त निगम के माध्यम से उपलब्ध करवाये जाते है। इसका लाभ लेने के लिए पात्र व्यक्ति को अपना आवेदन निर्धारित प्रपत्र पर जाति प्रमाण पत्र, हिमाचली प्रमाण पत्र जो कार्यकारी दण्डाधिकारी सेे जारी किया हो, सहित प्रस्तुत करना अनिवार्य है। पात्र व्यक्ति निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन कर सकता है, जिसके साथ वार्षिक आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण पत्र, हिमाचली प्रमाण पत्र कार्यकारी दण्डाधिकारी से जारी किया गया हो तथा जिस भूमि पर मकान बनाना प्रस्तावित है उस भूमि की जमाबन्दी नकल व ततीमा प्रस्तुत करना अनिवार्य है।