मंडी(धर्मपुर): माताएं ही रोक सकती है नशा: डॉ. वीना राठौर
धर्मपुर नशा मुक्ति अभियान समिति और हिमाचल ज्ञान विज्ञान एवं साक्षरता समिति द्वारा बुधवार को राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाया गया। जिसमें युवाओं में बढ़ते नशे को रोकने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष डॉ. आई एस वर्मा ने की और एसडीएम धर्मपुर जोगिंदर पटियाल मुख्य अतिथि तथा डॉ. वीना राठौर, भूपेंद्र सिंह, भीम सिंह और सुनीता बिष्ट ने बतौर स्रोत व्यक्ति भाग लिया। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर के प्राचार्य, रिलायंस इंडस्ट्रीज के सलाहकार डॉ. अशवनी राठौर, सुरेंद्र सकलानी, कृष्ण देव गुलेरिया, रणताज़ राणा, सतीश कुमार, कंचना, सोमा, व्यासा, बिमला, रजनी सकलानी, कमला, राजेन्द्र पाल, कैप्टन राजेन्द्र, ऋत्विक कुमार सहित सैंकड़ों महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
सम्मेलन में स्रोत व्यक्तियों के संबोधन के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। नशा मुक्ति अभियान की राज्य स्रोत व्यक्ति डॉ. वीना राठौर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को सिंथेटिक व अन्य नशे से दूर रखने में माताएं ही मुख्य भूमिका निभा सकती हैं।
मंडी साक्षरता एवं ज्ञान विज्ञान समिति के संस्थापक सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आज के समय की सबसे बड़ी समस्या व चुनौती बढ़ते नशे का प्रचलन है और कोई भी अभिभावक ये नहीं मान सकता है कि उसका बेटा और बेटी इसके जाल से बच सकता है। युवा पीढ़ी सिंथेटिक नशे की गिरफ़्त में बहुत तेजी से आ रही है। उन्होंने कहा कि धर्मपुर खण्ड के विभिन गांवों व क्षेत्रों में भी नशा बड़ी तेज़ी से फैल रहा है जिसे रोकना आज के समय की सबसे ज्यादा प्राथमिकता है।
साक्षरता समिति के सचिव भीम सिंह ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय मंच गठित किया गया है जिसमें चालीस से ज़्यादा संगठन एकजुट हुए हैं। मढ़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉ. सुशांत शर्मा ने कहा कि जो बच्चे नशे के आदि हो गए हैं उन्हें अपराधी समझने की प्रवृत्ति बदलनी होगी और इसे एक बीमारी के रूप में ही समझना होगा। संस्थापक सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले छह महीनों में इस अभियान को और व्यापक रूप दिया जाएगा। गांव-गांव में निगरानी कमेटियां गठित की जाएगी। बच्चों और युवाओं को खेलों में जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
