श्री रेणुका जी बांध जन संघर्ष समिति द्वारा महाप्रबंधक को सौंपा ज्ञापन
उपमंडल संगडाह के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति की बैठक मंगलवार को पंचायत भवन ददाहू में संघर्ष समिति अध्यक्ष एवं संयोजक प्रताप सिंह तोमर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विस्थापितों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर मंथन करने के उपरांत भारी संख्या में आए विस्थापितों का दल पंचायत भवन से एचपीसीएल कार्यालय तक जुलूस निकालकर बाध प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी भड़ास निकाली । इसके उपरांत पूरा जलूस परियोजना के महाप्रबंधक आर के चौधरी के कार्यलय में जा पहुंचा। संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिल ने सबसे पहले गृह विहीन परिवारों की सूची जारी करने में देरी किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गत वर्ष 95 लोगों की सूची जारी की गई थी जिसमें एक वर्ष बीतने के उपरांत भी बांध प्रबंधन अन्य लोगों की सूची जारी करने में नाकाम रहा। इसके उपरांत डूब क्षेत्र में रह रहे प्रत्येक परिवार को पूर्ण विस्थापित का दर्जा दिए जाने के साथ पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना में बांध प्रबंधन द्वारा ढुलमुल रवैया अपनाए जाने की बात की गई। इसके अतिरिक्त टोक्यो में विस्थापितों के लिए खरीदी गई जमीन का अधिकतर हिस्सा वहां से बह रही खड्ड एवं गिरीं बांटा नदी में बह गया है उसमें विस्थापितों का रह पाना नामुमकिन है। विस्थापितों को मकान निर्माण के लिए दिए जा रही 28 लाख की राशि बहुत कम है इसे लोक निर्माण विभाग के आकालित मूल्य के बराबर विस्थापितों को प्रदान किया जाए। इसके साथ माह प्रबंधक से पूछे गए सवालों में बांध निर्माण के उपरांत रेणुका जी संगड़ाह मार्ग की दूरी 12 से 14 किलोमीटर बढ़ जाएगी जन संघर्ष समिति की मांग के अनुसार यदि मोहतू एवं चमियाना के बीच पुल निर्माण करवाया जाए तो यह दूरी मौजूदा दूरी से लगभग 4 किलोमीटर काम हो जाएगी।
श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति ने बांध प्रबंधन को एक महीने का समय देते हुए कहा कि यदि एक माह के अंतराल में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष समिति प्रबंधन का घेराव एवं कड़ा विरोध करेगी।
बांध प्रबंधन के महाप्रबंधक आर के चौधरी ने कहा कि 20 अगस्त को बो ओ डो की बैठक हो चुकी है जिसमें उन्होंने जन संघर्ष समिति द्वारा दी गई मांगों को बैठक में क्रमवार तरीके से रखा है उन्होंने कहा कि 1362 परिवारों की सूची तैयार कर 10 सितंबर से एमपीए एफ कार्ड सियूं गांव से आरंभ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को मकान बनाने का पैसा तभी दिया जाएगा जब वह 150 स्क्वायर मीटर जमीन पर मकान बना होगा या फिर मकान बनाने के दौरान किस्तों में प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी प्रत्येक मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा जा रहा है।
