जब ट्रैकिंग करने आया नासिक का युवक भटका रास्ता, कुछ यूं किया गया रेस्क्यू

नासिक के एक ट्रैकर ने ट्रैकिंग के जूनून से अपनी जान को आफत में डाल लिया। हालाँकि डलहौजी के डैनकुंड में बर्फबारी के बीच रास्ता भटक गए ट्रैकर को डलहौजी पुलिस ने सोमवार सुबह स्थानीय युवकों के सहयोग से सुरक्षित रेस्क्यू लिया है और पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचित करने के साथ ही इस ट्रैकर निजानन्द बीटल देशपांडे उम्र 30 निवासी नासिक (महाराष्ट्र) स्वस्थ हालत में घर की ओर रवाना कर दिया है। वहीं परिजनों ने फ़ोन के माध्यम से डलहौजी पुलिस और स्थानीय युवकों का आभार व्यक्त किया है।
जानकारी के मुताबिक़ रविवार रात करीब ग्यारह बजे को डैनकुंड में बर्फ फंसे होने की सूचना स्वयं उक्त युवक ने पुलिस हेल्पलाइन पर दी लेकिन सुचना देने के बाद बैटरी खत्म होने से उसका फ़ोन स्विच ऑफ हो गया। बहरहाल सुचना मिलते ही डलहौजी पुलिस ने फौरन हरकत में आते हुए एएसआई अशोक कुमार की अगुवाई की रेस्क्यू टीम में शामिल कांस्टेबल विकास धवन, होमगार्ड जोगिंद्र चोहड़िया, उत्तम चंद मौके के लिए रवाना हो गए। हालाँकि लक्कड़मंडी-डैनकुंड सड़क पर फिसलन होने के कारण गाड़ी ऊपर नहीं चढ़ पाई लेकिन पुलिस की टीम युवक को तलाश करने के लिए बर्फ के बीच पहाड़ी की ओर पैदल ही चढ़ गई और जिसके बाद उन्होंने अंधेरे में टोर्च की मदद से युवक की तलाश शुरू कर दी। चूंकि समूची डैनकुंड घाटी और इसकी साथ लगती पहाडि़यां पहले ही बर्फ से ढकी थी इस बीच अँधेरे में युवक को तलाश करना काफी मुश्किल हो रहा था। करीब दो से तीन घंटे तक तलाश के बाद भी युवक की लोकेशन का पता नहीं लग पाया और न ही इस युवक के साथ संपर्क हो पाया। वहीं सोमवार सुबह एक बार फिर से स्थानीय युवकों रिंकू, नरेंद्र, सूरज आदि की मदद लेकर युवक की तलाश शुरू की और युवक को डैनकुंड-पोह्लानी मंदिर मार्ग पर एक रेन शेड में पाया। इसी के साथ युवक का सुरक्षित रेस्क्यू कर सड़क तक लाया गया और युवक की स्वस्थ हालत को देखते हुए आवश्यक उपचार के बाद परिजनों को सूचित करने के उपरांत नासिक रवाना कर दिया।
खबर की पुष्टि करते हुए डीएसपी विशाल वर्मा ने युवक के डैनकुंड में बर्फ फंसे होने के बाद सुरक्षित रेस्क्यू करने की पुष्टि की है। उन्होंने लोगों व् पर्यटकों से अपील की है कि बर्फबारी से प्रभावित सड़कों में वाहन न चलाएं। ऐसा करने पर फिसलन के कारण दुर्घटना हो सकती है। उनका कहना है कि कई बार पर्यटक रोमांच के लिए बर्फबारी के बीच वाहन चलाते हैं, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा पर्यटकों को बर्फबारी में अकेले ही ट्रैकिंग न करने की भी हिदायत दी है। स्थानीय लोग बर्फबारी वाली सड़कों पर मौसम खुलने और कोहरा पिघलने के बाद ही वाहन चलाएं।