पीएम के भाषण की हो रही आलोचना, नेताओं ने कहा देश को भाषण की नहीं ऑक्सीजन की ज़रुरत
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 8वीं बार देश को संबोधित किया। उन्होंने देश को लॉकडाउन से बचने का संदेश दिया साथ ही राज्य सरकारों से इसे आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने का आग्रह किया है। पीएम मोदी के कोरोना पर राष्ट्र के नाम दिए गए संदेश की विपक्षी दल निंदा कर रहे हैं। नेताओं ने कहा कि देश को इस वक्त भाषण की नहीं ऑक्सीजन की ज़रुरत है। पीएम मोदी ने अपने 19 मिनट के संबोधन में कहा कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है ताकि लॉकडाउन जैसे हालात ना बने।
इसपर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी का भाषण कुछ अलग ही अंदाज का था। पिछले साल कोरोना की पहली लहर में केंद्र ने सबकुछ अपने हाथों में रखा था यहां तक कि लॉकडाउन भी केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया था। लेकिन एक साल बाद कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारें और मोहल्ला समितियों पर डाल दी गई है। आखिर एक साल में ऐसे बदलाव कैसे हो गया।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी के भाषण का लबोलुआब यही रहा कि दोस्तों आप स्वयं की सुरक्षा करो। अगर आप कोरोना को मात देकर निकलने में सक्षम रहे तो निश्चित रूप से हम किसी उत्सव और महोत्सव में मिलेंगे। तब तक के लिए शुभकामनाएं। भगवान आपके साथ रहे। इंडियन यूथ कांग्रेस के नेता श्रीनिवास ने भी पीएम मोदी के भाषण पर ट्वीट किया। क्षमा कीजिए, देश को 'भाषण' की नही, 'ऑक्सीजन' की ज़रुरत है ।