नीतीश की चुनावी रेवड़ी: हर घर को 125 यूनिट मुफ्त बिजली

गरीब की थाली में पुलाव आ गया, लगता है चुनाव आ गया।
यह पुरानी कहावत इस समय बिहार की राजनीतिक सियासत पर पूरी तरह सटीक बैठती है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव से ठीक पहले सरकार की ओर से जनता को लुभाने के ऐसे प्रयास शुरू हो गए हैं, जो आम दिनों में देखने को नहीं मिलते।
राज्य में मुफ्त की रेवड़ियाँ बांटने की शुरुआत हो चुकी है और इसका आगाज़ खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। 1 अगस्त 2025 से बिहार के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया गया है, जिससे करोड़ों परिवारों को सीधा लाभ मिलने वाला है। इस योजना से लगभग 1 करोड़ 67 लाख परिवार सीधे लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि उनकी सरकार शुरू से ही सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराती रही है, और अब इसे और आगे बढ़ाते हुए बिजली को कुछ हद तक मुफ्त कर दिया गया है।
नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि अगले तीन वर्षों में सरकार घरेलू उपभोक्ताओं की सहमति लेकर उनके घरों की छतों या नजदीकी सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगी। अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए यह संयंत्र पूरी तरह से सरकार के खर्च पर लगाए जाएंगे, जबकि अन्य उपभोक्ताओं को भी सरकारी सहायता मिलेगी। उनका मानना है कि इन प्रयासों से बिहार में आने वाले वर्षों में 10,000 मेगावाट तक सौर ऊर्जा उत्पादन संभव होगा, जिससे राज्य ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना चुनावी रणनीति का हिस्सा है, ताकि चुनाव से पहले जनता के बीच सरकार की लोकप्रियता बढ़ाई जा सके। बिहार की सियासत में इस तरह की मुफ्त रेवड़ी वितरण की परंपरा पुरानी है, लेकिन इस बार बिजली जैसी अहम और जरूरी सुविधा को मुफ्त देना इसे और भी विशेष बना देता है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में भी बड़े बदलावों का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों की त्वरित गणना की जाए और TRE-4 परीक्षा के जरिए नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। इसके साथ ही 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल बिहार की निवासी महिलाओं को ही दिया जाएगा, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे फैसले और घोषणाएं बिहार की सियासी तस्वीर को और रोचक बना रही हैं। जनता की उम्मीदें बढ़ रही हैं, जबकि विपक्ष भी सरकार के इन कदमों पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है। अब देखना यह होगा कि चुनावी बहसों में ये मुफ्त बिजली और सौर ऊर्जा योजनाएं किस तरह जगह बनाएंगी और जनता पर क्या असर डालेंगी।