शिमला : नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने 4 लोकसभा क्षेत्राें में शुरू किया क्रमिक अनशन

फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ द्वारा 4 लोकसभा क्षेत्र में आज क्रमिक अनशन शुरू किया गया, जो शिमला, मंडी, हमीरपुर तथा कांगड़ा में शुरू हुआ। शिमला में जिला शिमला, सोलन, सिरमौर तथा किन्नौर के कर्मचारी का कर्म बार क्रमिक अनशन में भाग लेंगे। मंडी में जिला मंडी, कुल्लू तथा लाहौल के कर्मचारी भाग लेंगे। कांगड़ा में जिला कांगड़ा तथा चंबा के कर्मचारी भाग लेंगे। हमीरपुर में जिला हमीरपुर, ऊना तथा बिलासपुर के कर्मचारी भाग लेंगे। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि इन क्रमिक अनशन का समर्थन करने के लिए प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा प्रदेश के सभी स्कूल व कार्यालय में गेट मीटिंग की गई। पूरे प्रदेश में सभी गेट मीटिंग में एक लाख से भी अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। यहां तक कि विधानसभा में भी 60-70 कर्मचारियों ने गेट मीटिंग करके यह संदेश दिया है कि चाहे विधानसभा हो या सचिवालय हो या फिर प्रदेश का कोई भी कार्यालय हो प्रदेश का हर कर्मचारी संगठन के साथ खड़ा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गेट मीटिंग करने का उद्देश्य क्रमिक अनशन का समर्थन तथा एनपीएस का विरोध करना था।
गेट मीटिंग के माध्यम से कर्मचारियों ने यह भी संदेश दिया है कि पेंशन बहाली के लिए प्रदेश का कर्मचारी एकजुट है तथा प्रदेश सरकार को जल्द कर्मचारियों की पेंशन बहाल कर देनी चाहिए। यदि कर्मचारी की पेंशन जल्द बहाल नहीं होती है, तो इसका खामियाजा भी आने वाले चुनावों में सरकार को भुगतना पड़ सकता है। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों का गेट मीटिंग के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद किया है तथा यह भी आश्वस्त किया है कि यदि जल्द पेंशन बहाल नहीं होती है, तो पेंशन बहाली की इस मुहिम को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेंशन बहाली संगठन का एकमात्र लक्ष्य है, जिसके लिए संगठन लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कर्मचारियों की पेंशन बहाल होती है, तो सरकार को साल में सिर्फ 500 करोड़ खर्च करने पड़ेंगे, जबकि एनपीएस की वजह से सरकार कर्मचारियों के पैसों को प्राइवेट हाथों में दे रही है और इसका कुल खर्चा 12 हजार करोड़ के आसपास प्रतिवर्ष बन रहा है, जिससे यह जाहिर होता है कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिस वजह से प्रदेश का हर कर्मचारी इस एनपीएस स्कीम का विरोध कर रहा है।
एनपीएस की वजह से कर्मचारियों का बुढ़ापा भी सुरक्षित नहीं है। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए भी कर्मचारी एकजुट हुए हैं। सरकार को जल्द पेंशन बहाली का निर्णय लेना चाहिए और प्रदेश के पैसे का दुरुपयोग रोक पर कर्मचारियों की पेंशन बहाल कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द पेंशन बहाल नहीं होती है, तो जिला स्तर पर या विधानसभा स्तर पर भी क्रमिक अनशन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि 15 सितंबर से पहले पेंशन बहाल नहीं की जाती, तो 15 सितंबर को कर्मचारियों द्वारा प्रदेशभर में Vote For OPS का अभियान भी शुरू किया जाएगा।