आक्रोशित युवाओं ने सड़कों को बना दिया है 'अग्निपथ'
दो सालों से सेना भर्ती का इंतजार कर रहे देश के बेरोजगार युवा सड़कों पर उतर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत जवानों को अग्निवीर बनाने की घोषणा की है, मगर अब इन्हीं भावी अग्निवीरों ने सड़कों को अग्निपथ बना दिया है। कहीं बसों को जला दिया गया तो कहीं ट्रेन में आग लगा दी गई। बिहार से निकली ये चिंगारी यूपी, हरियाणा, हिमाचल समेत कई राज्यों तक पहुंच गई है। यूपी-बिहार व हरियाणा से लेकर तेलंगाना तक हिंसक प्रदर्शन जारी है। हालात चिंताजनक हो गए हैं। सरकार प्रयासरत है, युवाओं को मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। अलग -अलग तरीके से अग्निपथ योजना के लाभ समझाने के प्रयास किये जा रहे है। सरकार इस योजना में कई संशोधन भी कर चुकी है, मगर युवा ये स्पष्ट कर चुके है कि वे समझने को तैयार नहीं है। हर तरफ त्राहि -त्राहि मची हुई है। बिहार के लखीसराय, छपरा, समस्तीपुर, आरा समेत कई जिलों में ट्रेनें फूंक दी गईं तो यूपी की सड़कों पर युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा के कई जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई है। रोहतक में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे एक युवक ने सुसाइड कर लिया। हिमाचल परेश में भी युवा सड़कों पर उतर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। कई दिनों से अग्निपथ के विरोध की आग जल रही है। इसकी चपेट मे सबसे ज़्यादा भाजपा शासित प्रदेश झुलस रहे है। अग्निपथ योजना के तहत सरकार का प्लान है कि नौ सेना, वायु सेना व थल सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती की जाए। योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा और इस साल करीब 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है। 75 फीसदी युवाओं को चार साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया जाएगा। भर्ती किए गए जवानों में से सिर्फ़ 25 प्रतिशत को सेना में रखा जाएगा। इसी को लेकर छात्रों का विरोध है। युवाओं का मानना है की ये योजना उनके अधिकारों का हनन है। छात्रों का कहना है, 'सेना में जाने के लिए हम जीतोड़ मेहनत करते हैं। ट्रेनिंग और छुट्टियों को मिला दें तो कोई सर्विस सिर्फ़ चार साल की कैसे हो सकती है? सिर्फ़ तीन साल की ट्रेनिंग लेकर हम देश की रक्षा कैसे करेंगे?
पहली समस्या: चार साल ही क्यों?
प्रदर्शन कर रहे युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है कि सिर्फ़ चार साल के लिए ही क्यों भर्ती की जा रही है। सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भी कम से कम 10 से 12 साल की सर्विस होती है और आंतरिक भर्तियों में उन सैनिकों को मौका भी मिल जाता है। अग्निपथ योजना में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यही है कि चार साल के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को बाहर का रास्ता देखना ही पड़ेगा। चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने का कॉन्सेप्ट किसी के गले नहीं उतर रहा है। सेना में शामिल होने की तैयारियों कर रहे युवाओं का पक्ष है कि वो सालों तक खूब मेहनत कर सेना भर्ती होने की तैयारी करते हैं। ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है। अभ्यर्थियों का कहना है कि साढ़े 17 साल में अग्निवीर बनने वाले युवा के पास न तो कोई प्रोफेशनल डिग्री होगी और न ही कोई विशेष योग्यता, ऐसे में वह दोयम दर्जे की नौकरियों के लिए बाध्य होगा।
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?
अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों की मांग बेहद स्पष्ट है। उनका कहना है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए। लंबे समय से सेनाओं में भर्ती न होने की वजह से परेशान छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती की रैलियां आयोजित कराई जाएं और परीक्षाएं शुरू हों। इसके अलावा, पुरानी लटकी भर्तियों को भी जल्द से जल्द क्लियर करने की मांग की जा रही है ।
ये संशोधन कर चुकी है सरकार
सरकार द्वारा भारी विरोध को देखते हुए इस साल के लिए अग्निवीर भर्ती की ऊपरी आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई। गृह मंत्रालय द्वारा सीएपीएफ और असम राइफल्स में अग्निवीरों की भर्ती के लिए दस फीसदी आरक्षण की घोषणा भी की गई। इसके अलावा अग्निवीरों को इन अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए जरूरी ऊपरी आयु सीमा में भी 3 साल की छूट देने की घोषणा की गई। यह छूट स्थायी होगी। जबकि पहली बार की भर्ती में पांच साल की छूट दी जाएगी। बता दें देश में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी व एसएसबी जैसे अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ) हैं। इनके लिए सेना की तरह ही अभी तक सीधी भर्ती होती रही है। ताजा आयु छूट और भर्ती में आरक्षण का मतलब होगा कि अग्निवीरों के लिए इन अर्धसैनिक बलों में जगह बनाने के लिए ज्यादा मौके होंगे।
अग्निवीरों को मिलेगा सस्ता लोन
अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में मचे बावल के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से अग्निवीरों को सस्ते दरों पर कर्ज की सुविधा दिए जाने का ऐलान भी किया गया है। रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक ट्वीट में बताया गया है कि, जो नौजवान चार साल सेना की सेवा करने के बाद बाहर निकलेंगे उन्हें आजीवन अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। यदि अग्निवीर कोई काम करना चाहेंगे तो उन्हें सस्ती दर पर कर्ज की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।