बहुत हुआ सरकार, अब बेरोज़गार अध्यापक आंदोलन को तैयार

पिछले लम्बे समय से सरकार के आगे नौकरी की गुहार लगाने वाले बेरोज़गार अध्यापक अब चुप बैठने को तैयार नहीं दिख रहे। नई भर्ती न होने से बेरोजगार अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश सरकार से खासा नाराज़ है। संघ ने सरकार से कहा कि प्रदेश सरकार को 2555 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर जल्दी से जल्दी नियमित शिक्षक भेजने चाहिए। प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष निर्मल सिंह धीमान ने कहा कि दिल्ली, चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों तथा नवोदय विद्यालयों में पार्ट टाइम कांट्रैक्ट टीचरों को पक्का करने का कोई प्रावधान नहीं है। गौर हो कि 2555 एसएमसी शिक्षक भी पार्ट टाईम कांट्रैक्ट टीचर है, क्योंकि इन्हें प्रदेश सरकार हर साल सेवाविस्तार देती है। शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पार्ट टाईम कांट्रैक्ट टीचरों को नियमित नहीं किया जाता है। भर्ती नियम संविधान की धारा 309 के अनुसार बनते हैं, जिनके अनुसार नियमित शिक्षकों की भर्तियां या तो कमीशन से हो सकती है या बैचवाइज प्रक्रिया के तहत हो सकती है।
बेरोजगार अध्यापक संघ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17-7-2012 को बनाई गई एसएमसी पॉलिसी के तहत की गई नियुक्तियों को जिस उद्देश्य पूर्ति के लिए की गयी थी, उसे सही माना है। यदि उपरोक्त एसएमसी पॉलिसी ठीक है तो उसमें लगाई गई तमाम शर्तों का अनुसरण करना भी अनिवार्य है। इस एसएमसी पॉलिसी की शर्त नंबर 9 और 10 यह कहती है कि हर साल नया सिलेक्शन प्रोसेस होगा और पहले से तैनात एसएमसी शिक्षक की सेवाओं को किसी भी सूरत में आगामी शैक्षणिक स्तर के लिए सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता तथा जैसे ही नियमित शिक्षक आएगा, उसकी सेवाएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी। पर 2013 से लेकर आज तक सरकार ने हर साल सिलेक्शन नहीं किया बल्कि हर साल एक-एक साल के लिए 2555 एसएमसी शिक्षकों की सेवा में लगातार विस्तार किया है।
नियमित शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हुई ?
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ का कहना है कि 2555 शिक्षकों की भर्तियां बिना कमीशन के की गयी है। कांग्रेस और भाजपा ने 2012 से 2018 तक 15 हजार शिक्षक बैकडोर से भर्ती किए, जिससे लाखों बेरोजगारों का तथा लाखों विद्यार्थियों का जीवन बर्बाद हो गया है। संघ का कहना है कि बैकडोर भर्ती से शिक्षा की गुणवत्ता भी गिरती है तथा संविधान की अवमानना भी होती है। इसलिए जयराम सरकार जनता को स्पष्ट करे कि चार साल में 2555 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं की गई। हिमाचल प्रदेश बेेरोजगार अध्यापक संघ ने सरकार से मांग है कि एसएमसी शिक्षकों को अब सेवा विस्तार न दिया जाए प्रशिक्षित बेरोज़गार अध्यापको को मौका दिया जाए। संघ ने कहा कि नियमों का पालन करने के लिए पंजाब सरकार ने आउटसोर्स भर्तीयों पर रोक लगा दी है। इसका बेरोजगार अध्यापक संघ ने जोरदार स्वागत किया है । संघ ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि एनटीटी शिक्षकों की भर्तियां आउटसोर्स से न करके भर्ती नियमों के अनुसार करे। संघ ने ये भी कहा कि यदि 2555 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमानुसार जल्दी शिक्षक न भेजे गए तो रोष रैली की जाएंगी। उसके पश्चात यह रोष रैलियां हर जिला में निकाली जाएंगी।