रेरा कार्यालय शिफ्टिंग पर हाईकोर्ट की रोक, सरकार से मांगा जवाब

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) का कार्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावलिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने जारी किया। साथ ही सरकार को इस मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अनूप रतन अदालत में पेश हुए। याचिकाकर्ता नरेश शर्मा की ओर से दाखिल जनहित याचिका में अधिसूचना को चुनौती दी गई थी और मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 13 जून को जारी अधिसूचना पर फिलहाल रोक लगा दी है।
याचिका में तर्क दिया गया कि रेरा कार्यालय में इस समय कुल 34 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 18 आउटसोर्स कर्मचारी हैं जो ड्राइवर, चतुर्थ श्रेणी व अन्य पदों पर तैनात हैं। कार्यालय के धर्मशाला शिफ्ट होने से इन कर्मचारियों के परिवारों और बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। कम वेतन में धर्मशाला जैसे शहर में काम करना उनके लिए व्यावहारिक नहीं है।
इसके अतिरिक्त, याचिका में यह भी कहा गया है कि रेरा से जुड़े अधिकतर मामले बद्दी, बरोटीवाला, सोलन और शिमला जैसे क्षेत्रों से आते हैं, ऐसे में कार्यालय को शिमला से हटाना तर्कसंगत नहीं है। इस याचिका के साथ-साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के कार्यकाल को चुनौती देने वाली एक अन्य जनहित याचिका पर भी सुनवाई हुई। दोनों मामलों की अगली सुनवाई 13 अगस्त को निर्धारित की गई है।