आउटसोर्सिंग मामले में हिमाचल सरकार पर हाईकोर्ट सख्त, जवाब न देने पर ₹5000 का जुर्माना

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आउटसोर्सिंग विवाद से जुड़ी एक याचिका पर सरकार और अन्य प्रतिवादियों द्वारा समय पर जवाब न देने को गंभीरता से लिया है। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने सरकार पर ₹5000 का जुर्माना लगाया है और स्पष्ट किया कि यह राशि गलती करने वाले अधिकारी से वसूल की जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि यह जुर्माना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को अदा किया जाएगा। इससे पहले पिछली सुनवाई में भी अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर दिया था, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब पेश नहीं किया गया।
सरकार ने अब दो सप्ताह का और समय मांगा है, जिस पर अदालत ने कहा कि जुर्माना अदा करने के बाद ही यह अंतिम अवसर दिया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर तय समयसीमा में जवाब दाखिल नहीं किया गया, तो उनका उत्तर देने का अधिकार समाप्त कर दिया जाएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी