हिमाचल ने लगाया वाटर सेस, नाराज हो गए पड़ोसी राज्य

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में वाटर सेस का बिल पास होने से पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा की सरकारें इससे नाराज हो गईं है। पंजाब सरकार ने इस संबंध में विधानसभा में निंदा प्रस्ताव भी पास किया है। वहीं हरियाणा सरकार ने भी इस फैसले का विरोध जताया है । दरअसल हिमाचल सरकार इस टैक्स के सहारे 1200 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बेहतर करना चाह रही थी। मगर पंजाब व हरियाणा ने विधानसभा में एक संकल्प प्रस्ताव पारित कर हिमाचल सरकार के वाटर सेस पर आपत्ति जताई है। पंजाब का मानना है कि हिमाचल में वाटर सेस लगने से उन्हें कम से कम 500 करोड़ रुपए सालाना का नुकसान होगा. कारण ये है बीबीएमबी यानी भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बिजली परियोजनाओं से पंजाब व हरियाणा भी जुड़े हुए हैं। वहीं, हरियाणा सरकार का कहना है कि हिमाचल के वाटर सेस से उसे भी 336 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। वहीँ इन 2 राज्यों की सरकारों के विरोध के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार द्वारा वसूले जाने वाले वोटर सेस का पंजाब और हरियाणा को कोई नुकसान नहीं होगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने फिर कहा कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल भाई-भाई हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार हिमाचल प्रदेश में 172 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से वाटर सेस वसूलेगी।