हिमाचल प्रदेश में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल से आम जन को हो रही परेशानियां

हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल ने प्रदेशवासियों की परेशानी को बढ़ा दिया है। आज से शुरू हुई सामूहिक हड़ताल के कारण पटवार सर्किल दफ्तरों में कामकाज ठप पड़ा है, जिससे लोग विभिन्न सरकारी सेवाओं से वंचित हो रहे हैं। यह हड़ताल 25 और 27 फरवरी को हुई थी, और अब 28 फरवरी से अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक की घोषणा की गई है। पटवारी-कानूनगो संघ ने राज्य सरकार के एक अहम फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें इन कर्मचारियों को स्टेट कैडर में डाला गया था। इस फैसले के खिलाफ प्रदेश के 4000 से ज्यादा पटवारी और कानूनगो एकजुट होकर हड़ताल पर चले गए हैं। सरकार का यह निर्णय इन कर्मचारियों के लिए न केवल असहनीय हो गया है, बल्कि अब यह हड़ताल प्रदेशवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ाने का कारण बन गई है। राजस्व विभाग की सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं, जिनमें रजिस्ट्री, डिमार्केशन, इंतकाल, तकसीम, गिरदावरी और बैंक की केसीसी रिपोर्ट जैसे जरूरी काम शामिल हैं। ऐसे में आम लोग इन सेवाओं से वंचित हो रहे हैं, जो रोजमर्रा के जीवन के लिए जरूरी हैं। संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने स्पष्ट किया कि जब तक राज्य सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। पिछली बार भी इसी मुद्दे पर संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी, जिसे सरकार के आश्वासन पर वापस लिया गया था। अब एक बार फिर से यह विवाद खड़ा हो गया है, और यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो प्रदेशवासियों को और भी मुश्किलें उठानी पड़ सकती हैं।