विमल नेगी मौत मामले में हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से मिली राहत

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 2 मई तक अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। अदालत ने मीणा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, साथ ही उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया है। यह घटनाक्रम आज सामने आया है, जब हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। इससे पहले सरकार ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट अदालत में पेश की थी। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विमल नेगी के परिजनों ने मीणा सहित दो अन्य अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मीणा ने इसी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर आज अदालत ने यह फैसला सुनाया है।गौरतलब है कि हरिकेश मीणा ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। यह कदम विमल नेगी के परिवारजनों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद उठाया गया था। परिजनों ने आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा, आईएएस शिवम प्रताप सिंह और निदेशक देसराज पर विमल नेगी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद न्यू शिमला थाने में निदेशक देसराज, तत्कालीन एमडी और निदेशक (कार्मिक) के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई थी। अब तक की पुलिस जांच और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की पड़ताल में परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं, जिससे इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसी वजह से पहले देसराज ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी, लेकिन वहां से उनकी याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब इसी कड़ी में मीणा ने हाईकोर्ट से राहत पाई है।