हिमाचल प्रदेश लागू हुआ वन टाइम रजिस्ट्रेशन सिस्टम, अब बार-बार नहीं भरने पड़ेंगे फॉर्म

हिमाचल प्रदेश में राज्य चयन आयोग ने आज से वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है, जिससे अब सरकारी भर्तियों के लिए बार-बार आवेदन करने के झंझट से मुक्ति मिल गई है। यह नई व्यवस्था न केवल अभ्यर्थियों के लिए समय और प्रयास बचाएगी, बल्कि भर्ती प्रक्रिया को भी अधिक सुगम और पारदर्शी बनाएगी। आयोग की आधिकारिक वेबसाइट hprca.hp.gov.in पर यह सुविधा शुक्रवार रात 12 बजे से सक्रिय हो गई है। अब प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की सभी आगामी भर्तियां इसी ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से संचालित होंगी। OTR सिस्टम में अब केवल एक बार ही अपना विस्तृत पंजीकरण कराना होगा। इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज, जैसे कि आधार कार्ड, दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट, जन्म प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), और बीपीएल प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। यह सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में आयोग के डिजी-लॉकर में सुरक्षित रहेंगे, जिससे भविष्य में आवेदन करते समय इन्हें बार-बार अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीकरण के सफल होने पर प्रत्येक अभ्यर्थी को एक यूनिक आईडी नंबर आवंटित किया जाएगा। यह विशिष्ट पहचान संख्या उनके आधार कार्ड और पंजीकृत मोबाइल नंबर से जुड़ी रहेगी। भविष्य में जब भी कोई युवा प्रदेश सरकार के किसी भी विभाग में नौकरी के लिए आवेदन करना चाहेगा, तो उसे केवल इस यूनिक आईडी और उस विशेष पद के कोड व नाम को दर्ज करना होगा जिसके लिए वह आवेदन कर रहा है। बाकी का संपूर्ण आवेदन पत्र, जिसमें उनकी पहले से दी गई जानकारी शामिल होगी, सिस्टम द्वारा स्वचालित रूप से भर दिया जाएगा।
अयोग्य आवेदकों पर लगेगी लगाम, फीस की होगी बचत:
OTR सिस्टम न केवल समय बचाएगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि केवल पात्र उम्मीदवार ही आवेदन करें। सिस्टम इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि अभ्यर्थी की आवेदन फीस तभी कटेगी जब वह उस विशेष पद के लिए निर्धारित सभी आवश्यक शैक्षणिक योग्यताओं और अन्य मानदंडों को सफलतापूर्वक पूरा करेगा। यदि कोई अभ्यर्थी पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करता है, तो उसकी आवेदन फीस स्वतः ही नहीं काटी जाएगी, जिससे अयोग्य उम्मीदवारों को अनावश्यक वित्तीय नुकसान से बचाया जा सकेगा। इस नई प्रणाली से न केवल बेरोजगार युवाओं को कागजी कार्रवाई और बार-बार जानकारी भरने की परेशानी से निजात मिलेगी, बल्कि यह बार-बार वेबसाइट पर तकनीकी दिक्कतों और हैकिंग की आशंकाओं को भी कम करेगा। युवाओं को अब विभिन्न सरकारी कार्यालयों और रोजगार कार्यालयों के चक्कर काटने की भी आवश्यकता नहीं होगी।