शिमला मस्जिद विवादः जुमे की नमाज की इजाजत देने पर भड़के लोग, हनुमान चालीसा का किया जाप

शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद को लेकर एक बार फिर तनाव गहरा गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर संजौली शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। नवबहार, लड़कबाजार और ढली से आने वाले सभी रास्तों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिसमें 100 से अधिक जवान और क्विक रिएक्शन फोर्स की तीन गाड़ियां शामिल हैं। मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं, लेकिन पुलिस ने कुछ मुस्लिमों को जुमे की नमाज पढ़ने की इजाजत दी, जिस पर देव भूमि संघर्ष समिति ने कड़ा एतराज जताया है। देव भूमि संघर्ष समिति ने ऐलान किया था कि शिमला की संजौली मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए, क्योंकि इसे अवैध घोषित किया गया है। बुधवार को समिति के सदस्यों ने सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी थी और मस्जिद के पास अपने "गण के स्थान" पर पूजा-अर्चना करने की बात कही थी। समिति का आरोप है कि विवादित मस्जिद का बिजली और पानी अभी तक क्यों नहीं काटा गया है, और उन्होंने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने मस्जिद की ओर जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने पहले रोका और पूछताछ के बाद जाने की अनुमति दी। इसी दौरान देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर विरोध स्वरूप हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। समिति के सह-संयोजक मनोज ठाकुर और विजय शर्मा ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका गया, जबकि मुस्लिमों को "विवादित मस्जिद" में नमाज अदा करने की अनुमति दी गई। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा दोबारा हुआ तो वे लाठी-डंडों के साथ विरोध करेंगे, और आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम करीब 4:00 बजे एक बैठक आयोजित की जाएगी। समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि मुस्लिम समुदाय मस्जिद में नमाज अदा करता है, तो वे इसके विरोध में एक बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।