कब तक सांप को पिलाएंगे दूध, तुर्कीये के पाकिस्तान को ड्रोन देने पर बोले कुलदीप सिंह राठौर

शिमला: भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के दौरान तुर्कीये द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन भेजे जाने पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तुर्कीये ने संकट के समय में भारत के दुश्मन देश का साथ दिया है, और अब "सांप को दूध पिलाने" की नीति को समाप्त करना चाहिए। राठौर ने तुर्कीये के साथ व्यापार समझौते को तुरंत रद्द करने और वहां से सेब के आयात पर रोक लगाने की मांग की है। शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि 2023 में तुर्कीये में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत ने मानवीय सहायता के तहत सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया था और गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन भेजे थे। लेकिन, तुर्कीये ने इसका जवाब भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान को ड्रोन भेजकर दिया है। उन्होंने बताया कि तुर्कीये और पाकिस्तान मिलकर पांचवीं पीढ़ी के ड्रोन बना रहे हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। राठौर ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या ऐसे देशों के साथ व्यापार संबंध जारी रखना उचित है? उन्होंने बताया कि भारत ने तुर्कीये से 12,29,262 मीट्रिक टन सेब का आयात किया है, जिसकी कीमत 822 करोड़ रुपये है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था सेब उत्पादन पर निर्भर है, और तुर्कीये से सेब का आयात यहां के किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए और तुर्कीये के साथ व्यापार समझौता तुरंत समाप्त करना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने इसे अजीब बताया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला द्विपक्षीय है और इस पर संसद में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। ट्रंप का ट्वीट संसद के प्रस्ताव के खिलाफ है। राठौर ने कहा कि कांग्रेस ने इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार और ऑपरेशन सिंदूर को पूरा समर्थन दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर संसद सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि पूरे विषय पर विस्तृत चर्चा हो सके।