हिमाचल की सुक्खू सरकार लेगी 1300 करोड़ रुपये का लोन, 30 अप्रैल को राज्य सरकार के खाते में आ जाएगी धनराशि

हिमाचल सरकार ने नए वित्त वर्ष के पहले महीने में ही अब दूसरी बार लोन लेने का फैसला लिया है और इस बार प्रदेश की सुक्खू सरकार 1300 करोड़ रुपए का लोन फिर से लेने ले रही है। राज्य सरकार के राजपत्र में इसे शनिवार को नोटिफाई कर दिया गया। इसमें नौ साल के लिए 800 करोड़ और सात साल के लिए 500 करोड़ की धनराशि ली जा रही है। इसके लिए भारत सरकार से मंजूरी ले ली गई थी। नोटिफिकेशन के अनुसार 29 अप्रैल, 2025 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसके लिए ऑनलाइन बोली लगाएगी और 30 अप्रैल, 2025 को यह धनराशि राज्य सरकार के खाते में आ जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार को पहली तारीख को ही वेतन और पेंशन पर 2000 करोड़ खर्च करने हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त विभाग को निर्देश दे रखे हैं कि लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के पेंडिंग बिलों को 30 अप्रैल से पहले क्लियर कर दिया जाए। ये बिल 31 मार्च, 2025 से पहले क्लियर नहीं हो पाए थे और लैप्स हो गए हैं और दोनों विभागों को दोबारा से बिल बनाकर ट्रेजरी में जमा करवाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा हिम केयर और सहारा योजना की पेंडिंग धनराशि को भी चुकाने के निर्देश दिए थे। लोन की यह राशि आने के बाद यह भुगतान भी हो जाएगा। इसके बाद पहली तारीख को वेतन और पेंशन का सबसे बड़ा खर्चा है। हालांकि चिंता की बात यह है कि नए वित्त वर्ष के पहले ही महीने में सरकार को 2200 करोड़ लोन में ही उठाने पड़े हैं। अप्रैल में ही दो तारीख को 900 करोड़ का लोन वित्त विभाग ले चुका है। अब 1300 करोड़ रुपए का लोन दोबारा लिया जा रहा है। राज्य को तय फार्मूले के हिसाब से वित्त वर्ष में करीब 7000 करोड़ की ही लोन लिमिट मिलती है।