डॉ अम्बेडकर ने नहीं प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था हमारा संविधान

दुनिया का सबसे बड़ा संविधान यानी हिन्दुस्तान का संविधान लिखने वाले डॉ भीमराव अम्बेडकर नहीं थे, बल्कि बल्कि प्रेम बिहारी नारायण रायजादा हैं। दरअसल, डॉ. अंबेडकर संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा के अध्यक्ष थे और इसलिए उन्हें संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है। मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खुद प्रेम बिहारी से यह काम करने की गुजारिश की थी। प्रेम बिहारी ने इसके बदले फीस नहीं ली थी। बस पंडित नेहरू से ये ही कहा - " एक पैसा भी नहीं। मेरे पास भगवान की दया से सब कुछ है और मैं अपनी जिंदगी में खुश हूं, पर मेरी एक शर्त है कि इसके हर एक पन्ने पर मैं अपना नाम और आखिरी पन्ने पर अपना और दादाजी का नाम लिखूंगा।"
भारत का संविधान न केवल हाथ से लिखा गया है, बल्कि शांति निकेतन के चित्रकारों ने इसके कवर से लेकर हर पन्ने को भी अपनी सुंदर कला से सजाया हैं।
भारतीय संविधान की अंग्रेजी में लिखी पांडुलिपि और उसका हिंदी अनुवाद संसद की लाइब्रेरी में दो विशेष बक्सों में रखे हुए हैं। कांच से बने इन पारदर्शी मगर सीलबंद बक्सों में नाइट्रोजन भरी है, जो पांडुलिपि के कागज को खराब नहीं होने देती। ये दोनों बॉक्स अमेरिका की एक कंपनी ने कैलिफोर्निया में बनाए थे।
- भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है।
- इसमें एक प्रस्तावना, 448 आर्टिकल्स के साथ 22 पार्ट्स, 12 अनुसूचियां और 5 एपेंडिक्स और कुल 1.46 लाख शब्द शामिल हैं।
- इसे तैयार करने से पहले दुनिया के 60 देशों के संविधान को पढ़ा गया।
- भारत का पूरा संविधान हाथ से लिखा गया है।
- इसे लिखने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है।
- संविधान को लिखने का काम कैलिग्राफिस्ट प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने किया था।
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लेखन के लिए एक भी पैसा नहीं लिया था।
- भारत के संविधान की एक मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी हुई है।
- इस प्रति में पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।
- भारत के संविधान को बैग ऑफ बॉरोविंग्स भी कहा जाता है क्योंकि इसे बनाने के लिए 10 प्रमुख देशों के अलावा उस समय मौजूद 60 से अधिक संविधानों की सहायता ली गई।
- संविधान को लिखने का काम 26 नवंबर 1949 को पूरा हो गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 में देश में लागू किया गया।
- आजादी से पहले 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू हुआ था।
- इस तिथि को महत्व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया।
- इस दिन को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।