हिमाचल के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान आज झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में लेंगे शपथ

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस तरलोक सिंह चौहान आज झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) पद की शपथ लेंगे। रांची स्थित राजभवन में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
जस्टिस चौहान की यह नियुक्ति झारखंड हाईकोर्ट के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्रन के त्रिपुरा हाईकोर्ट स्थानांतरण के बाद हुई है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 मई 2025 को अपनी बैठक में उनके नाम की सिफारिश की थी।
जस्टिस चौहान सोमवार को अपने परिजनों के साथ रांची पहुंच चुके हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट में भी निभाई अहम भूमिकाएं
जस्टिस चौहान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की भूमिका निभा चुके हैं। उन्हें 23 फरवरी 2014 को अतिरिक्त न्यायाधीश और 30 नवंबर 2014 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। हाईकोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान वे कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के अध्यक्ष भी रहे, और राज्य में न्यायिक डिजिटल संरचना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
जस्टिस चौहान का जन्म 9 जनवरी 1964 को रोहड़ू में हुआ। उन्होंने शिमला के प्रतिष्ठित बिशप कॉटन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, जहाँ वे स्कूल कैप्टन भी रहे। स्नातक की पढ़ाई डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स में पूरी की और उसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1989 में उन्होंने वकालत की शुरुआत की और वरिष्ठ अधिवक्ता लाला छबील दास के चेंबर से जुड़कर कानूनी क्षेत्र में कदम रखा।
कानूनी विशेषज्ञता और कोर्ट मित्र की भूमिका
जस्टिस चौहान ने प्रदेश हाईकोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की और राज्य विद्युत बोर्ड, नागरिक आपूर्ति निगम समेत कई सार्वजनिक संस्थानों के विधिक सलाहकार भी रहे। उन्हें हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र भी नियुक्त किया गया, विशेषतः पर्यावरण, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, प्लास्टिक व तंबाकू प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, और सड़क निर्माण नीति जैसे महत्वपूर्ण मामलों में।
सामाजिक सरोकार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व
हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने बाल कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और वृद्धाश्रमों के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन सहित कई अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
साल 2019 में वे रोमानिया में आयोजित “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” विषय पर अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज प्रोग्राम में भी शामिल रहे।
अकादमिक योगदान
वे हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की गवर्निंग काउंसिल और कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। साथ ही, वे राज्य की न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।