एमओयू साइन: गुलाब की खेती से महकेगा प्रदेश | Himachal Pradesh News
गुलाब का इस्तेमाल सिर्फ़ सजावट तक ही सीमित नहीं है। गुलाब के फूल में मंत्रमुग्ध करने वाली महक के अलावा औषधीय गुण भी अनगिनत हैं। यही कारण है कि अब हिमाचल में भी गुलाब की खेती शुरू करने की कवायद शुरू होने जा रही है। किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए एग्रो इंडस्ट्री ने एरोमा प्रोजेक्ट के तहत हिमालयन बॉयो रिसोर्स संस्थान पालमपुर के साथ एमओयू साइन किया है। प्रदेश में अब लोग बंजर जमीन पर गुलाब की खेती कर सकेंगे। जिला कांगड़ा के चामुंडा और खड़ीबही पंचायत में किसानो की जमीन की जांच की गई है। किसानों को प्रशिक्षित करने के बाद गुलाब के पौधे रोपे जाएंगे। दो साल बाद इनमें फूल आएंगे। एक पौधा करीब 25 साल तक चलता है। इस फूल से अर्क और गुलाब जल निकाला जाएगा। आईएचबीटी ही जमीन की जांच करने के साथ किसानों को 90 फीसदी सब्सिडी पर गुलाब का पौधा उपलब्ध करवाया जाएगा। बता दें कि गुलाब के अर्क का इस्तेमाल परफ्यूम में होता है। इसकी कीमत 9 से 12 लाख प्रति लीटर है। गुलाब की खेती करने के लिए ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए एक फीट गहरी जमीन को नर्म करना है। करीब 2*2 का तौलिया बनेगा। इसमें इस पौधे को रोपा जाएगा। एक बार जड़ पकड़ने के बाद यह पौधा करीब 20 साल तक चलेगा। किसानों को गुलाब से अर्क और गुलाब जल निकालने के लिए बाहर न जाने पड़े इसके लिए इंग्रो इंडस्ट्री कारपोरेशन खुद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करेगा। यदि किसान गुलाब की खेती करना चाहता है तो आईएचबीटी उन्हें पहले ट्रेनिंग देगा। मिट्टी की जांच के लिए भी टीम घर-द्वार पहुंचेगी।
गुलाब में है कई औषधीय गुण
गुलाब का उपयोग करने से दिल, दिमाग और आमाश्य की शक्ति में वृद्धि होती है जिससे इनकी क्रिया भी ठीक होने लगती है। इसके अलावा गुलाब की पंखुडिय़ों में लैक्सटिव और डाइयुरेटिक गुण भी होते हैं, जो पेट को साफ करने, बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने, मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने और वजन कम करने में मदद करते है। गुलाब का फूल मुंह संबंधी रोगों से निजात दिलाता है। यह सिर में होने वाले घावों को भी ठीक करता है। गुलाब से बने गुलकंद का सेवन गर्मी में फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी के इलाज में भी यह लाभकारी है।
किसानों को गुलाब की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसको लेकर हिमालयन बॉयो रिसोर्स संस्थान (आईएचबीटी) के साथ एमओयू साइन हुआ है। गुलाब के फूल से अर्क निकाला जाना है। कारपोरेशन खुद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करेगी। इस पहल से जहाँ बंजर भूमि का सही इस्तेमाल होगा वहीं किसानों की आर्थिकी भी सृदृढ़ होगी।
-जेएम पठानिया, एमडी, एग्रो इंडस्ट्री कारपोरेशन
MoU signed The state Himachal Pradesh will be blessed with rose cultivation