पीएम मोदी की बड़ी घोषणाएं: युवाओं के लिए रोजगार योजना, दिवाली पर GST गिफ्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश के नाम संबोधन में कई बड़े ऐलान किए। अपने भाषण में उन्होंने कर प्रणाली, युवाओं के लिए रोजगार, कृषि सुधार, ऊर्जा और खनिज संसाधनों में आत्मनिर्भरता, रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर विस्तृत योजनाएं पेश कीं। पीएम मोदी के इन ऐलानों को आने वाले वर्षों में भारत के आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक ढांचे को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधार की बात करते हुए कहा कि पिछले आठ सालों में इस प्रणाली ने टैक्स ढांचे को सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब समय आ गया है कि इसका नेक्स्ट जेनरेशन रिव्यू किया जाए। उन्होंने घोषणा की कि दिवाली के अवसर पर जीएसटी दरों में बड़े बदलाव किए जाएंगे, जिससे रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, उद्योगों को लाभ मिलेगा और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री ने "प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना" की शुरुआत की। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15 हजार रुपये सरकार की ओर से दिए जाएंगे, जबकि कंपनियों को अधिक रोजगार सृजित करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह योजना करीब 3.5 करोड़ नौजवानों के लिए नए अवसर पैदा करेगी।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने "डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन" की घोषणा की। इसके तहत समुद्र के भीतर तेल और गैस भंडार खोजने के लिए अभियान चलाया जाएगा, जिससे भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
खनिज संसाधनों के मामले में प्रधानमंत्री ने "नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन" लॉन्च करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में क्रिटिकल मिनरल्स की अहम भूमिका है, इसलिए देशभर में 1200 से अधिक स्थानों पर इन खनिजों की खोज का अभियान चलाया जाएगा।
रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से आह्वान किया कि भारत को अपना "मेड इन इंडिया" जेट इंजन तैयार करना चाहिए, जो फाइटर जेट्स में इस्तेमाल हो सके। इसी क्रम में अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित करने की भी घोषणा की गई, जो सभी उद्योगों के लिए नीतियां आसान और समयानुकूल बनाएगी।
कृषि सुधारों के तहत प्रधानमंत्री ने "पीएम धनधान्य कृषि योजना" की शुरुआत की, जिसमें ऐसे 100 जिलों की पहचान की गई है जहां खेती की स्थिति कमजोर है। इस योजना के जरिए वहां कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार हर स्तर पर मजबूती से खड़ी है।
भाषा और ज्ञान संरक्षण के क्षेत्र में "ज्ञान भारतम योजना" की घोषणा की गई। इसके अंतर्गत देशभर में मौजूद हस्तलिखित ग्रंथों, पांडुलिपियों और पुराने दस्तावेजों को डिजिटल तकनीक की मदद से संरक्षित और सुलभ बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने "हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन" की शुरुआत का ऐलान किया, जिसका उद्देश्य घुसपैठ के खतरों को रोकना है। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए न केवल देश की सुरक्षा बल्कि नौजवानों की आजीविका और महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने "मिशन सुदर्शन चक्र" लॉन्च करने की घोषणा की, जिसके तहत 2035 तक देश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को उन्नत सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा। यह अत्याधुनिक हथियार प्रणाली न केवल दुश्मन के हमलों को विफल करेगी बल्कि कई गुना तेज पलटवार भी करने में सक्षम होगी।
प्रधानमंत्री मोदी के ये ऐलान आर्थिक सुधारों से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक, देश के भविष्य की दिशा तय करने वाले माने जा रहे हैं। आने वाले समय में इन योजनाओं के क्रियान्वयन से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।