देशभर के मुकाबले प्रदेश का जल गुणवत्ता में नम्बर वन

हिमाचल प्रदेश को देशभर में जल गुणवत्ता सर्वेक्षण में उपभोक्ता स्तर पर पेयजल की मात्रा, गुणवत्ता और नल कार्यशीलता में प्रथम स्थान पर आंका गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल शक्ति विभाग की सराहना की है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए हिमाचल सरकार की पीठ थपथपाई है। जल शक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर के मुताबिक जल शक्ति विभाग की ओर से प्रदेश में दो साल में 8.27 लाख घरों को नल से शुद्ध जल उपलब्ध करवाया गया है। यह पिछले 72 वर्षों में लगे 7.63 लाख नलों से अधिक है। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश ने हर घर नल उपलब्ध करवाने की दिशा में पूरे देश में बेहतरीन कार्य किया है। जुलाई, 2022 तक हर घर में नल से जल देने का लक्ष्य रखा है, जबकि हर घर नल से जल उपलब्ध करवाने का राष्ट्रीय लक्ष्य 2024 तक का है। अगर हम केंद्र द्वारा जारी राशि की बात करें तो मार्च, 2022 तक के लिए कुल 2240.10 करोड़ रुपये की राशि केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई गई है, जिसमें से चालू वित्त वर्ष के लिए 1429.08 करोड़ रुपये का प्रावधान है। वर्ष 2019-20 में हिमाचल प्रदेश को 57.15 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई थी, जबकि वर्ष 2020-21 में प्रदेश को 221.28 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई थी, जो कि देश भर में मिशन के अंतर्गत बेहतर कार्य करने वाले अग्रणी सात राज्यों में सर्वाधिक है।
प्रदेश को वर्ष 2021-22 की अंतिम किस्त 315.69 करोड़ रुपये मिल चुकी है और वर्ष 2021-22 में प्रदेश को भारत सरकार से कुल 1262.78 करोड़ रुपये केंद्र की हिस्सेदारी के रूप में प्राप्त हो चुके हैं। राज्य को बेहतर प्रदर्शन के आधार पर इस वर्ष भी प्रोत्साहन राशि अपेक्षित है।
-महेंद्र सिंह ठाकुर, जल शक्ति मंत्री