सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी को बदलने की उठाई मांग
सरकार द्वारा सात राज्यों से प्रदेश में प्रवेश करने के लिए जारी गाइडलाइन से एक बार फिर टूरिज्म इंडस्ट्री पर संकट का बादल मंडरा रहा है। बीते एक वर्ष से आर्थिक नुकसान झेलने के बाद फिर एक बार जगी आस पर सरकार ने पानी फेर दिया है। प्रेस को जारी बयान में टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डरर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट मोहिंद्र सेठ ने कहा कि पर्यटन उद्योग लगातार दूसरे वर्ष भी कोरोना की भेंट चढ़ता नज़र आ रहा है। सरकार द्वारा 7 राज्यों से हिमाचल आने वाले पर्यटकों को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लाने की एडवाइजरी जारी होने के बाद होटल तथा अन्य पर्यटन कारोबार ठप हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से पर्यटन व्यवसाय धीरे-धीरे पटड़ी पर लौटने लगा था, परंतु कोरोना की दूसरी लहर के कारण उतपन्न हुई परिस्थिति ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है। हिमाचल के पर्यटन उद्योग केवल गर्मियों के सीजन की आमदनी पर ही निर्भर करता है। होटलों का 65% के लगभग रेवेन्यू 15 मार्च से लेकर 15 जुलाई के बीच ही अर्जित किया जाता है। उन्होंने बताया कि होटल इंडस्ट्री बहुत पेरिशेबल है, जो कमरे एक दिन खाली रह जाते है उनके रेवेन्यु लॉस की भरपाई दुबारा नहीं की जा सकती। पर्यटन उद्योग से जुड़े उद्यमियों को अपनी इकाइयों को संचालित रख पाना असंभव हो गया है क्योंकि जो थोड़ी बहुत आमदनी हो रही थी वह भी अब बंद हो गई है। जो बिज़नेस ट्रैवलर बाहरी राज्यों से हिमाचल में सर्विस प्रोवाइड करने आ रहे थे वह भी हिमाचल में बिना नेगेटिव रिपोर्ट के नहीं आ पाएंगे इसीलिए बिजनेस ट्रेवलर्स ने भी हिमाचल में आना बंद कर दिया है। एसोसिएशन ने सरकर से मांग की है कि जारी किये एडवाइजरी को वापिस लिया जाए।
