हिमाचल सरकार ने 5 लाख रुपए जुर्माना की माफी के लिए दाखिल किया आवेदन

हिमाचल प्रदेश रेरा में चेयरमैन व मेंबर की नियुक्ति में देरी के लिए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को 5 लाख रुपए कॉस्ट लगाई थी, जिसे राज्य सरकार ने बुधवार को अदालत की रजिस्ट्री में जमा करवा दिया है। इसके साथ ही सरकार ने इस जुर्माने को माफ करने का आवेदन भी दाखिल किया है। अब अदालत ने इस संदर्भ में याचिकाकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा ह। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। हाईकोर्ट ने रेरा का ऑफिस वैकल्पिक कार्यालय शिमला से धर्मशाला ले जाने से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई भी 23 जुलाई को निर्धारित की है। इस याचिका में प्रार्थी का आरोप है कि रेरा कार्यालय की पहचान किए बिना ही 13-06-2025 को धर्मशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है।
बता दें कि अतुल शर्मा नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर एचपी रेरा में चेयरमैन व मेंबर की नियुक्ति में बेवजह देरी को लेकर अदालत का रुख किया था। इसके बाद माननीय हाईकोर्ट ने 20 जून को आदेश जारी कर 13 मार्च 2025 को सरकार को भेजी सिफारिश के बावजूद रेरा अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति की अधिसूचना जारी न करने पर राज्य सरकार को पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया था, और यह राशि 25 जून तक हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने के आदेश भी दिए थे। अब बुधवार को सरकार ने यह राशि जमा करवाई है,साथ ही इस जुर्माने को माफ करने के लिए एक आवेदन भी दायर किया है।
विदित रहे कि इस बीच हाईकोर्ट से मिली फटकार के बाद राज्य सरकार ने 24 जून को पूर्व मुख्य सचिव आरडी धीमान को रेरा का चेयरमैन व पूर्व आईएएस अमित कश्यप को मेंबर नियुक्त किया है।
मुख्य सचिव सेवा विस्तार मामले की सुनवाई भी 23 जुलाई को
याचिका का दूसरा पहलू प्रबोध सक्सेना को मुख्य सचिव के तौर पर छह माह के सेवा विस्तार से जुड़ा है। इस मामले में बुधवार को राज्य सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अब इस मुद्दे को लेकर अगली सुनवाई 23 जुलाई को निर्धारित की गई है। इस प्रकार याचिका के विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई में 23 जुलाई को आगामी तिथि तय की है.