पिछले साल के मुकाबले अधिक फैल रहा स्क्रब टाइफस, IGMC में एक मौत के बाद हड़कंप

हिमाचल में जहां अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है। वहीं इसी बीच स्क्रब टाइफस सक्रिय हो गया है। इस साल स्क्रब टाइफस के 900 मरीजों के टेस्ट किए गए हैं, जिसमें से 86 मामले पॉजिटिव आ चुके है। ध्यान रहे कि अब सीजन शुरू हो गया है, अब लगातार स्क्रब टायफस के मामले आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी होगी। स्क्रब टाइफस को लोग बिल्कुल भी हल्के में ना लें। अगर लापरवाही बरती तो आपकी जान पर भारी पड़ सकता है। हर वर्ष स्क्रब टायफस लोगों को अपना ग्रास बनाता है। आपको इसके लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाए। चिकित्सक द्वारा कोरोना के साथ-साथ अब स्क्रब टाइफस के टेस्ट किए जा रहे है। हर साल मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट रहता है। पहले ही विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वहीं हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस जानलेवा हो गया है। हिमाचल में स्क्रब टायफस से इस साल की पहली मौत होने का मामला सामने आया है। सोलन के 55 साल के व्यक्ति की स्क्रब टायफस से मौत हो गई है। व्यक्ति आईजीएमसी के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल था। बुधवार देर शाम व्यक्ति की मौत हो गई है। आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ राहुल गुप्ता ने व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है। जोड़ों में दर्द और कंपकंपी ठंड के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण है।
स्क्रब टायफस से बचने के उपाय
लोग सफाई का विशेष ध्यान रखे। घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें। घर व आसपास कीटनाशक दवा का छिडक़ाव करें। मरीजों को डॉक्सीसाइक्लन और एजिथ्रोमाईसिन दवा दी जाती है। स्क्रब टायफस शुरूआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है। यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है।