"देवस्थान को पर्यटन स्थल नहीं बनने देंगे": बिजली महादेव रोपवे के खिलाफ स्थानीय विरोध चरम पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'बिजली महादेव रोपवे' को लेकर कुल्लू में विरोध तेज़ हो गया है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के पूर्व चेयरमैन राम सिंह ने इस परियोजना के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुए कहा है कि "यह प्रोजेक्ट किसी भी कीमत पर नहीं बनने दिया जाएगा।" राम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिजली महादेव सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि लोगों की आस्था का केंद्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय जनता और देव परंपरा की स्पष्ट नाराज़गी के बावजूद कुछ जन प्रतिनिधि इस परियोजना को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जो जन प्रतिनिधि पहले विरोध कर रहे थे, वे अब समर्थन में क्यों खड़े हैं। राम सिंह का कहना है कि रोपवे परियोजना पर्यावरण के लिए भी खतरा है...अब तक 72 पेड़ काटे जा चुके हैं और कुल 206 पेड़ काटने की अनुमति दी गई है।
विवाद की जड़ में क्या है?
274 करोड़ की लागत से बनने वाला यह रोपवे कुल्लू के मोहल से लेकर बिजली महादेव मंदिर तक बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आधुनिक परिवहन सुविधा देना है। हालांकि, स्थानीय लोगों और देव समाज से जुड़े संगठनों का तर्क है कि यह रोपवे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि देव परंपराओं में भी हस्तक्षेप करेगा।
शिलान्यास के बाद बढ़ा विरोध
यह विवाद कोई नया नहीं है। पिछले डेढ़ दशक से इस परियोजना को लेकर विरोध होता रहा है। लेकिन बीते 5 मार्च 2025 को जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया, तो विरोध की आवाज़ और तीखी हो गई।
कुछ दिन पहले इस प्रोजेक्ट से जुड़ा एक और विवाद तब सामने आया जब पूर्व सांसद और भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह भूमि पूजन में शामिल हुए। उनकी तस्वीर वायरल होने पर उन्होंने सफाई दी कि "मैं हमेशा इस प्रोजेक्ट के विरोध में था और रहूंगा।"
क्या है आगे की राह?
प्रशासन की ओर से अभी तक इस बढ़ते विरोध पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकारें इसे विकास का जरिया बता रही हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय देव समाज, पर्यावरण प्रेमी और कुछ राजनीतिक हस्तियां इसे आस्था और प्रकृति के खिलाफ कदम मान रही हैं। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस विरोध को सुनकर कोई समाधान निकालती है या फिर परियोजना को हर हाल में आगे बढ़ाने की कोशिश जारी रखती है।