एनएचएआई की तकनीकी टीम ने जाने पहाड़ दरकने के कारण, चक्की मोड़ में भरे मिट्टी के सैंपल

कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर परवाणू से कुमारहट्टी तक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की तकनीकी टीम ने पहाड़ों के दरकने के कारण का पता लगाया। इस टीम में आईआईटी रुड़की, आईआईटी मंडी और एनएचएआई के सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद थे। टीम ने चक्की मोड़ में मिट्टी के सैंपल भी भरे। इसी के साथ फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी से भी किस प्रकार की कटिंग की गई है, समेत कई प्रकार के इनपुट लिए हैं।
साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला से भी कई प्रकार का डाटा टीम ने मांगा है। जैसे ही यह डाटा विशेष तकनीकी टीम के पास पहुंचता है, उसके बाद परवाणू-सोलन फोरलेन पर आगामी निर्माण कार्य के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस माह के अंत तक यह रिपोर्ट तैयार कर एनएचएआई को देगी। इसके बाद ही कई महत्वपूर्ण जगहों पर कार्य शुरू किया जाएगा। इसी टीम की रिपोर्ट के अनुसार चक्कीमोड़ पर निर्माण कार्य के लिए ड्राइंग तैयार की जाएगी।
वहीं वर्तमान में भी चक्कीमोड़ में पहाड़ से मलबा नहीं रुक रहा है। भूस्खलन के बाद वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ रही है। वहीं परवाणू से सोलन के बीच कई जगह ऐसी हैं, जहां मलबा हटाना गले की फांस बनता जा रहा है। जैसे ही मलबा हटाया जा रहा है, वैसे ही पहाड़ी से भूस्खलन हो जाता है।
परवाणू से कुमारहट्टी तक एनएचएआई की विशेष टीम ने दौरा किया है। कुछ डाटा एनएचएआई से भी मांगा है, जो टीम को जल्द दे दिया जाएगा। इसके बाद आगामी कार्य शुरू होगा। - आनंद दहिया, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई शिमला।