शिमला : विवि में एनएसयूआई ने कार्यकारिणी सदस्यों को सौंपा ज्ञापन

ईसी बैठक से पहले वीसी कार्यालय के बाहर सौंपा 10 सूत्रीय मांगपत्र
आमीषा कुल्ला। शिमला
छात्रों की मांगों को लेकर वीसी कार्यालय के बाहर जोरदार नारेबाजी के बीच ईसी सदस्य पिछले दरवाजे से हुए दाखिल। एनएसयूआई के छात्रों ने परिसर अध्यक्ष रजत पोन्टु की अगवाई में वीसी कार्यालय के पिछले गेट पर ही सदस्यों को सौंपा मांग पत्र, जिसमें निम्नलिखित मांगे की गई।
1. UG व PG कक्षाओं के परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द घोषित किये जाए। साथ ही आगामी सत्र के लिए जल्द कॉउंसलिंग आयोजित कर एडमिशन प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।
2. सत्र 2020-21 की हॉस्टल कंटीन्यूएशन फीस माफ की जाए। साथ ही हॉस्टल मैसों में खाने की गुणवत्ता को सुधारा जाए।
3. छात्रावास आवंटन मे EWS वर्ग को भी विशेष रूप से सम्मिलित किया जाए।
4. Dept. of Lifelong Learning से जो सहायक आचार्य के एक सेंक्शन पद को पर्यावरण विज्ञान विभाग में रोस्टर सहित ट्रांसफर किया गया है उसे तत्काल निरस्त कर वापिस Dept. of Lifelong Learning में लाया जाए। और इस विभाग में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में ग्रामीण विकास/Rural Development के कैंडिडेटों को पूर्ण प्राथमिकता दी जाए।
5. विश्वविद्यालय परिसर मे खुले कामधेनु, NesCafe, hotspot व अन्य ढाबों पर लगातार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों से की जा रही लूटपाट से छात्रों को राहत दिलाने के लिए उचित कीमतों को निर्धारित व खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए विशेष कमेटी (जिसमें छात्रों का प्रतिनिधित्व भी शामिल हो) गठित कर छात्रों को राहत प्रदान करें।
6. विश्वविद्यालय परिसर मे बन रहे Alumni Bhavan को वि.वि.की अपनी भूमि में न बना कर सरकार से विश्वविद्यालय के साथ लगती किसी जगह पर बनाया जाए, क्योंकि विश्वविद्यालय के बहुत सारे विभागों के पास आज भी अपना पुरा Infrastructure व पर्याप्त मात्रा मे Classrooms नही है।
7. वि.वि. Library में बंद पड़े Aquagurads व पुराने व टूटे-फटे टेबल कुर्सियों को तुरंत प्रभाव से बदला जाए।
8. प्रदेश विश्वविद्यालय में सेनिटाइजर मशीनों के नाम पर लाखों के घोटाले की जांच की जाए व जिस भी कंपनी/ माध्यम से इन मशीनों को लगवाया गया था, उन्हीं से दुबारा सभी मशीनों को लगवाया जाए। क्योंकि 95 प्रतिशत से भी अधिक मशीनें पिछले 2-3 महीनों से खराब है।
9. विश्वविद्यालय में नए छात्रावासों का निर्माण शीघ्र किया जाए, क्योंकि प्रदेश के अधिकतम विद्यार्थी विश्वविद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर व माध्यम वर्गीय परिवारों से संबंध रखते हैं।
10. एचपीयू का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राजा वीरभद्र सिंह के नाम पर रखा जाए व वीरभद्र पीठ को शीघ्र शुरू कर इसी सत्र से विद्यार्थियों को इसमें दाखिला दिया जाए।
NSUI ने मांग की कि प्रदेश के उच्चतम शिक्षण संस्थान में शिक्षा व शोध की गुणवत्ता को बनाए रखने और छात्रहितों की रक्षा के लिए विवि प्रशासन इन सभी मांगो को प्राथमिकता से पूरा करें।