बेशक़ करना पड़ेगा इंतज़ार लेकिन सुहाना होगा कांगड़ा रेलवे का सफ़र, चलेगी टॉयट्रेन
कांगड़ा-घाटी की पहाड़ी ढलानों पर अंग्रेजों के जमाने में बिछाई गई रेल पटरियों पर छुक-छुक की कूक सुनने के लिए बेशक थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन आने वाले दिनों में यह सफर सुहाना होने वाला है। क्योंकि रेलवे विभाग ने इस बात की पूरी तैयारी कर ली है कि बरसात के दिनों में भी रेल को निर्बाध चलाया जा सके। सूत्रों के अनुसार विभाग ने रेल मार्ग की पूर्ण वहाली के लिए मार्च 2025 तक का समय तय किया है। इतना ही नहीं पठानकोट जोगिंदर नगर रेल मार्ग के 165 किमी हिस्से में से कुछ हिस्से में टॉय ट्रेन चलाने की भी कवायद चल रही है।
दरअसल बीते दिनों राज्यसभा में सांसद इंदु गोस्वामी ने रेल मार्ग पर बंद पड़ी गाड़ियों का मुद्दा उठाया था, जिसके एवज में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देशों के बाद रेलवे मंडल फिरोजपुर हरकत में आया। नतीजा यह हुआ कि खुद मंडल रेल प्रबंधक संजय साहू ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ जोगिंदरनगर, आहजू, बैजनाथ इत्यादि जगहों पर इस बात की संभावनाओं का पता लगाने की कोशिश की कि टॉय ट्रेन रेलमार्ग के किस-किस हिस्से में चल सकती है, जिससे पर्यटकों को फायदा हो सकता है। पहले से ही बैजनाथ पपरोला और पालमपुर में अमृत भारत योजना के तहत करोड़ों रुपए के लागत से रेलवे स्टेशनों का जीर्णोंद्वार किया जा रहा है, जिसमें यात्रियों की सुविधा के लिए एयर कंडीशनर वेटिंग हॉल, एप्रोच रोड को चौड़ा करना, दिव्यांगों के लिए विशेष टॉयलेट, मल्टी डिजाइन फर्नीचर, मुफ्त वाई-फाई, एक्सकैवेटर, इंटर कनेक्टिविटी सर्विस, शुद्ध पेयजल इत्यादि सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। इसके लिए बताया रेल बजट में पर्याप्त राशि का भी प्रविधान किया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार मंडल रेल प्रबंधक इस दिशा में अपने अधिकारीयों के साथ कार्य कर रहे हैं कि बरसात में भी पठानकोट जोगिंदर नगर रेल मार्ग पर रेल गाड़ियों की आवाजाही सुनिश्चित रहे। हालांकि 2 वर्ष से बंद पड़ी पठानकोट जोगिंदर नगर रेल चक्की पुल न बन पाने की वजह से यात्रियों को अभी तक परेशान ही होना पड़ा है। बीते दिनों रानीताल के पास राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के निर्माण अधीन मटौर-शिमला फोर लेन का एक बड़ा डंगा गिरने से रेल मार्ग का काफी हिस्सा ध्वस्त हो चुका है और कोपर लाहड़ क्षेत्र में भी पहाड़ी ढलनों से अक्सर मलवा गिरता रहता है। सूत्रों के अनुसार रेल विभाग यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से कोई भी समझौता नहीं करता चाहता इसलिए बरसात के बाद ही रेल बहाली के आसार नजर आ रहे हैं।
मंडलीय रेल प्रबंधक फिरोजपुर संजय साहू का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा से कटाई समझौता नहीं किया जा सकता इसलिए विभाग जब तक मुकम्मल तौर पर रेल मार्ग को बहाल नहीं करता तब तक रेल गाड़ियां नहीं चलाई जा सकती हैं। टॉय ट्रेन चलाई जाने की संभावनाओं का पता लगाया गया है किसकी रिपोर्ट वे दिल्ली मुख्यालय को भेजेंगे स्वीकृति मिलते ही धरातल पर यह परियोजना उतरेगी। कहा कि विभाग की ओर से पठानकोट जोगिंदर नगर रेल मार्ग की पूर्ण बहाली के लिए मार्च 2025 तक का समय तय किया गया है। रेल मंडल फिरोजपुर की ओर से रेलवे विभाग के खंडहर हो चुके आवासों को ध्वस्त किया जाएगा और इन आवासों को नए सिरे से बनाया जाएगा। पठानकोट जोगिंदर नगर रेल मार्ग के सभी स्टेशनों के खंडहर हो चुके आवासों की सूची संकलित की जा चुकी है। राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने राज्यसभा में रेल मार्ग का मुद्दा उठाया था जिस पर गंभीरता से विचार करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। पालमपुर और बैजनाथ पपरोला स्टेशनों को पहले से ही अमृत भारतीय योजना के तहत आधुनिक सुविधाओं से सजाया जा रहा है। जल्द ही रेल मार्ग की बहाली की उम्मीद है। अंग्रेजों के जमाने में शानन विद्युत परियोजना के लिए बिछाई गई पठानकोट जोगिंदरनगर रेलवे लाइन का कार्य 1926 में शुरू हुआ था और 1932 में मुकम्मल हुआ। 165 किलोमीटर लंबे स्मारक में कुल 950 छोटे बड़े पुल 37 रेलवे स्टेशन दो सुरंगे हैं। ज्वालाजी, चामुंडाजी, बैजनाथ धाम और कांगड़ा मंदिर सहित धर्मशाला पहुंचने के लिए यह रेल मार्ग बेहतर विकल्प हैं।