पालमपुर: बलिदानी सुनील कुमार लदोहिया के परिवार से मुलाकात, गांव में यादगार निर्माण की माँग

शुक्रवार को सेवानिवृत्त पैरामिलिट्री कल्याण संगठन पालमपुर की कार्यकारिणी सदस्य बलिदानी सुनील कुमार लदोहिया के परिवार से मुलाकात की गई। सुनील कुमार की बुजुर्ग माता, बिमला देवी ने बताया कि सुनील उनका इकलौता बेटा था और वह बीएसएफ में भर्ती था। 27 अगस्त 1989 को पंजाब में आतंकवादी विरोधी अभियान के दौरान उनके बेटे का निधन हो गया था। इस दुखद समाचार से बेशक उन्हें अवगत कराया गया था, लेकिन बेटे के अंतिम दर्शन उन्हें कभी नहीं हो पाए। सुनील के पिता, बिहारी लाल लोहिया इस दर्दनाक घटना को सहन नहीं कर पाए और कुछ ही महीनों बाद, 1990 की शुरुआत में उनका भी निधन हो गया। पति की मृत्यु के बाद बिमला देवी पूरी तरह से असहाय हो गईं, लेकिन समय के साथ उन्हें पैशन मिलने लगी, जिससे वह अपने घर का खर्चा चला सकीं और अपनी तीन बेटियों की शादी कर सकीं। वर्तमान में, बिमला देवी के साथ उनकी एक विधवा बेटी रहती है, जो अपनी मां की देखभाल करती है। बिमला देवी ने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी दिल में एक आखिरी तमन्ना है कि उनके बेटे के बलिदान को सम्मानित करने के लिए गांव में उनकी याद में एक प्रतिमा, गेट या सड़क का निर्माण हो। पैरामिलिट्री कल्याण संगठन के अध्यक्ष सीएस खरवाल, उपाध्यक्ष के एल मनकोटिया, सलाहकार डी आर शर्मा और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता मनवीर चन्द कटोच ने शासन एवं प्रशासन से आग्रह किया है कि बलिदानी सुनील कुमार के परिवार के मनोबल को देखते हुए, उन्हें उचित सम्मान प्रदान किया जाए। इसके साथ ही यह निर्माण गांव में नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।