परागपुर : वेदव्यास परिसर में वैदिक मंगलाचरण के साथ संस्कृत संभाषण शिविर का उद्घाटन

मंगलवार के दिन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेदव्यास परिसर बलाहर में शास्त्री प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए संस्कृत संभाषण शिविर का शुभारंभ किया गया। वैदिक मंगलाचरण के साथ इसके उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। साहित्य विषय के शिक्षक एवं कवि पंकज द्वारा करवाए गए अतिथि परिचय के पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षा शास्त्री विभाग के अध्यक्ष डॉ शीशराम ने सभागार में उपस्थित समस्त शास्त्री प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं सहित परिसर के अन्य कक्षाओं के समस्त छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए संस्कृत के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहा जाता है । उन्होंने कहा कि संस्कृत के प्रचार प्रचार से हमारे देश की संस्कृति को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
उसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले भगवती प्रसाद ने अपने संभाषण में संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने अंग्रेजी विषय में एम ए कर रखी है। लेकिन उन्हें उस समय संस्कृत के महत्व का इतना पता होता तो वह संस्कृत में एचडी करते।उन्होंने बताया कि जब भी आरएसएस के शिविर में जाना होता है तो वहां पर जाकर के उन्हें संस्कृत भाषा के महत्व का पता चलता है। अपने अध्यक्षीय भाषण में वेदव्यास परिसर के प्रभारी निदेशक डॉक्टर मंजूनाथ ने कहा कि आज के इस शिवर का मुख्य उद्देश्य शास्त्री प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले नए छात्र छात्राओं को संस्कृत के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि यह शिविर आगामी 5 सितंबर तक चलेगा। जिसमें संस्कृत को सरल भाषा के रूप में कैसे उपयोग में लाना है ,यह सब जानकारियां प्रदान की जाएंगी । ताकि शास्त्री प्रथम वर्ष में हमारे परिसर में प्रवेश लेने वाले समस्त छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकें। कार्यक्रम के अंत में वेदांत विभाग की शिक्षिका डॉक्टर के मनोज्ञा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया एवं कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजेंद्र शर्मा, साहित्य विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम बाबू, डॉ. महीपाल, डॉ. योगेश पांडे, डॉ. श्रीनाथ धर द्विवेदी, डॉ. मनोज श्रीमाल, अमित वालिया, डॉ. मनीष सरोच, अमर चंद, डॉ. शैलेश तिवारी, डॉ. रिचा बिस्वाल, डॉ. मुकेश, डॉ. विनोद, डॉ. यज्ञ दत्त, डॉ. भूपेंद्र ओझा, डॉ. गोविंद शुक्ला, डॉ. नवीन तिवारी, डॉ. महात्मा वीणापाणी सहित समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।