मुस्लिम परिवार ने पेश की मिसाल...चम्बा के परवेज अली बट्ट ने एक गोवंश को लिया गोद

एक तरफ जहां हमारे समाज में गऊ पालन को धर्म से जोड़कर देखा जाता रहा है और एक धर्म विशेष पर लगातार गौवंश की हत्या के आरोप लगाए जाते हैं वहीं चम्बा के तीसा के मुस्लिम परिवार ने मिसाल पेश की जा रही है। बट्ट परिवार के सदस्य परवेज अली बट्ट ने मंजीर गोसदन के एक गोवंश को गोद लिया है। परवेज भट्ट गोसदन में एक गौवंश का पूरा खर्चा उठाएंगे। यही नही उन्होंने वहीं गोसदन में रखे जाने वाले पशुधन को सर्दी से बचाने हेतु गोसदन के भवन के चारों और तिरपाल की व्यवस्था इत्यादि हेतु 31 हजार रुपए गो सदन संचालकों को दिए किए हैं। सलूणी के तहत मंजीर में करोड़ों रुपए की लागत से गोसदन का निर्माण करवाया गया है। जहां कि सड़कों पर छोड़ दिए गए लगभग दो सौ गोवंश को रखने की क्षमता है। इस गोसदन में रखे जाने वाले गोवंश की देखरेख का जिम्मा राष्ट्रीय स्तर की गैर सरकारी संस्था सर्वोदय ह्युमन एंड नेचर डेवलपमेंट द्वारा उठाया गया है। ऐसे में संस्था के द्वारा एक परिवार को एक गोवंश गोद लिए जाने की अनूठी पहल(अभियान) की शुरुआत गई है। संस्था की इस पहल के तहत परवेज अली बट्ट सबसे पहले आगे आए हैं। वीरवार को बट्ट नर्सिंग कॉलेज बोंखरी मोड़ में परवेज अली बट्ट से मिलने पहुंचे संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन कुमार व महासचिव अजय कुमार के आग्रह पर फौरन हामी भरते हुए बट्ट ने मंजीर गोसदन के एक गोवंश को गोद लिया वहीं गोसदन के भवन के चारों और तिरपाल लगवाने व अन्य व्यवस्थाओं हेतु 31 हजार रुपए प्रदान किए। जबकि गोसदन के संचालन हेतु अपनी ओर से हर संभव सहयोग देने की हामी भरी। जिसके लिए गोसदन संचालकों ने परवेज अली बट्ट का आभार जताया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी परवेज अली बट्ट द्वारा गंगा जमुनी तहजीब के तहत हिंदू पर्वों के सफल आयोजन के लिए अपनी ओर से आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है। बट्ट द्वारा हर वर्ष बनीखेत में आयोजित होने वाली श्रीरामलीला के सफल आयोजन में भी अपनी और से बढ़चढ़ कर आर्थिक सहयोग किया जाता है। परवेज अली बट्ट ने कहा कि गोवंश का धार्मिक आस्था से भी जुड़ाव है। मगर खेद का विषय है कि कुछ स्वार्थी लोग अपना लाभ ले लेने के बाद गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं। परवेज अली बट्ट ने कहा कि ईश्वर अल्लाह एक हैं और सभी धर्म मानवता का संदेश देते हैं। ऐसे में हमें अपना मानवता का फर्ज निभाते हुए सड़कों पर छोड़े गए बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने जिला के अन्य साधन संपन्न लोगों से भी मंजीर स्थित गोसदन के एक एक गोवंश को गोद लेने का आह्वान किया है।