ऊना में हमेशा हाई रहता है सियासी तापमान
जिला ऊना की राजनीति में कभी भी तापमान में उतार-चढ़ाव नहीं आया। यानी यहां हर माैसम में सियासी पारा हाई ही रहता है। प्रदेश विधानसभा में पांच सीटाें वाले इस ज़िले में कांग्रेस और भाजपा दाेनाें बराबरी पर हैं। कभी कांग्रेस के पास अधिक ताे कभी बीजेपी की झाेली में अधिक सीटें आती रही। वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती। हराेली और ऊना सदर कांग्रेस के पास, जबकि गगरेट, कुटलैहड़ और चिंतपूर्णी विधानसभा सीट पर भाजपा काबिज है। जबकि 2012 के चुनाव में कांग्रेस के पास 3 और बीजेपी के पास 2 सीटें थी। वर्तमान और पिछले सरकार में जिला ऊना को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वीरभद्र सरकार में मुकेश अग्निहोत्री काे मंत्री की कुर्सी मिली और वर्तमान जयराम सरकार में वीरेंद्र कंवर काे जगह मिली। पंजाब के साथ सटे होने के कारण यह जिला हमेशा से ही नशे के तस्करों को लेकर सुर्खियों में रहा। खनन माफिया और वन माफिया को लेकर भी हमेशा से ही कांग्रेस और भाजपा नेताओं में आरोप -प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री जब पूर्व में उद्याेग मंत्री थे तो भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के साथ उनकी जुबानी जंग नहीं थमती थी। अब भाजपा सरकार में है तो कांग्रेस लगातार हमलावर रहती है।
चुनाव न हारते मंत्री हो सकते थे सत्ती
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती पिछले चुनाव में ऊना सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा से पराजित हुए थे। माना जाता है की यदि सत्ती चुनाव नहीं हारते तो जयराम कैबिनेट में उनका स्थान लगभग तय था। पर चुनाव हारने से सत्ती के अरमानो पर पानी फिर गया। कुटलैहड़ से भाजपा विधायक वीरेंद्र कंवर को मंत्रिमंडल में स्थान मिला। वीरेंद्र कंवर की एक और ख़ास बात है, विधानसभा सदन में हाे या फिर कोई अन्य मंच, वीरेंद्र कंवर ने आवेश में कोई ब्यान नहीं दिया। जबकि सतपाल सिंह सत्ती अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते है।
मुकेश और वीरेंद्र लगा चुके है जीत का चौका
मुकेश अग्निहोत्री और वीरेंद्र कंवर लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री लगातार चार चुनाव जीत चुके है। 2003 और 2007 में वे संतोखगढ़ से चुनाव जीते। जबकि नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आये हरोली विधानसभा क्षेत्र से वे 2012 और 2017 में चुनाव जीते। वर्तमान में मुकेश अग्निहोत्री नेता प्रतिपक्ष है। इसी तरह जयराम कैबिनेट में पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर कुटलैहड़ निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार चुनाव जीत चुके है।
वित्तायाेग में लगातार दाे बार मिला प्रतिनिधित्व
जिला ऊना काे अब तक लगातार दूसरी सरकार में वित्तायाेग में स्थान मिला है। पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में चिंतपूर्णी से कांग्रेस के विधायक रहे कुलदीप कुमार काे वित्तायाेग उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस बार जयराम सरकार में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती काे 15 वें वित्तायाेग में चेयरमैनशिप मिली।