सुंदरनगर की सियासत में रूप का फेर

मंडी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर सियासी तौर पर काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इस सीट पर राजपूत वोटरों का दबदबा होने के चलते विधायक भी राजपूत ही रहे है। इस सीट पर हर पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है, इस बात की तस्दीक करते है 1998 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव। भाजपा ने 1982 से 2007 तक रूप सिंह पर ही विश्वास जताया है। पहली बार उन्हें 1982 में टिकट मिला और वो लगातार 1990 तक विधायक बने। 1993 के चुनाव में कांग्रेस से शेर सिंह और भाजपा से रूप सिंह मैदान में थे और उस दौरान 5537 वोट के अंतर् से शेर सिंह ने रूप सिंह को हराया और 23 साल सियासी तौर पर दंडक वन में गुज़ारने के बाद कांग्रेस की सत्ता वापसी हुई। 1998 के चुनाव में भाजपा से फिर रूप सिंह ठाकुर को टिकट मिला जबकि कांग्रेस से शेर सिंह चुनावी मैदान में थे और रूप सिंह ने 769 वोट के अंतर से जीत हासिल की। 2003 के चुनाव में कांग्रेस ने टिकट बदला और कांग्रेस ने सोहन लाल को प्रत्याशी बनाया जो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी थे और कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव भी रहे और भाजपा ने फिर रूप सिंह को टिकट दिया और करीब 4638 के अंतर् से रूप सिंह हार गए। इसी तरह 2007 में रूप सिंह ने सोहन लाल को हराया। 2012 के चुनाव में भी सत्ता परिवर्तन हुआ और तब सोहन लाल जीते लेकिन उस दौरान भाजपा में काफी हलचल हुई। हमेशा की तरह भाजपा से रुप सिंह को टिकट मिलने के कयास लग रहे थे और टिकट की दौड़ में भाजपा के एक और नेता राकेश जम्वाल शामिल थे। उस चुनाव में भाजपा ने चेहरा बदला और राकेश जम्वाल को सुंदरनगर विधानसभा सीट से भाजपा का प्रत्याशी बनाया। तब रूप सिंह ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अंतरकलह के कारण सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र में सोहन लाल ठाकुर बीजेपी को पीछे छोड़ने में सफल रहे। 2012 के चुनाव में सोहन लाल ठाकुर ने 8990 मतों से बड़ी जीत दर्ज की। 2012 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रुप सिंह ठाकुर दूसरे नंबर पर रहे जो इस विधानसभा को जीतने में सबसे ज्यादा बार सफल रहे थे। वह बीजेपी से टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़े और बीजेपी प्रत्याशी राकेश जम्वाल को तीसरे नंबर पर करने में सफल रहे। बीजेपी में बगावत होने पर इसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी सोहन लाल ठाकुर को मिला। 2017 के चुनाव में भाजपा से राकेश जम्वाल जीते और सोहन लाल को करीब 9263 वोट से पराजित किया। सियासी माहिरों का मानना है कि इस बार के चुनाव में भी 2012 के चुनाव की तरह समीकरण बन सकते है।
वर्तमान स्थिति को देखे तो पूर्व मंत्री रूप सिंह के बेटे अभिषेक ठाकुर भी चुनावी ताल ठोकते नज़र आ रहे हैं। मौजूदा दौर में भाजपा सरकार के प्रति एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर के साथ -साथ पंजाब जीत कर हिमाचल में राजनैतिक उलट-फेर करती नज़र आ रही आम आदमी पार्टी के चलते सुंदरनगर में भी रूप सिंह ठाकुर के राजनैतिक वारिस अभिषेक ठाकुर के पास भाजपा के सियासी आँकड़े बिगाड़ने का पुनः खुला मौक़ा है चाहे वो आम आदमी पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे या आज़ाद लेकिन सीधे तौर पर यहाँ फिलहाल घाटे में भाजपा ही नज़र आ रही है।