फ्रांस सहित 5 देशों ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी, इस फैसले से नेतन्याहू नाराज

फ्रांस, मोनाको, माल्टा, लक्जमबर्ग तथा बेल्जियम ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी है। कल सोमवार रात को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (UN) के सदस्य देशों ने इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के समाधान के लिए बैठक की और इसकी आधिकारिक घोषणा की। आपको बता दें कि इस बैठक की अध्यक्षता फ्रांस व सऊदी अरब कर रहे थे। UN महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि फिलिस्तीनियों को राष्ट्र के तौर पर दर्जा देना, उनका अधिकार है, कोई उपहार नहीं। इसके बिना अशांति बनी रहेगी।
वहीं इजराइल ने इस पर आपत्ति जताई है। UN में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि इजराइल इसका जवाब देगा।
बेल्जियम ने शर्त के साथ मान्यता दी
बेल्जियम ने फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता तो दी है पर इसके लिए उसने एक शर्त रखी है। बेल्जियम ने शर्त में यह कहा कि गाजा में हमास को सत्ता से हटा देने के बाद ही यह कानूनी रूप से लागू होगी।
इससे पहले रविवार को ये 4 देशों- ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया तथा पुर्तगाल ने भी फिलिस्तीन को मान्यता दी थी। अभी तक लगभग 150 देश फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। चीन व रूस ने 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता दी थी। अमेरिका ऐसा देश है जिसने फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है।
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि अब गाजा के शासन में हमास की कोई दखल अंदाज़ी नहीं होगी। अब्बास ने गाजा में जंग खत्म होते ही चुनाव कराने और 3 महीने के अंदर एक अंतरिम संविधान तैयार करने का वादा किया है।
पश्चिमी देश फिलिस्तीन को मान्यता क्यों दे रहे
जानकारी के अनुसार कई सालों से पश्चिमी देश ये कहता आया है कि जब हालात ठीक होंगे तब फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता दे दी जाएगी। गाजा में करीब 2 साल से जारी जंग में भुखमरी व बर्बादी देखने को मिल रही है। इजराइल की सैन्य कार्रवाई को लेकर इजराइल के बारे में दुनिया की राय बदल रही है। इसी के चलते कई देशों ने फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का फैसला किया।