ट्रंप के फैसले से H1-B Visa के नए वीजा आवेदकों पर आई मुसीबत,1 लाख डॉलर फीस

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों H1-B वीजा से जुड़े नए नियम जारी किए थे। ट्रंप ने अचानक H1-B वीजा की फीस बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर कर दी है। उनके इस निर्णय से अमेरिका में रह रहे H1-B वीजा धारकों सहित नए वीजा आवेदकों में हड़कंप मच गया। हालांकि इस बीच अब अमेरिका ने इस पर सफाई पेश की है। स्पष्ट किया गया है कि फीस बढ़ाई गई है पर यह फीस सालाना नहीं बल्कि वन टाइम होगी। साथ ही यह फीस केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगी, न कि नवीनीकरण या मौजूदा वीजा पर।
आपको बता दें कि ट्रंप के इस फैसले के बाद कई बड़ी टेक कंपनियों ने तो अपने एम्प्लॉय को तुरंत अमेरिका रिटर्न होने के आदेश दे दिया था। लेकिन अमेरिकी अधिकारी द्वारा अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि जो भारतीये पहले से ही H1-B Visa धारण किए हुए हैं, या जो लोग अपने वीजा का रिन्यूवल करवा रहे हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। उन पर यह नई फीस लागू नहीं की जा रही है। उन्हें दोबारा आने के लिए भी एक लाख डॉलर चुकाने नहीं होंगे। यह फीस सिर्फ नए वीजा आवेदको को देनी होगी।
सबसे अधिक असर भारतीयों पर
H-1B वीजा धारकों में करीब 70% भारतीय हैं। इस वजह से अमेरिका के इस फैसले से सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों हो सकता है। इसी को देखते हुए टेक कंपनियों ने अपने एम्प्लॉईज़ को तुरंत अलर्ट कर दिया था। मोदी सरकार ने सभी केंद्रों को सलाह दी है कि वे अगले 24 घंटों में अमेरिका वापस लौटने वाले सभी भारतीय नागरिकों को हर संभव मदद प्रदान करें।
H1-B वीजा पर नए नियम
यह फीस सालाना नहीं, बल्कि वन टाइम है और यह सिर्फ नए आवेदनों पर लागू होगी। यह फीस पुराने H1-B वीजा होल्डर्स पर लागू नहीं होगी और नाहीं H1-B वीजा को रिन्यू कराने पर यह फीस लागू होगी। मीडिया के अनुसार, H-1B वीजा पर नया नियम 21 सितंबर से लागू किया जायेगा। H-1B वीजा अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को काम पर रखने की अनुमति देता है।