ओंकार के खामोश लब और बोलती सोशल मीडिया पोस्ट

"हम झूठों के बीच सच बोल बैठे
वो नमक का शहर था और हम ज़ख्म खोल बैठे।"
मुंह से भले ही ओंकार शर्मा ने एक लफ्ज़ नहीं कहा हो, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी इस पोस्ट को सरकार के 'एक्शन' के 'रिएक्शन' के तौर पर देखा जा रहा है। कह लीजिए कि उनका दर्द इशारों में छलक गया है। इस पोस्ट से उनका वास्तविक अभिप्राय क्या है, यह तो खुद ओंकार शर्मा ही जानते हैं, और हम उसे डिकोड करने की कोई कोशिश भी नहीं कर रहे। लेकिन सोशल मीडिया पर यूज़र्स इसे विनय नेगी मामले से जोड़कर जरूर देख रहे हैं।
दरअसल यह सर्वविदित है कि विनय नेगी मामले में हिमाचल प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ओंकार शर्मा की रिपोर्ट सरकार को रास नहीं आई। नतीजन, कई अहम महकमे देखने वाले ओंकार अब सिर्फ जनजातीय कार्य विभाग तक सीमित कर दिए गए हैं। वही ओंकार शर्मा, जो हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में चौथे सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और जिन्हें मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का संभावित उत्तराधिकारी भी माना जा रहा था, अब एक तरह से साइडलाइन कर दिए गए हैं।
आपको बता दें कि विनय नेगी मामले में अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में ओंकार शर्मा ने पेखुवाला पावर प्रोजेक्ट में गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा किया था। इसी रिपोर्ट और पूर्व डीजीपी अतुल वर्मा की सिफारिशों के आधार पर हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। शिमला पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आई। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ओंकार शर्मा, पूर्व डीजीपी अतुल वर्मा और शिमला के एसपी को लंबी छुट्टी पर भेज दिया। डीजीपी तो छुट्टी के दौरान ही रिटायर हो गए।
छुट्टी से लौटने के बाद सरकार ने ओंकार शर्मा से अहम विभाग लेकर उन्हें सिर्फ जनजातीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद उनकी पत्नी की सोशल मीडिया पोस्ट सुर्खियों में रही थी और अब ओंकार शर्मा की पोस्ट ने हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स उनके समर्थन में लिख रहे हैं।