मन के भेद तो तस्वीरों से जाहिर नहीं होते, पर ये तस्वीर अच्छी है !

- सुक्खू-अग्नहोत्री की मुलाकात क्या बर्फ पिघलायेगी !
- इन्तजार की इन्तेहाँ : साढ़े 6 महीने से संगठन नहीं, अब पीसीसी चीफ को लेकर अटकलें !
- सीएम सुक्खू के सर पर आलाकमान का हाथ
- कांग्रेस का हाल तय करेगी अग्नहोत्री की सियासी चाल
- पीसीसी चीफ का पद गया, तो क्या रहेगा होलीलॉज का रुख ?
अलबत्ता सियासत में मन के भेद तो तस्वीरों से जाहिर नहीं होते, लेकिन मतभेद की अटकलों को ख़ारिज करने के लिए नेता अक्सर तस्वीर का इस्तेमाल करते है। ऐसा ही आज सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी किया है। दरअसल, कुछ वक्त से इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच तकरार की खबरें आ रही थी। खासतौर से अग्निहोत्री की एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद अटकलों का बाजार गर्म था।
इस बीच डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की चोटिल बेटी का कुशलक्षेम जाने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू उनके निवास पर पहुंचे। फिर बाहर निकल दोनों नेताओं ने एक साथ तस्वीर भी खिंचवाई। क्या ये मुलाकात बर्फ पिघलायेगी, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन तरह -तरह की अटकलों के बीच सामने आई ये तस्वीर कांग्रेस के निष्ठावानों के लिए जरूर राहत भरी है।
मौजूदा वक्त में हिमाचल में कांग्रेस बेहद चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। दरअसल, अंतर्कलह के चलते आलाकमान के फैसले न ले पाने की अक्षमता खुलकर उजागर हुई है। प्रदेश में करीब साढ़े छ महीने से कांग्रेस बेसंगठन है, ढाई साल बीत जाने के बावजूद कैबिनेट में एक मंत्री पद रिक्त है, और कई अहम बोर्ड निगमों में अब तक नियुक्तियां नहीं हो पाई है। कारण है कांग्रेस में कई प्रभावी खेमों का होना। जगजाहिर है कांग्रेस मौटे तौर पर तीन गुटों में बंटी है, सीएम सुक्खू का खेमा, डिप्टी सीएम मुकेश अग्नहोत्री का खेमा और पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह का खेमा। इन तीनों के बीच संतुलन बनाना आलाकमान के सामने बड़ी चुनौती है और ये ही कारण है जरूरी फैसले लेने में भी इन्तजार की इन्तेहाँ हो गई है।
वहीँ, बीत कुछ वक्त में पीसीसी चीफ को बदले जाने की भी सुगबुगाहट है। अटकलें थी कि सुक्खू खेमा डिप्टी सीएम को संगठन की कमान देकर सेटल करवाने की फ़िराक में था। इस बीच पहले हेलीकाप्टर लेकर मंत्री अनिरुद्ध सिंह का हरोली पहुंचना और फिर दिल्ली गए मुकेश अग्नहोत्री की सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी पारा हाई कर दिया। पाकिस्तान से हुई तकरार के चलते कुछ वक्त के लिए कांग्रेस के इस गृह युद्ध से लाइमलाइट हटी जरूर, मगर अब भी जमीन पर कुछ ख़ास बदला नहीं दिखता। हाँ, गुजरते वक्त के साथ पीसीसी चीफ और कैबिनेट की कुर्सी के दावेदारों की फेहरिस्त जरूर लम्बी होती जा रही है, पर हकीकत ये है कि आलाकमान के मन ठोह किसी को नहीं।
बहरहाल, मान रहे है कि आलाकमान का हाथ पूरी तरह सीएम सुक्खू के सर पर है। पिछले वर्ष हुई बगावत के बाद हुए उपचुनाव में सुक्खू के नेतृत्व में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद आलाकमान के मन में उन्हें लेकर कोई संदेह नहीं है। सो कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ तो सीएम सुक्खू ही पार्टी का चेहरा रहेंगे। दूसरा, आने वाले वक्त में मुकेश अग्नहोत्री की सियासी चाल कांग्रेस का हाल तय करेगी। जब विपक्ष पर हावी होना हो तो निसंदेह अग्निहोत्री का कोई सानी नहीं। मजबूत जनाधार वाले कुछ विधायक भी खुलकर उनके साथ है। चर्चा ये भी है कि अग्निहोत्री को साधने के लिए दोहरी जिम्मेदारी दी जा सकती है, यानी वे डिप्टी सीएम भी बने रहेंगे और उन्हें पीसीसी चीफ भी बनाया जा सकता है। जिक्र होलीलॉज का भी जरूरी है। अगर प्रतिभा सिंह पीसीसी चीफ नहीं रहती, तो होलीलॉज का रुख क्या रहता है, ये देखना भी दिलचस्प होगा।