क्या 80 पार वाले होंगे कैबीनेट से बाहर ?

- अटकलें जारी, पर आसान नहीं सबसे बड़े एससी और ओबीसी चेहरे को ड्राप करना
- मुमकिन है तीन मंत्री ड्राप हो, कैबिनेट में दिखे चार नए चेहरे
- क्या अवस्थी की होगी कैबिनेट में एंट्री ?
- बुटेल, भवानी और संजय रतन भी कैबिनेट की कतार में
- बढ़ सकता है गोमा के पोर्टफोलियो का वजन
क्या सुक्खू कैबिनेट से 80 पार वाले नेता बाहर होंगे, इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। दरअसल सरकार बने करीब 28 महीने बीत जाने के बाद भी कैबिनेट में एक स्थान खाली है। इस बीच चर्चा है कि अब विस्तार के साथ -साथ कैबिनेट में फेरबदल भी होगा। कुछ मंत्री ड्राप हो सकते है और नए चेहरों की एंट्री होगी। साथ ही मौजूदा कुछ मंत्रियों के पोर्टफोलियो भी बदले जा सकते है।
बीते दिनों गुजरात में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी ने नए और युवा चेहरों को तरजीह दी है। इसके बाद से ही कयास है कि हिमाचल कैबिनेट में भी इसका असर दिखेगा। 80 पार कर चुके दो मंत्री, कर्नल धनीराम शांडिल और चौधरी चंद्र कुमार को कैबिनेट से ड्राप कर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। हालांकि ये मजह कयास है, लेकिन इस सम्भावना को माहिर ख़ारिज नहीं कर रहे। साथ ही चर्चा है कि क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करने के लिए जिला शिमला से एक मंत्री भी ड्राप हो सकते है। ऐसे में कैबिनेट में कुल चार नए चेहरे दिख सकते है, जिनमें मुख्य तौर पर शिमला संसदीय हलके से संजय अवस्थी, मंडी संसदीय क्षेत्र से सूंदर सिंह ठाकुर या अनुराधा राणा और कांगड़ा संसदीय हलके से आशीष बुटेल, संजय रतन और भवानी पठानिया के नामों की चर्चा है।
बात अस्सी पार कर चुके दोनों मंत्रियों की करें तो कर्नल धनीराम शांडिल एससी समुदाय से आते है और और हिमाचल कांग्रेस का सबसे बड़ा एससी चेहरा है। साथ ही दस जनपथ का हाथ भी उनके सर पर है। ऐसे में उन्हें ड्राप करना आसान नहीं होगा। इसी तरह चौधरी चंद्र कुमार सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा है। हालाँकि कई मुद्दों पर उनका मुखर होना और पुत्र नीरज भारती की सरेआम नाराजगी के बाद कुछ भी मुमकिन है। बहरहाल ये महज कयास है, और सियासत में कुछ भी मुमकिन है।
इस बीच चर्चा ये भी है की कुछ मंत्रियों के पोर्टफोलियो बदले जा सकते है। विशेषकर एससी समुदाय से आने वाले दूसरे मंत्री है यादविंद्र गोमा के पास कोई वजनदार महकमा नहीं है। माहिर मान रहे है कि कैबिनेट विस्तार के बाद गोमा के पोर्टफोलियो का वजन बढ़ सकता है।